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Congress Mission 2024: हरियाणा में क्या कांग्रेस गठबंधन को है तैयार, AAP और INLD को लेकर क्या कहते हैं हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान?

Congress Mission 2024 लोकसभा चुनाव 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस हरियाणा में INDIA के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस की क्या रणनीति रहने वाली है. इसको लेकर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की है. उदयभान ने आम आदमी पार्टी और इनेलो पर जमकर निशाना भी साधा. आइए जानते हैं, उदयभान ने हरियाणा में गठबंधन को लेकर क्या कुछ कहा है. (alliance in Haryana INDIA alliance in Haryana INLD aam aadmi Party)

Haryana Congress President Udaybhan on alliance in Haryana INDIA alliance in Haryana INLD aam aadmi Party
हरियाणा में AAP और INLD के साथ गठबंधन पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान.
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 24, 2023, 8:02 AM IST

Updated : Sep 24, 2023, 12:29 PM IST

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के साथ खास बातचीत.

चंडीगढ़: बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों ने INDIA गठबंधन की नींव रखी. लेकिन, अभी यह दल तय नहीं कर पाए हैं कि विभिन्न राज्यों में किस तरह से यह सभी संतुलन बनाकर आगे चलेंगे. हालांकि अभी इसको लेकर गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक भी होनी है, लेकिन हरियाणा और पंजाब में खासतौर पर राज्य कांग्रेस गठबंधन को लेकर पशोपेश में है. इन दोनों राज्यों में पार्टी इस मुद्दे पर धड़ों में बंटी नजर आती है.

हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में खुद चुनाव लड़ने में सक्षम है. वहीं, उनके इस बयान को लेकर आम आदमी पार्टी उन पर निशाना साध चुकी है. ऐसे में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान प्रदेश में गठबंधन को लेकर क्या राय रखते हैं? क्या कांग्रेस पार्टी हरियाणा में गठबंधन के साथ जाना चाहिए या नहीं? और क्या इनेलो का साथ पार्टी लेना चाहती है या नहीं? इन सभी सवालों को लेकर हमने हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष उदयभान से खास बातचीत की.

सवाल- आज के परिपेक्ष में जब नेता प्रतिपक्ष कह चुके हैं कि कांग्रेस खुद चुनाव लड़ने सक्षम है, आप क्या कहते हैं कांग्रेस को हरियाणा में गठबंधन की जरूरत है?

जवाब- कांग्रेस को किसी के साथ गठबंधन करने की जरूरत नहीं है, जिनको कांग्रेस की जरूरत है वे चाहते हैं कि कांग्रेस की बैसाखियों के सहारे उन्हें सीट मिल जाए. जहां तक लोकसभा के चुनाव के लिए गठबंधन का सवाल है तो वह फैसला किसी एक पार्टी में नहीं लेना है. 28 दलों का गठबंधन है, उनकी कोऑर्डिनेशन कमेटी ने फैसला लेना है. अगर कोई ऐसी परिस्थितियों बनी तो हमारी पार्टी का हाईकमान है, वह इसको लेकर फैसला लेगा. वह सभी को मान्य है, वह स्थिति जब बनेगी, वह तब की बात है. लेकिन, हम अपने आप में 90 की 90 विधानसभा सीटों और 10 की 10 लोकसभा सीटों का चुनाव लड़ने के लिए सक्षम है. हमारे पास इन सभी सीटों के लिए मजबूत उम्मीदवार हैं. हमें गठबंधन की जरूरत नहीं है. अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व समझता है कि गई हमें किसी से गठबंधन करना है और हमें कहीं कुर्बानी देनी है, उसको लेकर हमारा हाईकमान जो भी फैसला लेगा वह हमें मंजूर होगा.

ये भी पढ़ें: Haryana Political News Congress Inld Alliance: इनेलो के साथ गठबंधन से हुड्डा का साफ इंकार, हुड्डा ने कहा कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम

सवाल- अगर इस मामले में हरियाणा कांग्रेस की राय ली गई तो आप इस पर क्या राय देंगे, जैसा कि आप कह रहे हैं कि कांग्रेस अपने आप में सक्षम है तो क्या यही राय हाई कमान को भी देंगे?

जवाब- बिल्कुल अगर हाई कमान हमसे पूछेगा तो जो आपको हमने बताया है हम वह राय हाईकमान के सामने रखेंगे. फिर भी अंतिम फैसला तो हाईकमान ने लेना है. क्या परिस्थितियों बनती है, गठबंधन में हो सकता है कहीं ना कहीं कोई कुर्बानी भी देनी पड़े, यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है,जो भी स्थिति होगी और हाईकमान जो फैसला लेगा वह हमें मंजूर है.

सवाल- इनेलो की ओर से 25 सितंबर के कार्यक्रम के लिए आपके पार्टी अध्यक्ष को निमंत्रण दिया गया है. क्या कांग्रेस उस कार्यक्रम में शामिल होगी? इसके साथ ही इंडियन नेशनल लोकदल गठबंधन के साथ आना चाहती है क्या आप उनका साथ लेकर चलना चाहेंगे?

जवाब- मैंने अखबारों में पढ़ा था कि अभय चौटाला हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष को निमंत्रण देने के लिए गए थे, और सोनिया गांधी जी को भी निमंत्रण देकर आए हैं. मुझे नहीं पता कि कांग्रेस नेतृत्व इसके बारे में क्या फैसला लेता है. यह इनेलो का सामाजिक प्रोग्राम है. वह हर साल करते हैं. चौधरी देवीलाल जी की पुण्यतिथि पर जाने का अलग कार्यक्रम होता है, गठबंधन का अलग कार्यक्रम होता है. इन सारी चीजों पर हमारा हाईकमान विचार करेगा. उनकी ओर से जो भी हिदायत आएगी और हमारे लिए कोई बात होगी तो करेंगे. हमसे अगर इसको लेकर कोई चर्चा करेंगे तो हम सुझाव देंगे.

सवाल- क्या कांग्रेस के लिए हरियाणा में इनेलो के साथ गठबंधन करना सही रहेगा?

जवाब- वह तो हमारे सहयोगी बनना चाहते हैं, लेकिन हमें पता है कि इनेलो जमीन पर कहीं नहीं है. लोगों ने इनको नकार दिया है, यह तो हमें पता है इनेलो कभी हमारी पार्टी की नहीं हो सकती. यह जब राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पति का चुनाव आता है तो बीजेपी को वोट देते हैं. राज्यसभा का चुनाव आता है तो यह बीजेपी को वोट देते हैं. विधानसभा में यह हमेशा कांग्रेस के खिलाफ बोलते हैं. हरियाणा में भी कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ रोज बयान देते हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ बयान देते हैं, हमारे खिलाफ भी बयान देते हैं. अब यह कांग्रेस का सहारा लेकर गठबंधन करना चाहते हैं. हम तो जमीनी सच्चाई अपने नेताओं को बता सकते हैं. बाकी फैसला तो हमारा केंद्रीय नेतृत्व को लेना है, जो वह फैसला लेंगे वह सभी को मान्य है.

सवाल- हरियाणा के परिप्रेक्ष्य में आप आम आदमी पार्टी को कैसे देखते हैं?

जवाब- हरियाणा में आम आदमी पार्टी कहीं भी अस्तित्व में नहीं है. विधानसभा चुनाव में 90 की 90 सीटों पर उनकी जमानत जब्त हुई. 10 की 10 लोकसभा सीटों पर उनकी जमानत जब्त हुई और अभी हाल फिलहाल में ही आदमपुर में उपचुनाव हुआ. दोनों मुख्यमंत्री पंजाब और दिल्ली के, इनकी सारी टीम वहां पर लगी रही. जबकि अरविंद केजरीवाल तो हिसार के ही हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उनको 2.9 फीसदी वोट मिले. उनके उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई. आदमपुर के चुनाव ने भी यह बता दिया कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी कहीं भी नहीं है. हमारी पार्टी में बड़ी संख्या में पूर्व विधायक और मंत्री शामिल हुए हैं. इनके कई वरिष्ठ नेता भी हमारी पार्टी में शामिल हुए हैं. हमारी पार्टी में आम आदमी पार्टी, इनेलो जेजेपी और बीजेपी से बहुत से लोग शामिल हुए हैं. जबकि हमारा तो कोई भी नेता इनकी पार्टी में नहीं गया. यह इस बात का संकेत है कि कांग्रेस की लहर चल रही है यह सब इस बात का फायदा उठाना चाहते हैं. अगर आम आदमी पार्टी हरियाणा में मजबूत होती तो जो नेता आम आदमी पार्टी में गए थे, वह वापस कांग्रेस में क्यों आते. आम आदमी पार्टी के पास गुठलियां ही गुठलियां है, आम तो हमारे पास है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा कांग्रेस में लोकसभा उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया शुरू, डिस्ट्रिक्ट कमेटी का पैनल तय करेगा कैंडिडेट, प्रभारी दीपक बाबरिया ने शुरू की बैठक

सवाल- आम आदमी पार्टी कहती है कि भूपेंद्र हुड्डा रोहतक हार गए, सोनीपत हार गए फिर भी अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम होने की बात करते हैं. इसके साथ ही वह मीडिया में चल रहे कुछ बयानों का हवाला भी देते हैं कि भूपेंद्र हुड्डा जानबूझकर यह सब कह रहे हैं?

जवाब- इनको यह बताना चाहिए कि इनकी किस सीट पर जमानत बची है. यह खुद कहां खड़े हैं. इनको कांग्रेस के बजाय अपने आप से पूछना चाहिए कि यह खुद कहां खड़े हैं. इनका कहीं कोई अस्तित्व नहीं है. यह लोग उटपटांग बातें करते हैं, किसी न किसी के बारे में बगैर सिर पैर की बात करते हैं.जनता यह सब कुछ समझती है. इनको जनता ने बिल्कुल नकार रखा है.

सवाल- कांग्रेस पार्टी के संगठन की प्रक्रिया कहां तक पहुंची और कब तक संगठन का ऐलान हो जाएगा?

जवाब- संगठन बनाने की हमारी प्रक्रिया बड़ी तेजी से चल रही है. उस पर लगातार मंथन जारी है. उम्मीद है कि इसी महीने में हो जाना चाहिए.

सवाल- आने वाले दिनों में पार्टी के क्या कार्यक्रम है?

जवाब- हमारे लगातार कार्यक्रम जारी है. 8 अक्टूबर को जींद में कार्यक्रम है. इसके साथ ही हमारा सभी विधानसभा में जाने का कार्यक्रम है. हुड्डा साहब और मैं दोनों सभी विधानसभाओं का दौरा करेंगे. सभी विधानसभाओं में जनसभा करेंगे.

सवाल- तो क्या हम मन कर चले आपकी तैयारी सभी 10 के 10 लोकसभा और 90 की 90 विधानसभा में चुनाव लड़ने की है?

जवाब- बिल्कुल हमारा इन सभी पर चुनाव लड़ने पर फोकस है. बाकी फैसला हमारे हाईकमान का है.

सवाल- आम आदमी पार्टी भी कह रही है कि वह 90 की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो क्या यह सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन है?

जवाब- वह लड़ें, वह तो कर्नाटक में भी लड़े थे, हिमाचल में भी लड़े थे, मध्य प्रदेश में भी लड़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी लड़ रहे हैं, अब राजस्थान में भी लड़ रहे हैं. हरियाणा में भी लड़ लेंगे. उसमें तो कोई नई बात नहीं है. कांग्रेस पार्टी भी पूरी तरह तैयार है और मजबूत है. हम जबरदस्त जीत हासिल करेंगे.

ये भी पढ़ें: Haryana Congress Controversy: हरियाणा में गठबंधन पर भी 2 धड़ों में बंटी दिख रही है कांग्रेस, क्या हैं इसके राजनीतिक मायने?

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के साथ खास बातचीत.

चंडीगढ़: बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों ने INDIA गठबंधन की नींव रखी. लेकिन, अभी यह दल तय नहीं कर पाए हैं कि विभिन्न राज्यों में किस तरह से यह सभी संतुलन बनाकर आगे चलेंगे. हालांकि अभी इसको लेकर गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक भी होनी है, लेकिन हरियाणा और पंजाब में खासतौर पर राज्य कांग्रेस गठबंधन को लेकर पशोपेश में है. इन दोनों राज्यों में पार्टी इस मुद्दे पर धड़ों में बंटी नजर आती है.

हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में खुद चुनाव लड़ने में सक्षम है. वहीं, उनके इस बयान को लेकर आम आदमी पार्टी उन पर निशाना साध चुकी है. ऐसे में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान प्रदेश में गठबंधन को लेकर क्या राय रखते हैं? क्या कांग्रेस पार्टी हरियाणा में गठबंधन के साथ जाना चाहिए या नहीं? और क्या इनेलो का साथ पार्टी लेना चाहती है या नहीं? इन सभी सवालों को लेकर हमने हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष उदयभान से खास बातचीत की.

सवाल- आज के परिपेक्ष में जब नेता प्रतिपक्ष कह चुके हैं कि कांग्रेस खुद चुनाव लड़ने सक्षम है, आप क्या कहते हैं कांग्रेस को हरियाणा में गठबंधन की जरूरत है?

जवाब- कांग्रेस को किसी के साथ गठबंधन करने की जरूरत नहीं है, जिनको कांग्रेस की जरूरत है वे चाहते हैं कि कांग्रेस की बैसाखियों के सहारे उन्हें सीट मिल जाए. जहां तक लोकसभा के चुनाव के लिए गठबंधन का सवाल है तो वह फैसला किसी एक पार्टी में नहीं लेना है. 28 दलों का गठबंधन है, उनकी कोऑर्डिनेशन कमेटी ने फैसला लेना है. अगर कोई ऐसी परिस्थितियों बनी तो हमारी पार्टी का हाईकमान है, वह इसको लेकर फैसला लेगा. वह सभी को मान्य है, वह स्थिति जब बनेगी, वह तब की बात है. लेकिन, हम अपने आप में 90 की 90 विधानसभा सीटों और 10 की 10 लोकसभा सीटों का चुनाव लड़ने के लिए सक्षम है. हमारे पास इन सभी सीटों के लिए मजबूत उम्मीदवार हैं. हमें गठबंधन की जरूरत नहीं है. अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व समझता है कि गई हमें किसी से गठबंधन करना है और हमें कहीं कुर्बानी देनी है, उसको लेकर हमारा हाईकमान जो भी फैसला लेगा वह हमें मंजूर होगा.

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सवाल- अगर इस मामले में हरियाणा कांग्रेस की राय ली गई तो आप इस पर क्या राय देंगे, जैसा कि आप कह रहे हैं कि कांग्रेस अपने आप में सक्षम है तो क्या यही राय हाई कमान को भी देंगे?

जवाब- बिल्कुल अगर हाई कमान हमसे पूछेगा तो जो आपको हमने बताया है हम वह राय हाईकमान के सामने रखेंगे. फिर भी अंतिम फैसला तो हाईकमान ने लेना है. क्या परिस्थितियों बनती है, गठबंधन में हो सकता है कहीं ना कहीं कोई कुर्बानी भी देनी पड़े, यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है,जो भी स्थिति होगी और हाईकमान जो फैसला लेगा वह हमें मंजूर है.

सवाल- इनेलो की ओर से 25 सितंबर के कार्यक्रम के लिए आपके पार्टी अध्यक्ष को निमंत्रण दिया गया है. क्या कांग्रेस उस कार्यक्रम में शामिल होगी? इसके साथ ही इंडियन नेशनल लोकदल गठबंधन के साथ आना चाहती है क्या आप उनका साथ लेकर चलना चाहेंगे?

जवाब- मैंने अखबारों में पढ़ा था कि अभय चौटाला हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष को निमंत्रण देने के लिए गए थे, और सोनिया गांधी जी को भी निमंत्रण देकर आए हैं. मुझे नहीं पता कि कांग्रेस नेतृत्व इसके बारे में क्या फैसला लेता है. यह इनेलो का सामाजिक प्रोग्राम है. वह हर साल करते हैं. चौधरी देवीलाल जी की पुण्यतिथि पर जाने का अलग कार्यक्रम होता है, गठबंधन का अलग कार्यक्रम होता है. इन सारी चीजों पर हमारा हाईकमान विचार करेगा. उनकी ओर से जो भी हिदायत आएगी और हमारे लिए कोई बात होगी तो करेंगे. हमसे अगर इसको लेकर कोई चर्चा करेंगे तो हम सुझाव देंगे.

सवाल- क्या कांग्रेस के लिए हरियाणा में इनेलो के साथ गठबंधन करना सही रहेगा?

जवाब- वह तो हमारे सहयोगी बनना चाहते हैं, लेकिन हमें पता है कि इनेलो जमीन पर कहीं नहीं है. लोगों ने इनको नकार दिया है, यह तो हमें पता है इनेलो कभी हमारी पार्टी की नहीं हो सकती. यह जब राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पति का चुनाव आता है तो बीजेपी को वोट देते हैं. राज्यसभा का चुनाव आता है तो यह बीजेपी को वोट देते हैं. विधानसभा में यह हमेशा कांग्रेस के खिलाफ बोलते हैं. हरियाणा में भी कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ रोज बयान देते हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ बयान देते हैं, हमारे खिलाफ भी बयान देते हैं. अब यह कांग्रेस का सहारा लेकर गठबंधन करना चाहते हैं. हम तो जमीनी सच्चाई अपने नेताओं को बता सकते हैं. बाकी फैसला तो हमारा केंद्रीय नेतृत्व को लेना है, जो वह फैसला लेंगे वह सभी को मान्य है.

सवाल- हरियाणा के परिप्रेक्ष्य में आप आम आदमी पार्टी को कैसे देखते हैं?

जवाब- हरियाणा में आम आदमी पार्टी कहीं भी अस्तित्व में नहीं है. विधानसभा चुनाव में 90 की 90 सीटों पर उनकी जमानत जब्त हुई. 10 की 10 लोकसभा सीटों पर उनकी जमानत जब्त हुई और अभी हाल फिलहाल में ही आदमपुर में उपचुनाव हुआ. दोनों मुख्यमंत्री पंजाब और दिल्ली के, इनकी सारी टीम वहां पर लगी रही. जबकि अरविंद केजरीवाल तो हिसार के ही हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उनको 2.9 फीसदी वोट मिले. उनके उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई. आदमपुर के चुनाव ने भी यह बता दिया कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी कहीं भी नहीं है. हमारी पार्टी में बड़ी संख्या में पूर्व विधायक और मंत्री शामिल हुए हैं. इनके कई वरिष्ठ नेता भी हमारी पार्टी में शामिल हुए हैं. हमारी पार्टी में आम आदमी पार्टी, इनेलो जेजेपी और बीजेपी से बहुत से लोग शामिल हुए हैं. जबकि हमारा तो कोई भी नेता इनकी पार्टी में नहीं गया. यह इस बात का संकेत है कि कांग्रेस की लहर चल रही है यह सब इस बात का फायदा उठाना चाहते हैं. अगर आम आदमी पार्टी हरियाणा में मजबूत होती तो जो नेता आम आदमी पार्टी में गए थे, वह वापस कांग्रेस में क्यों आते. आम आदमी पार्टी के पास गुठलियां ही गुठलियां है, आम तो हमारे पास है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा कांग्रेस में लोकसभा उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया शुरू, डिस्ट्रिक्ट कमेटी का पैनल तय करेगा कैंडिडेट, प्रभारी दीपक बाबरिया ने शुरू की बैठक

सवाल- आम आदमी पार्टी कहती है कि भूपेंद्र हुड्डा रोहतक हार गए, सोनीपत हार गए फिर भी अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम होने की बात करते हैं. इसके साथ ही वह मीडिया में चल रहे कुछ बयानों का हवाला भी देते हैं कि भूपेंद्र हुड्डा जानबूझकर यह सब कह रहे हैं?

जवाब- इनको यह बताना चाहिए कि इनकी किस सीट पर जमानत बची है. यह खुद कहां खड़े हैं. इनको कांग्रेस के बजाय अपने आप से पूछना चाहिए कि यह खुद कहां खड़े हैं. इनका कहीं कोई अस्तित्व नहीं है. यह लोग उटपटांग बातें करते हैं, किसी न किसी के बारे में बगैर सिर पैर की बात करते हैं.जनता यह सब कुछ समझती है. इनको जनता ने बिल्कुल नकार रखा है.

सवाल- कांग्रेस पार्टी के संगठन की प्रक्रिया कहां तक पहुंची और कब तक संगठन का ऐलान हो जाएगा?

जवाब- संगठन बनाने की हमारी प्रक्रिया बड़ी तेजी से चल रही है. उस पर लगातार मंथन जारी है. उम्मीद है कि इसी महीने में हो जाना चाहिए.

सवाल- आने वाले दिनों में पार्टी के क्या कार्यक्रम है?

जवाब- हमारे लगातार कार्यक्रम जारी है. 8 अक्टूबर को जींद में कार्यक्रम है. इसके साथ ही हमारा सभी विधानसभा में जाने का कार्यक्रम है. हुड्डा साहब और मैं दोनों सभी विधानसभाओं का दौरा करेंगे. सभी विधानसभाओं में जनसभा करेंगे.

सवाल- तो क्या हम मन कर चले आपकी तैयारी सभी 10 के 10 लोकसभा और 90 की 90 विधानसभा में चुनाव लड़ने की है?

जवाब- बिल्कुल हमारा इन सभी पर चुनाव लड़ने पर फोकस है. बाकी फैसला हमारे हाईकमान का है.

सवाल- आम आदमी पार्टी भी कह रही है कि वह 90 की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो क्या यह सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन है?

जवाब- वह लड़ें, वह तो कर्नाटक में भी लड़े थे, हिमाचल में भी लड़े थे, मध्य प्रदेश में भी लड़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी लड़ रहे हैं, अब राजस्थान में भी लड़ रहे हैं. हरियाणा में भी लड़ लेंगे. उसमें तो कोई नई बात नहीं है. कांग्रेस पार्टी भी पूरी तरह तैयार है और मजबूत है. हम जबरदस्त जीत हासिल करेंगे.

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Last Updated : Sep 24, 2023, 12:29 PM IST
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