चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के लिए बजट सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही काफी राहत लेकर आई क्योंकि विपक्ष की तरफ से दिया गया विश्वास प्रस्ताव सदन में गिर गया. अगर अविश्वास प्रस्ताव पास होता तो सरकार अल्पमत में आ सकती थी.
वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव लाने पर धन्यवाद कर डाला. सीएम ने कहा कि उन्हें अब अपनी बात रखने का पूरा मौका मिल जाएगा और सदन में सभी विधायकों की मौजूदगी रहेगी. पहले जब भी वो विधानसभा में जवाब पेश करते थे तो विधायकों की संख्या कम रहती थी.
सीएम ने तो यहां तक कह दिया कि विपक्ष के लोगों को हर छह माह में अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए ताकि वो अपनी बात इसी तरीके से रख सकें. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन की कार्यवाही के बाद कहा कि आज विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. वैसे अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले ही उन्होंने मान लिया था कि हम केवल चर्चा के लिए ला रहे हैं, ये कोई अविश्वास प्रस्ताव सरकार को गिराने के लिए नहीं है.
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मैंने भी उनका धन्यवाद किया कि कम से कम इस बहाने से अपनी बात कहने का मौका मिल गया. विपक्ष के लोग सदन में पूरी बात सुनते नहीं थे. इस बार विपक्ष की मजबूरी थी उन्हें पूरे समय बैठना था. इस बार सभी आपत्तियों पर बिंदुवार विपक्ष के सामने एक एक बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा है.
सीएम ने कहा जानकारी मिली है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 9 सदस्य कमेटी बातचीत के लिए केंद्र से बनाई है. अगर कमेटी बनी है तो बातचीत का रास्ता खुलेगा, ऐसा लगता है. सीएम ने कहा कि किसान आंदोलन किसी के भी हित में नहीं है. इससे बहुत नुकसान हो रहा है. पिछले साढ़े 3 महीने में 11 से 12 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. जानें भी अलग से गई हैं. वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सीक्रेट वोटिंग पर सीएम ने कहा कि ये होता तो वो नहीं होता, ऐसी बहुत सी बातें होती हैं.
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