चंडीगढ़: कृषि कानूनों के मामले को लेकर कांग्रेस के 6 विधायकों ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को जमकर घेरा. वहीं हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता की तरफ से भाजपा के पंचकूला के मेयर पद के उम्मीदवार का नामांकन भरवाने के मुद्दे को लेकर स्पीकर पर स्पीकर की कुर्सी की मर्यादा को ठेस पहुंचाने का आरोप भी लगाया.
इस दौरान कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक ने कृषि कानूनों को किसानों का डेथ वारंट बताते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. जगबीर मलिक ने कहा कि इन कृषि कानूनों में नया कुछ भी नहीं है जबकि सरकार मंडी सिस्टम को तोड़ना चाहती है.
उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि वो एमएसपी समाप्त होने पर अपने पद से इस्तीफा दे देंगे , मगर इससे पहले बीजेपी के ही प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ कह चुके हैं कि एमएसपी व्यवहारिक नहीं है ऐसे में खुद ब खुद सवाल होते हैं.
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सरकार एमएसपी पर खरीद जारी रखने की बात तो कह रही है मगर खरीद कितनी होगी ये भी सवाल है और बाकी खरीद कौन करेगा ये भी बड़ा सवाल है. उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा देने को लेकर लाए जा रहे हैं. सरकार को विधानसभा का सत्र बुलाकर अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए.
कांग्रेस विधायकों ने सवाल उठाया है कि कई भाजपा के विधायक किसानों के साथ होने की बात कहते नजर आ रहे हैं अगर विधानसभा का सत्र बुलाकर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा तो उससे स्पष्ट हो जाएगा कि कितने विधायक किसानों के साथ हैं और कितने सरकार के साथ.
वहीं हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता की तरफ से पंचकूला में बीजेपी के मेयर उम्मीदवार कुलभूषण गोयल के नामांकन भरवाने के दौरान साथ रहने और पार्टी कार्यालय के उद्घाटन को लेकर उन्होंने कहा कि विधानसभा के स्पीकर का पद पूरी तरह से निष्पक्ष होता है, ऐसे में वो पार्टी की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं तो निष्पक्षता सदन में कैसे रहेगी.
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