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पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए ग्राम स्तर पर भी बनेंगी कमेटियां

हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं (stubble burning in Haryana) में कमी लाने के लिए ग्राम स्तर पर भी कमेटियां बनाई जाएंगी. हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने ये जानकारी दी.

stubble burning in Haryana
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Published : Mar 11, 2022, 5:24 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आगामी सीजन को देखते हुए फसल अवशेष प्रबंधन (stubble burning in Haryana) के लिए अभी से कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने एक्स सीटू प्रबंधन हेतु वर्तमान प्रौद्योगिकियों के अलावा नई प्रौद्योगिकियों और परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए. मुख्य सचिव आगामी सीजन के लिए एक्स सीटू प्रबंधन के संबंध में शुक्रवार को बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि गत वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है और इस वर्ष भी पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए अभी से कार्य योजना तैयार की जाए, इसके लिए ग्राम स्तर पर भी कमेटियां बनाई जाएं ताकि जमीनी स्तर पर पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा सके और किसानों को भी पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन-सीटू प्रबंधन व्यापक स्तर पर किया जा रहा है और इसके साथ ही एक्स सीटू प्रबंधन पर अधिक जोर देने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- इस तकनीक के जरिए पराली का समाधान कर रहे किसान, साथ में हो रही अच्छी बचत

इसके लिए वर्तमान प्रौद्योगिकियों के अलावा नई-नई प्रौद्योगिकियों और नई परियोजनाओं की संभावनाएं भी तलाशी जाएं. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में बायोमास एनर्जी प्लांट, एथेनॉल प्लांट, और कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट को और अधिक व्यवहार्य बनाने और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए सहकारी चीनी मिलों की लागत का अध्ययन करवाया जाए, ताकि अधिक मात्रा में पराली की खपत को बढ़ावा मिले.

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चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आगामी सीजन को देखते हुए फसल अवशेष प्रबंधन (stubble burning in Haryana) के लिए अभी से कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने एक्स सीटू प्रबंधन हेतु वर्तमान प्रौद्योगिकियों के अलावा नई प्रौद्योगिकियों और परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए. मुख्य सचिव आगामी सीजन के लिए एक्स सीटू प्रबंधन के संबंध में शुक्रवार को बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि गत वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है और इस वर्ष भी पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए अभी से कार्य योजना तैयार की जाए, इसके लिए ग्राम स्तर पर भी कमेटियां बनाई जाएं ताकि जमीनी स्तर पर पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा सके और किसानों को भी पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन-सीटू प्रबंधन व्यापक स्तर पर किया जा रहा है और इसके साथ ही एक्स सीटू प्रबंधन पर अधिक जोर देने की जरूरत है.

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इसके लिए वर्तमान प्रौद्योगिकियों के अलावा नई-नई प्रौद्योगिकियों और नई परियोजनाओं की संभावनाएं भी तलाशी जाएं. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में बायोमास एनर्जी प्लांट, एथेनॉल प्लांट, और कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट को और अधिक व्यवहार्य बनाने और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए सहकारी चीनी मिलों की लागत का अध्ययन करवाया जाए, ताकि अधिक मात्रा में पराली की खपत को बढ़ावा मिले.

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