चंडीगढ़ः सीएम विंडो पर भ्रष्टाचार की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डॉ. राकेश गुप्ता ने कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.जगराज ढांडी को संस्पेंड करने के निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा 14 साल की बच्ची के फर्जी हस्ताक्षर कर सीएम विंडो की शिकायत को बंद करने वाले पुलिस विभाग के एक अधिकारी को सस्पेंड करने के निर्देश दिये गए हैं.
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता और मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने गुरुवार को चंडीगढ़ में सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों की बैठक ली.
बैठक में सीएम विंडो पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक से संबंधित एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डॉ. राकेश गुप्ता ने आरोपों को छुपाने, मामले में देरी से कार्रवाई करने और जांच सही तरीके से न करने के मामले में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ जगराज ढांडी को संस्पेंड करने के निर्देश दिये हैं.
इसके अलावा बैठक में पुलिस विभाग से संबंधित एक गंभीर शिकायत जिसमें 14 साल की बच्ची के फर्जी हस्ताक्षर कर सीएम विंडो पर आई शिकायत को बंद करने की कोशिश करने वाले भिवानी के सहायक उप निरीक्षक सतीश कुमार को सस्पेंड करने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए हैं.
इसके अलावा मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी दी गई और 15 दिन में मामले का समुचित समाधान करने के भी निर्देश दिये गए हैं. बागवानी विभाग के अंतर्गत आई एक शिकायत में भिवानी के पूर्व जिला बागवानी अधिकारी के खिलाफ पुलिस जांच के निर्देश दिये गए हैं.
वहीं श्रम विभाग से संबंधित सीएम विंडो पर आई एक शिकायत पर जिन अधिकारियों/कर्मचारियों ने सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना अनधिकृत खर्चा किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
बैठक में वैंबलिंग स्टेट, गुरुग्राम का एक विषय सामने आया है, जिसमें बिल्डर द्वारा मौजूदा सोसाइटी का पॉजेशन रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन को नहीं दे रहा था. मामले में 7-8 साल से यथास्थिति बनी हुई थी. सीएम विंडो पर शिकायत आने के बाद विभाग ने त्वरित कार्रवाई कर सोसाइी का पॉजेशन रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन को दिला दिया गया है.
जिस पर डॉ राकेश गुप्ता और मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने विभाग की पीठ थपथपाई. डॉ गुप्ता ने बताया नोडल अधिकारियों को बीते वर्ष के बचे हुए कुछ मामलों को एक महीने में निपटान के निर्देश दिये हैं. बैठक में एसएमजीटी पर भी समीक्षा की गई.