चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) और किसानों के बीच चल रहे विवाद में पूर्व सीएम चौटाला का समर्थन किया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर किसानों ने ओपी चौटाला को बुलाया था तो उनको बोलने देना चाहिए था, लेकिन नेताओं को भी देखना चाहिए वो कहां जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि ये चौटाला साहब के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन है. अगर उन्हें बुलाया गया है तो उन्हें बोलने देना चाहिए था.
मुख्यमंत्री ने राजनीतिक पार्टियों को सचेत करते हुए कहा कि अब राजनीतिक पार्टियों को सोचना चाहिए कि इन लोगों का समर्थन करना भी चाहिए या नहीं, क्योंकि एक लिमिट से आगे बढ़कर ये लोग ऐसे काम कर रहे हैं. अब किसान आंदोलन में तमाम तरह की ताकत काम कर रही हैं. इसके पीछे कुछ खालिस्तानी ताकतें भी हैं. गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों का धरना लगातार जारी है. इसी धरने में शामिल होने रविवार को ओपी चौटाला को आना था, लेकिन किसानों की ओर से पहले ही ऐलान कर दिया गया था कि वो ओपी चौटाला को ना तो मंच साझा करने देंगे और ना ही उन्हें बोलने के लिए माइक देंगे.
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किसानों के मना करने के बाद भी ओपी चौटाला रविवार को खटकड़ टोल प्लाजा पर पहुंचे, जहां किसानों ने उन्हें बोलने का मौका तक नहीं दिया. ओपी चौटाला माइक मांगते रह गए, लेकिन किसानों ने उन्हें माइक नहीं दिया. ओपी चौटाला ने यहां तक कहा कि एक बार जनता से पूछ लो कि माइक देना है कि नहीं, लेकिन इसके बाद भी किसान अपनी फैसले पर अड़े रहे. इस दौरान ओपी चौटाला ने किसान नेताओं से कई बार माइक मांगा, लेकिन किसानों ने माइक नहीं दिया. इसके बाद गुस्से में आकर ओपी चौटाला ने एक खाप नेता को छड़ी मार दी थी.
खाप नेता के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद किसानों में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला (om prakash Chautala) के खिलाफ काफी गुस्सा देखा गया. सोमवार को चरखी दादरी जिले में जहां किसानों ने ओपी चौटाला के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला फूंका और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही तो वहीं सिरसा के किसानों ने भी ओपी चौटाला का विरोध किया.
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