चंडीगढ़: हरियाणा में लगातार लग रहे बिजली की कटौती जनता परेशानी पूरी तरह परेशान हो चुकी (power Shortage in Haryana) है. वहीं इस मामले को लेकर राजनीति भी जोरों पर है. इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कान्फ्रेंस कर सरकार को घेरा. सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ हरियाणा में गर्मी फुल है तो वहीं बिजली भी गुल है. वही हरियाणा की बिजली गुजरात भेजी जा रही है.
सुरजेवाला ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते कहा कि राज्य की बीजेपी और जेजेपी सरकार ने अदानी ग्रुप के सामने घुटने टेक दिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अदानी ग्रुप से अपने हक की बिजली नहीं ले पा रही है. वहीं मुफ्त में उसको बिजली दी जा रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के शहर हो या गांव 12 से 20 घंटे की अघोषित बिजली कट से जूझ रहे हैं. प्रदेश के उद्योग धंधे चौपट हो गए हैं और हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अदानी मुद्रा पावर प्लांट से 1424 मेगावाट बिजली जो कि ₹2.94 पैसे की हरियाणा को मिलनी चाहिए. वहां से एक भी यूनिट बिजली ले पाने में नाकाम क्यों हो रही है. उन्होंने कहा कि बिजली लेना तो दूर उल्टा सरकार हरियाणा से लगभग 114 लाख यूनिट बिजली हर रोज मुद्रा गुजरात को भेजी जा रही है. पहली नजर में ऐसा लगता है कि उसके बदले में हरियाणा के खाते में 1रुपये भी नहीं आ रहा है. वहीं राज्य सरकार हरियाणा के खजाने को चूना लगा रही है, और 5.75 रुपये यूनिट बिजली खरीद रही है.
सुरजेवाला ने एक तरफ जहां हरियाणा सरकार पर अदानी समूह से अपने हक की बिजली ले पाने को लेकर नाकाम होने का आरोप लगाया तो वहीं उन्होंने कहा कि हरियाणा नॉर्दन रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के अधीन आता है. उनके आंकड़े बताते हैं कि 9 अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच गुजरात मुंद्रा से बिजली लेने के बजाय उल्टा हरियाणा बिजली दे रहा है. उन्होंने कहा कि यह बिजली महेंद्रगढ़ से सीधे गुजरात जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर का हवाला देते हुए कहा कि उनके आंकड़े बताते हैं कि वहां बिजली रसीव हो रही है.
वहां की रिपोर्ट बताती है कि वहां गुजरात में कोई भी पावर शॉर्टेज नहीं है क्योंकि बिजली खरीदी जा रही है. उन्होंने कहा कि मैंने ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन से भी बात की थी. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री, बिजली मंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी और कहा कि जिस तरीके से अदानी मुद्रा से हरियाणा को बिजली नहीं दे रहा है वह सरासर नियमों और कायदों का उल्लंघन है. ऐसा होने से इस तरीके के समझौतों के मायने खत्म हो जाएंगे.
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उन्होंने माना कि अदानी द्वारा 1424 मेगावाट बिजली हरियाणा को ना देना सरासर कानून की अवहेलना भी है. इसके साथ ही उन्होंने अभी यह माना कि हरियाणा से बिजली मुद्रा गुजरात जा रही है. वही 9 से 29 अप्रैल के बीच हरियाणा से कुल 23 करोड़ 56 लाख 30 हजार यूनिट बिजली हरियाणा से मुंद्रा गुजरात गई.
उन्होंने सरकार से सीधे 5 सवाल पूछते हुए कहा कि पहला सवाल यह है कि हरियाणा की हक की बिजली मुंद्रा गुजरात क्यों भेजी गई? क्या इस बिजली की एवज में हरियाणा सरकार को एक फूटी कौड़ी भी मिली? क्या हरियाणा के हक की बिजली गुजरात को सप्लाई होने के पीछे गुजरात चुनाव तो नहीं है? क्या वजह है कि हरियाणा के हक की बिजली एक प्राइवेट कंपनी को दी जा रही है, जिसने हमें बिजली देनी थी? क्या वजह है कि अदान पावर सीएम हरियाणा की हक की बिजली नहीं ले पा रहे हैं? जबकि अदानी पावर वहीं पर 3000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है? क्या वजह है कि हरियाणा सरकार 2.94 पैसे की बिजली ले नहीं पा रही है और ₹5 75 पैसे बिजली पर खर्च कर रही है हरियाणा सरकार अपने खजाने को चूना क्यों लगा रही है?