चंडीगढ़: हरियाणा में कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. आने वाले 26 नवंबर को किसान संगठनों ने दिल्ली कूच करने का फैसला लिया है. विपक्ष खासकर कांग्रेस और कई किसान संगठन सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार इन तीनों कानूनों के फायदे बता रही है.
इस बीच सूबे के मुख्यंमत्री मनोहर लाल ने किसानों को विपक्ष के अफवाहों से बचने की अपील की है. सीएम ने कहा कि न तो एमएसपी को खत्म किया जा रहा है ना ही मंडी व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ किसान संगठन और कांग्रेस किसानों को बरगला रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को किसी के भ्रम में नहीं आना चाहिए.
सीएम मनोहर लाल ने दावे के साथ कहा कि इन कृषि कानूनों के बाद मंडियां समाप्त नहीं होगी बल्कि और बढेगी. इस कानूनों ने किसानों के सामने ये विकल्प दिया है कि वे अपनी फसल को कहीं भी बेच सकते हैं. क्योंकि किसान ही अपनी फसल का मालिक होता है और उसे अधिकार है कि वो अपनी फसल को कहीं भी बेच सकें. एमएसपी बोला कि किसानों को इन कानूनों से ये विकल्प मिला है कि वे एमएसपी से ऊपर दामों पर भी बेच सकते हैं.
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सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अभी हरियाणा में सभी फसलों की अच्छी खरीद हुई है और ये सभी खरीद मंडियों में हुई है. सीएम ने कहा कि धान से लेकर बाजरा और कपास सभी फसलों को मंडियों के जरिए ही खरीदा गया है और एमएसपी से ही खरीदा गया है. उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि इन कानूनों के माध्यम से किसान अपने अनाज को खुले में बेच सकता है.