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हरियाणा में चढ़ने लगा सियासी पारा, इन योजनाओं के दम पर विपक्ष को पटखनी देने की तैयारी में बीजेपी - Chandigarh News Updates

प्रदेश में इस वर्ष अंत में नगर निगम के चुनाव होने हैं, इसके बाद अगले साल लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में सीएम मनोहर लाल अब ऐक्शन मोड में हैं. सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा (CM Manohar Lal flagship schemes) से लेकर जनता के फीडबैक लेने तक वे खुद मोर्चा संभाले हुए हैं, जिससे विपक्ष को एक बार फिर पटखनी दी जा सके.

CM Manohar Lal flagship schemes
हरियाणा में चढ़ने लगा सियासी पारा, सीएम मनोहर लाल ने संभाली कमान
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Published : May 8, 2023, 1:19 PM IST

चंडीगढ़: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. उससे पहले इसी साल के अंत में हरियाणा में नगर निगम चुनाव हैं. ऐसे में प्रदेश का सियासी पारा भी लगातार चढ़ता जा रहा है. विपक्षी दल लोगों के बीच उतरकर सरकार के खिलाफ अभियान में जुट गये हैं तो वहीं सत्तापक्ष भी विपक्ष को टक्कर देने के लिए रणनीति तैयार करने में लगा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद इसकी कमान संभाल ली है. वह खुद जनता के बीच तो जा ही रहे हैं, इसके साथ ही सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की भी क्लास ले रहे हैं.

फ्लैगशिप योजनाओं पर सीएम का विशेष ध्यान: मुख्यमंत्री मनोहर लाल साल 2023-24 का बजट पेश होने के बाद से एक्शन मोड में है. इसके बाद से वे लगातार सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की स्थिति जानने के लिए प्रशासनिक सचिवों की बैठक ले रहे हैं. जिसमें अधिकारियों से धरातल पर योजनाओं की स्थिति के बारे में फीडबैक लेने के साथ ही उन्हें जमीनी स्तर पर काम करने के लिए भी दिशा निर्देश दे रहे हैं. इतना ही नहीं, जमीनी स्तर पर सरकार की योजनाएं पहुंचे और लोगों की समस्याएं दूर हों, इसके लिए सरकार जिला स्तर के अधिकारियों को 2 घंटे जनता की समस्याएं सुनने के आदेश पहले ही दे चुकी है. सरकार की कई योजनाएं जो धरातल पर लम्बे वक्त से पूरी नहीं हो पाई है, उसको लेकर भी मुख्यमंत्री का रुख सख्त है.

विकास कार्यों पर विधायकों से मंथन : मुख्यमंत्री की अधिकारियों के साथ तो बैठक लगातार हो रही हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने विधायकों से भी विकास कार्यों को लेकर मंत्रणा कर रहे हैं. विधायक दल की बैठकें भी लगातार हो रही हैं. जिसमें मुख्यमंत्री विधायकों से विकास कार्यों और अधिकारियों के काम करने के बारे में फीडबैक लेते रहते हैं. इन बैठकों के जरिए मुख्यमंत्री विधायकों से उनके क्षेत्रों के विकास कार्यों की भी रिपोर्ट लेते हैं. साथ ही जमीनी स्तर पर सरकार की योजनाओं को लेकर जनता का क्या फीडबैक है, उसके बारे में भी जानकारी ली जाती है.

पढ़ें : हरियाणा CM के गठबंधन वाले बयान पर JJP नेता ने उठाए सवाल, कहा- मुख्यमंत्री के मुंह से इस तरह की बात नहीं आनी चाहिए

जनसंवाद कार्यक्रम से जनता से सीधा संवाद: वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद भी जमीनी स्तर पर फीडबैक लेने के लिए जनसंवाद कार्यक्रम कर जनता से सीधे रूबरू हो रहे हैं. वे जनसंवाद कार्यक्रमों के जरिए सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही जनता से इनके बारे में फीडबैक भी ले रहे हैं. इसके साथ ही जनता की समस्याएं सुनकर उनका त्वरित समाधान भी किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री अपना पहला जनसंवाद कार्यक्रम भिवानी में कर चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने पलवल, कुरुक्षेत्र और करनाल में इस कार्यक्रम के तहत लोगों की समस्याएं सुनी है. अब इसी महीने सिरसा में मुख्यमंत्री का जनसंवाद कार्यक्रम होने जा रहा है. इससे साफ जाहिर हो जाता है कि आने वाले चुनाव के लिए मुख्यमंत्री भी किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.

पढ़ें : बीजेपी पर बरसे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला, कहा- सिर्फ हमारी सरकार ने किया खिलाड़ियों का सम्मान

रोचक होंगे विधानसभा चुनाव : राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि हरियाणा में बीजेपी पहली बार साल 2014 में सत्ता में आई थी और 2019 में बीजेपी, जेजेपी की मदद से सरकार बनाने में कामयाब हुई. वे कहते हैं कि साल 2024 में फिर से हरियाणा में बीजेपी की सरकार बने, मुख्यमंत्री के यह प्रयास उसी दिशा में देखे जा सकते हैं. वे कहते हैं कि विपक्ष इस बार मजबूती के साथ खड़ा होकर सत्ता में वापसी के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है.

जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री की सक्रियता और तेज हो गई है. वहीं विपक्ष सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में लगा था और उम्मीद कर रहा है कि जनता 2024 में उसका साथ देगी. इसे देखते हुए बीजेपी भी तीसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री का खुद जमीनी स्तर पर उतरना, इस बात को दर्शाता है कि वे किसी भी स्तर पर इस चुनाव को एकतरफा नहीं होने देंगे. इसके साथ ही सीएम का ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस अधिक है. यानी चुनावों से पहले सरकार किसी तरह की भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.

चंडीगढ़: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. उससे पहले इसी साल के अंत में हरियाणा में नगर निगम चुनाव हैं. ऐसे में प्रदेश का सियासी पारा भी लगातार चढ़ता जा रहा है. विपक्षी दल लोगों के बीच उतरकर सरकार के खिलाफ अभियान में जुट गये हैं तो वहीं सत्तापक्ष भी विपक्ष को टक्कर देने के लिए रणनीति तैयार करने में लगा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद इसकी कमान संभाल ली है. वह खुद जनता के बीच तो जा ही रहे हैं, इसके साथ ही सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की भी क्लास ले रहे हैं.

फ्लैगशिप योजनाओं पर सीएम का विशेष ध्यान: मुख्यमंत्री मनोहर लाल साल 2023-24 का बजट पेश होने के बाद से एक्शन मोड में है. इसके बाद से वे लगातार सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की स्थिति जानने के लिए प्रशासनिक सचिवों की बैठक ले रहे हैं. जिसमें अधिकारियों से धरातल पर योजनाओं की स्थिति के बारे में फीडबैक लेने के साथ ही उन्हें जमीनी स्तर पर काम करने के लिए भी दिशा निर्देश दे रहे हैं. इतना ही नहीं, जमीनी स्तर पर सरकार की योजनाएं पहुंचे और लोगों की समस्याएं दूर हों, इसके लिए सरकार जिला स्तर के अधिकारियों को 2 घंटे जनता की समस्याएं सुनने के आदेश पहले ही दे चुकी है. सरकार की कई योजनाएं जो धरातल पर लम्बे वक्त से पूरी नहीं हो पाई है, उसको लेकर भी मुख्यमंत्री का रुख सख्त है.

विकास कार्यों पर विधायकों से मंथन : मुख्यमंत्री की अधिकारियों के साथ तो बैठक लगातार हो रही हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने विधायकों से भी विकास कार्यों को लेकर मंत्रणा कर रहे हैं. विधायक दल की बैठकें भी लगातार हो रही हैं. जिसमें मुख्यमंत्री विधायकों से विकास कार्यों और अधिकारियों के काम करने के बारे में फीडबैक लेते रहते हैं. इन बैठकों के जरिए मुख्यमंत्री विधायकों से उनके क्षेत्रों के विकास कार्यों की भी रिपोर्ट लेते हैं. साथ ही जमीनी स्तर पर सरकार की योजनाओं को लेकर जनता का क्या फीडबैक है, उसके बारे में भी जानकारी ली जाती है.

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जनसंवाद कार्यक्रम से जनता से सीधा संवाद: वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद भी जमीनी स्तर पर फीडबैक लेने के लिए जनसंवाद कार्यक्रम कर जनता से सीधे रूबरू हो रहे हैं. वे जनसंवाद कार्यक्रमों के जरिए सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही जनता से इनके बारे में फीडबैक भी ले रहे हैं. इसके साथ ही जनता की समस्याएं सुनकर उनका त्वरित समाधान भी किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री अपना पहला जनसंवाद कार्यक्रम भिवानी में कर चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने पलवल, कुरुक्षेत्र और करनाल में इस कार्यक्रम के तहत लोगों की समस्याएं सुनी है. अब इसी महीने सिरसा में मुख्यमंत्री का जनसंवाद कार्यक्रम होने जा रहा है. इससे साफ जाहिर हो जाता है कि आने वाले चुनाव के लिए मुख्यमंत्री भी किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.

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रोचक होंगे विधानसभा चुनाव : राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि हरियाणा में बीजेपी पहली बार साल 2014 में सत्ता में आई थी और 2019 में बीजेपी, जेजेपी की मदद से सरकार बनाने में कामयाब हुई. वे कहते हैं कि साल 2024 में फिर से हरियाणा में बीजेपी की सरकार बने, मुख्यमंत्री के यह प्रयास उसी दिशा में देखे जा सकते हैं. वे कहते हैं कि विपक्ष इस बार मजबूती के साथ खड़ा होकर सत्ता में वापसी के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है.

जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री की सक्रियता और तेज हो गई है. वहीं विपक्ष सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में लगा था और उम्मीद कर रहा है कि जनता 2024 में उसका साथ देगी. इसे देखते हुए बीजेपी भी तीसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री का खुद जमीनी स्तर पर उतरना, इस बात को दर्शाता है कि वे किसी भी स्तर पर इस चुनाव को एकतरफा नहीं होने देंगे. इसके साथ ही सीएम का ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस अधिक है. यानी चुनावों से पहले सरकार किसी तरह की भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.

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