चंडीगढ़: कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला (Congress general secretary Randeep Surjewala) ने सोमवार को प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा-जजपा सरकार हरियाणा के शहरों व कस्बों में रहने वाले मेहनतकश लोगों से आए दिन लूट-खसोट व वसूली कर दुश्मनी निकाल रही है. लगता है कि खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी हरियाणा के शहरों व कस्बों में रहने वाले लोगों को घर से बेघर करने पर उतारू है. खट्टर सरकार ने चौतरफा भ्रष्टाचार, कुशासन व वित्तीय कुप्रबंधन से तरक्कीशील हरियाणा के आर्थिक हालात बिहार और यूपी से भी बदतर कर दिए हैं.
सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा बनने के 48 साल बाद 2014 में जब खट्टर सरकार बनी, तो प्रदेश पर ₹68,000 करोड़ का कर्ज था, जो इनके 7.5 साल की सरकार में ₹2 लाख करोड़ को पार कर रहा है. जीएसटी और पेट्रोल-डीजल की लूट और उससे पैदा हुई महंगाई के चलते उद्योग-धंधे ठप हैं, नौकरीपेशा लोगों, आम जनता और गरीबों की कमर पहले ही टूटी पड़ी है पर खट्टर-दुष्यंत सरकार मरहम लगाने के बजाय अनाप-शनाप टैक्स लगाकर प्रदेश की जनता को घाव देने में जुटी है.
उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार का ताजा ‘दानवी फरमान’ अब 18 फरवरी 2022 (संलग्नक A1) को जारी किया गया है, जिसके मुताबिक नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगमों में विकास शुल्क अब दस गुना बढ़ाकर कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत कर दिया गया है. यानि अब 100 वर्ग गज के मकान का नक्शा पास करवाने के लिए भी डेढ़ से दो लाख रुपये तक फीस देनी पड़ेगी.
इससे पहले कांग्रेस सरकार में विकास शुल्क नगर पालिका में ₹30 प्रति वर्ग गज, नगर परिषद में ₹50 प्रति वर्ग गज, नगर निगम में ₹100 प्रति वर्ग गज तथा फरीदाबाद व गुड़गांव नगर निगम में ₹150 प्रति वर्ग गज था.
गांव के लाल डोरा में जो मकान, दुकान इत्यादि नगर परिषद या नगर निगम की सीमा में आ जाते हैं, पहले उन पर विकास शुल्क नहीं लगता था. अब लाल डोरा में आने वाली संपत्तियों पर भी कलेक्टर रेट पर विकास शुल्क देना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जब-जब कलेक्टर रेट बढ़ेगा, हरियाणा के शहरों और कस्बों में रहने वाले लोगों द्वारा देय विकास शुल्क अपने आप बढ़ जाएगा. खट्टर-दुष्यंत सरकार ने हरियाणा में कलेक्टर रेट अनाप-शनाप बढ़ाकर 10 फरवरी, 2022 से नई दरें लागू कर दी. 18 फरवरी, 2022 से अब विकास शुल्क को कलेक्टर रेट से जोड़ जनता पर दोहरी मार मारी.
सच्चाई यह है कि किसी भी शहर या कस्बे में सरकार किसी प्रकार की सुविधा नहीं दे रही. उल्टा शहर में रहने वाले साधारण लोगों और गरीबों पर टैक्स का बोझ डाला जा रहा है. खट्टर सरकार ने डीजल पर वैट 9.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.25 प्रतिशत कर दिया. पेट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26.25 प्रतिशत कर दिया. स्टांप ड्यूटी पहले ही बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दी है. HSBT के प्लॉट रियायती दरों की बजाय बोली लगाकर बेचे जाते हैं. HSVP (HUDA) के इलाकों में घर के पानी का शुल्क ₹ 1.00 प्रति किलो लीटर से बढ़ाकर 1 जून, 2017 से ₹10.00 प्रति किलो लीटर कर दिया है. हमारी मांग है कि भाजपा-जजपा सरकार इस फरमान को फौरन वापस लें, नहीं तो हर शहर में व्यापक जन आंदोलन होगा.
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