चंडीगढ़: हरियाणा में राजनीतिक, कानून व्यवस्था, विपक्ष और महकमों की अंदरूनी हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखने वाला क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट यानी की सीआईडी किसे रिपोर्ट करेगा ये साफ हो गया है. हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर सीआईडी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास दिखाया गया है.
बता दें कि सरकार की ओर से सीआईडी पर रुख साफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज के बीच हुए मतभेद के बाद किया गया है. हाल ही में गृहमंत्री अनिल विज ने सीआईडी को अपने अंडर होने की बात कही थी.
यही नहीं अनिल विज ने सीआईडी को फिसड्डी बताते हुए उसके सुधार के लिए कमेटी का भी गठन किया था. सीआईडी में सुधार के लिए अनिल विज ने गृह सचिव की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.
सीआईडी पर सीएम और गृह मंत्री में था मतभेद
इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी एक्शन में आए और उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस मामले में बातचीत की थी. जिसके बाद अब हरियाणा सरकार की ओर से ये साफ कर दिया गया है कि इस बार भी सीआईडी गृहमंत्री अनिल विज को नहीं बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को रिपोर्ट करेगा.
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गौरतलब है कि सीएम और गृहमंत्री के बीच सीआईडी को लेकर हुए मतभेद से पहले जब मंत्रियों को विभागों का आवंटन किया गया था, तब सीआईडी विभाग सीएम के आधीन नही दिखाया गया था.
मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करता आया है विभाग
सीआईडी जैसा अहम महकमा, हरियाणा में मुख्यमंत्री को ही रिपोर्ट करता आया है. अब तक प्रदेश में जब भी किसी विधायक को गृह मंत्री बनाया गया तो सीआईडी की रिपोर्टिंग मुख्यमंत्री के पास ही रही है.
जानिए कब, किसके पास रहा CID विंग?
1978 में मंगल सेन हरियाणा के गृह मंत्री बने थे लेकिन तब भी उनके पास सीआईडी विभाग नहीं था.1990 में मुख्यमंत्री बनारसी दास ने संपत सिंह को गृह मंत्री तो बनाया, लेकिन सीआईडी का चार्ज अपने पास ही रखा.
वहीं जब1996 में बंसीलाल के नेतृत्व में हरियाणा विकास पार्टी और बीजेपी की गठबंधन सरकार बनी तो हविपा ने मनीराम गोदारा को गृह मंत्री बनाया लेकिन उस दौरान सीएम ने सीआईडी विंग अपने पास ही रखी.