चंडीगढ़: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने डिजिटल प्रेसवार्ता कर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. इस दौरान कांग्रेस की ओर से गठबंधन सरकार पर भी कई गंभीर आरोप लगाए गए.
कुमारी शैलजा ने कहा कि खट्टर सरकार का नया तानाशाही हुकुमनामा सामने आया है जिसमें सरकार ने 19 ब्लॉक और 2,30,000 एकड़ से ज्यादा भूमि पर धान बोने पर बैन लगा दिया है. वहीं सरकार का फरमान नहीं मानने पर किसान से MSP पर धान की खरीद नहीं करने की बात कही गई है.
कुमारी शैलजा ने बीजेपी और जेजेपी सरकार को किसानों का दुश्मन बताया. उन्होंने कहा कि 9 मई को जो सरकार की ओर से ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ स्कीम शुरू की गई है, वो अपने आप में एक तानाशाही फरमान है. क्योंकि इस आदेश के मुताबिक प्रदेश के 19 ब्लॉक में किसान धान की खेती नहीं कर सकता.
डार्क जोन वाले फैसले पर शैलजा का वार
कुमारी शैलजा ने कहा कि 19 ब्लॉक में से मुख्य तौर पर 8 ब्लॉक चुने गए हैं- सीवन और गुहला (कैथल), पीपली, शाहबाद, बाबैन, इस्माइलाबाद (कुरुक्षेत्र), रतिया (फतेहाबाद) और सिरसा. यहां चिन्हित की गई कुल भूमि 4,44,667 एकड़ है, जिसमें से 50 प्रतिशत पर यानि 2,22,334 एकड़ पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है.
कुमारी शैलजा ने आगे कहा कि अगर इन 19 ब्लॉक के किसानों ने पिछली बार की गई धान की जमीन में से 50 प्रतिशत से ज्यादा पर धान लगाया तो सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी उन्हें नहीं मिलेगी. साथ ही किसान का धान भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा.
वहीं रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के 26 ब्लॉक में पंचायती भूमि पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है. इसमें से 18 ब्लॉक सरकार की ओर से चिन्हित भी कर लिए गए हैं. जिनमें असंध, पुंडरी, सीवन, गुहला, नरवाना, थानेसर, बाबैन, शाहबाद, पिहोवा, पीपली, इस्माइलाबाद, साहा, रादौर, गन्नौर, रतिया, फतेहाबाद, सिरसा हैं.
सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साल भी खट्टर सरकार ने धान की फसल की जगह मक्के की फसल के लिए ‘जल ही जीवन’ स्कीम 7 ब्लॉक में शुरू की थी. इन 7 ब्लॉक में धान की जगह मक्के की खेती करने के लिए 2000 रु. प्रति एकड़ कैश, 766 रु. प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम और हाइब्रिड सीड देने का वादा किया था, लेकिन न तो किसान को प्रति एकड़ मुआवजा मिला, न बीमा हुआ और पूरी स्कीम सिर्फ कागजों पर बनकर रह गई.
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सुरजेवाला ने कहा कि भूजल का संरक्षण जरूरी है, लेकिन भूजल संरक्षण के नाम पर किसान के मुंह का निवाला छीन लेना गलत है.वो भी एक ऐसी खट्टर सरकार की ओर से जिन्होंने बनी बनाई ‘दादूपुर नलवी नहर परियोजना’ की भी तालाबंदी कर दी.