चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश की सभी सब्जी मंडियों में चारदीवारी, शेड के निर्माण व मरम्मत, गेट तथा सफाई व्यवस्था इत्यादि कार्यों के लिए एक नई नीति बनाई जाएगी. इसके अंतर्गत एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें आढ़ती भागीदार होंगे. इस समिति को मार्केट फीस में से कुछ राशि उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे समिति मंडी के कार्य अपने स्तर पर करा सकेगी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैथल में व्यापारी सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की सब्जी मंडी में लगने वाली मार्केट फीस व एचआरडीएफ दर को अब एकमुश्त तय किया जाएगा. इससे संबंधित नियमों में संशोधन के विधेयक को विधानसभा से पारित किया जा चुका है. अभी 2 प्रतिशत मार्केट फीस व 2 प्रतिशत एचआरडीएफ की दर लागू है.
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आढ़तियों की मांग पर सरकार ने विचार करते हुए इसे एकमुश्त करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि कैथल में ट्रांसपोर्ट नगर में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा नीति के तहत व्यापारियों को दुकानें बेची गई थी. लेकिन नीति के कुछ नियम व शर्तों के कारण आज व्यापारी अपनी दुकानें आगे बेच नहीं पा रहे हैं. सरकार ने व्यापारियों की कठिनाई को समझते हुए यह निर्णय लिया है कि ऐसे व्यापारियों के लिए नई नीति बनाई जाएगी और उन्हें नियमों में छूट दी जाएगी.
जिससे वे अपनी दुकानें बेचने में सक्षम हो सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के शहरों में बने सरकारी गोदामों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए भी नीति बनाई जा रही है. जल्द ही ऐसे गोदामों को शहर से बाहर स्थापित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने मंडियों में दुकानों से संबंधित चल रहे विवादों के निपटान के लिए सरकार द्वारा चलाई गई विवादों का समाधान योजना को 1 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाने की घोषणा की है.
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उन्होंने कहा कि नैफेड द्वारा की जाने वाली फसलों की खरीद पर 1.25 प्रतिशत हैंडलिंग चार्ज आढ़तियों को देने की घोषणा हरियाणा सरकार द्वारा पहले ही की जा चुकी है. अगर इसमें कोई कठिनाई आ रही है तो नैफेड से बातचीत करके इस फैसले का लागू कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने व्यापारियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं. राज्य सरकार ने व्यापारी कल्याण बोर्ड का भी गठन किया है.
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई लघु व्यापारी मानधन योजना के तहत छोटे व्यापारियों को 6 हजार रुपये वार्षिक सहायता राशि प्रदान की जाती है. इतना हीं नहीं, पीएम-स्वनिधी योजना के तहत रेहड़ी-फड़ी वालों को 10 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में व्यापारियों को काफी परेशानी होती थी. लेकिन हमारी सरकार ने इंस्पेक्टरी राज को खत्म करने का काम किया है.
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राज्य सरकार ने प्रदेश में कारोबारी माहौल बनाने के लिए अनेक नीतियां बनाई हैं. उन्होंने कहा कि जब देश में जीएसटी को लागू किया गया, तब व्यापारियों के मन में कई प्रकार की शंकाएं थी. हरियाणा सरकार ने व्यापारियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा और जीएसटी प्रक्रिया को सरल बनाया. आज व्यापारी इस सिस्टम से बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसान, व्यापारी, मजदूर तथा अन्य सभी वर्गों के कल्याण के लिए कर्तव्यबद्ध है. (प्रेस नोट)