चंडीगढ़: कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा के तकनीकी शिक्षा विभाग में प्राध्यापकों की भर्ती को लेकर सरकार पर निशाना साधा. सुरजेवाला ने कहा कि 153 में से 106 पदों पर बाहर के उम्मीदवारों की भर्ती की गई है. जिससे बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रदेश के लाखों युवाओं के स्वर्णिम भविष्य की उम्मीदों को हत्या कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी के पाताल में धकेल दिया है. रणदीप ने राज्य सरकार से इन परिणामों पर तत्काल पुनर्विचार करके हरियाणा के युवाओं को न्याय देने की मांग की.
सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के युवा इस अन्याय और विश्वासघात का बदला वोट की चोट से लेकर देंगे. रणदीप ने कहा कि ये पहली बार नहीं हुआ कि जब किसी भर्ती में 80% से अधिक पदों पर बाहरी उम्मीदवारों को भरा गया हो. खट्टर सरकार में ये आम बात है. इससे पहले एचपीएससी द्वारा की गई राजनीति विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में सामान्य वर्ग के कुल 18 पदों में से 11 पर बाहरी उम्मीदवार भरे गए. 2018-19 में बिजली विभाग के एसडीओ की भर्ती में 80 में से 78 बाहरी उम्मीदवार भरे गए.
इस भर्ती को मुद्दा बनाकर दुष्यंत चौटाला ने खुद की बेरोजगारी तो दूर कर ली और उपमुख्यमंत्री बन बैठे, लेकिन आज उन्हीं की सरपरस्ती में यही सब दोहराया गया. यही भर्ती जब दोबारा हुई तो 80 में से सिर्फ 22 लोग ही हरियाणा के लगे. 2019 की एचसीएस की भर्ती में दूसरी रैंक सहित 40% उम्मीदवार बाहरी थे. सुरजेवाला ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के लोगों को कंधे से ऊपर कमजोर मानते हैं और वो जनता को लगातार साढे आठ साल से इसका अहसास करवाते आए हैं. उन्होंने कहा कि सीएम ने खुद के सलाहकार, ओएसडी, बोर्ड-कॉर्पोरेशन के चेयरमैन तो बाहरी लगाए ही हुए थे.
अब तो चपड़ासी को छोड़कर शेष अधिकांश कर्मचारी भी धीरे-धीरे बाहरी भरे जा रहे हैं. सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार एक तरफ तो फैक्ट्रियों में मजदूरों की संख्या में 75% आरक्षण का पाखंड करती है और दूसरी तरफ सरकारी नौकरियों से प्रदेश के युवाओं को मरहूम करती जा रही है. इसी का नतीजा है कि हरियाणा प्रदेश अब पूरे देश में बेरोजगारी दर में नंबर वन पर है. प्रदेश के गांव-गांव में वीजा लगवाने और अवैध ढंग से विदेश भेजने वाले एजेंट्स के बड़े-बड़े होर्डिंग्स ये दिखाने के लिए काफी हैं कि प्रदेश में कबूतरबाजी का धंधा जोरों पर है.
बेरोजगार युवाओं को उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर लाखों रुपए लेकर गैरकानूनी ढंग से विदेशों में भेजा जाता है और वहां वे लोग पकड़े जाते हैं तथा सालों तक जेलों में सड़ते हैं. सुरजेवावा ने कहा कि खट्टर सरकार मेरिट के पाखंड के नाम पर प्रदेश के युवाओं के साथ ये अत्याचार बन्द करें. इनकी मेरिट की पोल एचपीएससी के पूर्व उप सचिव अनिल नागर की ओएमआर शीट भरने की रिश्वत की करोड़ों रुपए की 'अटैची' के साथ ही खुल चुकी है. अब इनकी मेरिट की असलियत भी सामने आ चुकी है और अब तो नागर भी बाहर आ चुका है. उन्होंने राज्य सरकार से भर्तियों में में 50% क्वालिफाइंग अंकों की शर्त तुरन्त हटाने की भी मांग की. साथ ही लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार में हरियाणा की नॉलेज अनिवार्य करने तथा परीक्षाओं की शुचिता बहाल करने पर जोर देते हुए उन्होंने खट्टर सरकार से इस भर्ती को रद्द करके दोबारा भर्ती करने की मांग की है.