चंडीगढ़: मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जल संसाधन, विकास एवं पंचायत विभागों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भू-जल संरक्षण के लिए क्रियान्वित की जा रही 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना के बाद भू-जल योजना तैयार करने की स्वीकृति प्रदान की है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्राधिकरण, भू-जल नियंत्रण के लिए राज्य भू-जल व जिला भू-जल योजनाओं की समीक्षा भी की.
मुख्यमंत्री को बैठक में विभागों के द्वारा जानकारी दिया गया कि प्रदेश में कुल 16,350 तालाब हैं, जिनमें 15,910 तालाब ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और 440 तालाब शहरी क्षेत्रों में हैं. सभी तालाबों की जीआईएस मैपिंग कर पोन्ड एटलस तैयार की गई है. इसके पहले चरण में 18 तालाबों को मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जा रहा है.
बैठक में मुख्यमंत्री ने हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबन्धन प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों के पानी को तीन पोन्ड व पांच पोन्ड प्रणाली से उपचारित कर इसको सिंचाई व अन्य कार्यों के उपयोग के लिए योजना बनाएं.
बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि ग्रामीण क्षेत्रों के 2606 तालाब प्रदूषित तथा ओवरफ्लोविंग हैं, 7963 प्रदूषित हैं परंतु ओवरफ्लोविंग नहीं हैं, 4413 साफ पानी के तालाब हैं. मुख्यमंत्री ने 25 जुलाई, 2020 को बुलाने के निर्देश भी दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाबों के इस प्रोजेक्ट की ड्राईंग तैयार करने का कार्य विश्वविद्यालय और बहुतकनीकी संस्थानों के सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों से करवाएं.
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