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चंडीगढ़ पीजीआई में बच्चे की मौत, परिजनों ने गलत इंजेक्शन लगाने का लगाया आरोप - chandigarh news

चंडीगढ़ पीजीआई में 12 साल के बच्चे की मौत के बाद मामला गर्माता जा रहा है. अब पीजीआई प्रशासन ने दो कमेटियों का गठन किया है. जो इस पूरे मामले की जांच करेगी.

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Published : Nov 19, 2019, 8:34 PM IST

चंडीगढ़: पीजीआई में 12 साल के बच्चे की मौत के मामले में परिवार की तरफ से बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाए जाने की वजह बताई जा रही है. इस मामले में परिजनों ने पीजीआई प्रशासन को शिकायत भी दी है. वहीं अब पीजीआई प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच के लिए दो कमेटियों का गठन कर दिया गया है.

जिसमें एक कमेटी ने पोस्टमार्टम करवाया है तो दूसरी कमेटी इस मामले की जांच करेगी. इस मामले में किसी तरह की लापरवाही है या मौत का और कुछ कारण रहा.

पीजीआई में बच्चे की मौत के बाद बवाल बरकरार, देखें वीडियो

क्या है पूरा मामला विस्तार से पढ़ें-
बीते सोमवार को सुबह के समय जीरकपुर के रहने वाले सोनू नाम के लड़के की पीजीआई में अचानक मौत हो गई. जिसके पीछे परिजनों का कहना था कि उनके बच्चे को मामूली उल्टी बुखार था, जिसके इलाज के लिए वो पीजीआई में उसको लेकर आए थे, लेकिन जिस तरह से उसके अचानक मौत हुई तो वो गलत इंजेक्शन लगने की वजह से हुई है.

ये भी पढ़ें- सोहना: घर के अंदर अचानक घुसा बदमाशों की गैंग, फायरिंग कर हुए फरार

दुकानदार ने दिया गलत इंजेक्शन- परिजन
वहीं मृतक बच्चे के परिजनों ने इलाज के लिए साइड में लिखे हुए इंजेक्शन की पर्ची दिखाई तो साथ ही खरीदे गए इंजेक्शन की पर्ची भी दिखाई. उन्होंने बताया कि जब बच्चे की मौत हुई तो उसके बाद जब फाइल को देखा गया तो सबसे पहली गलती उस दुकानदार की थी, जहां से उन्होंने इंजेक्शन खरीदा, क्योंकि उसने गलत इंजेक्शन दिया था.

उसके बाद जब वो इंजेक्शन नर्स को ला करके दिया गया तो नर्स ने भी इंजेक्शन की जांच किए बिना ही बच्चे को लगा दिया. जिस कारण बच्चे की मौके पर मौत हो गई और इस मामले में उन्होंने पीजीआई प्रशासन को शिकायत भी की है.

पीजीआई प्रशासन ने दो कमेटियों का किया गठन
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए पीजीआई के निदेशक डॉक्टर जगत राम ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए दो कमेटियों का गठन तुरंत कर दिया था.

जिसमें एक कमेटी द्वारा बच्चे का पोस्टमार्टम करवाया गया ताकि पोस्टमार्टम के जरिए पता चल सके कि आखिरकार बच्चे की मौत किस वजह से हुई है. तो वहीं दूसरी कमेटी अभी जांच कर रही है कि क्या इस मामले में किसी तरह की लापरवाही है या फिर नहीं.

चंडीगढ़: पीजीआई में 12 साल के बच्चे की मौत के मामले में परिवार की तरफ से बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाए जाने की वजह बताई जा रही है. इस मामले में परिजनों ने पीजीआई प्रशासन को शिकायत भी दी है. वहीं अब पीजीआई प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच के लिए दो कमेटियों का गठन कर दिया गया है.

जिसमें एक कमेटी ने पोस्टमार्टम करवाया है तो दूसरी कमेटी इस मामले की जांच करेगी. इस मामले में किसी तरह की लापरवाही है या मौत का और कुछ कारण रहा.

पीजीआई में बच्चे की मौत के बाद बवाल बरकरार, देखें वीडियो

क्या है पूरा मामला विस्तार से पढ़ें-
बीते सोमवार को सुबह के समय जीरकपुर के रहने वाले सोनू नाम के लड़के की पीजीआई में अचानक मौत हो गई. जिसके पीछे परिजनों का कहना था कि उनके बच्चे को मामूली उल्टी बुखार था, जिसके इलाज के लिए वो पीजीआई में उसको लेकर आए थे, लेकिन जिस तरह से उसके अचानक मौत हुई तो वो गलत इंजेक्शन लगने की वजह से हुई है.

ये भी पढ़ें- सोहना: घर के अंदर अचानक घुसा बदमाशों की गैंग, फायरिंग कर हुए फरार

दुकानदार ने दिया गलत इंजेक्शन- परिजन
वहीं मृतक बच्चे के परिजनों ने इलाज के लिए साइड में लिखे हुए इंजेक्शन की पर्ची दिखाई तो साथ ही खरीदे गए इंजेक्शन की पर्ची भी दिखाई. उन्होंने बताया कि जब बच्चे की मौत हुई तो उसके बाद जब फाइल को देखा गया तो सबसे पहली गलती उस दुकानदार की थी, जहां से उन्होंने इंजेक्शन खरीदा, क्योंकि उसने गलत इंजेक्शन दिया था.

उसके बाद जब वो इंजेक्शन नर्स को ला करके दिया गया तो नर्स ने भी इंजेक्शन की जांच किए बिना ही बच्चे को लगा दिया. जिस कारण बच्चे की मौके पर मौत हो गई और इस मामले में उन्होंने पीजीआई प्रशासन को शिकायत भी की है.

पीजीआई प्रशासन ने दो कमेटियों का किया गठन
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए पीजीआई के निदेशक डॉक्टर जगत राम ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए दो कमेटियों का गठन तुरंत कर दिया था.

जिसमें एक कमेटी द्वारा बच्चे का पोस्टमार्टम करवाया गया ताकि पोस्टमार्टम के जरिए पता चल सके कि आखिरकार बच्चे की मौत किस वजह से हुई है. तो वहीं दूसरी कमेटी अभी जांच कर रही है कि क्या इस मामले में किसी तरह की लापरवाही है या फिर नहीं.

Intro:

Al पीजीआई में 12 साल के बच्चे की मौत के मामले में जहां परिवार की तरफ से बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाए जाने की वजह से मौत होने का कारण बताया गया और इसकी शिकायत पीजीआई प्रशासन को की गई तो वहीं अब पीजीआई प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच के लिए दो कमेटियों का गठन कर दिया गया है जिसमें एक कमेटी ने पोस्टमार्टम करवाया है तो दूसरी कमेटी इस मामले की जांच करेगी किस में किसी तरह की लापरवाही है या मौत का और कुछ कारण रहा.
Body:Vo बीते सोमवार को सुबह के समय जीरकपुर के रहने वाले एक सोनू नाम के लड़के की पीजीआई में अचानक मौत हो गई जिसके पीछे परिजनों का कहना था कि उनके बच्चे को मामूली उल्टी बुखार था जिस के उपचार के लिए वह पीजीआई में उसको लेकर के आए थे लेकिन जिस तरह से उसके अचानक मौत हुई तो वह गलत इंजेक्शन लगने की वजह से हुई।

Vo वहीं मृतक बच्चे के परिजनों ने इलाज के लिए साइड में लिखे हुए इंजेक्शन का बेरा दिखाया तो साथ ही खरीदे गए इंजेक्शन का बेरा भी दिखाया उन्होंने बताया कि जब बच्चे की मौत हुई तो उसके बाद जब फाइल को देखा गया तो सबसे पहली गलती उस दुकानदार की थी जहां से उन्होंने इंजेक्शन खरीदा क्योंकि उसने गलत इंजेक्शन दिया था और उसके बाद जब वह इंजेक्शन नर्स को ला करके दिया गया तो नर्स ने भी इंजेक्शन की जांच किए बिना ही बच्चे को लगा दिया जिस कारण बच्चे की मौके पर मौत हो गई और इस मामले में उन्होंने पीजीआई प्रशासन को शिकायत भी की है और पुलिस को इस कार्रवाई के लिए एक शिकायत अलग से दी है।
Byte मृतक बच्चे के परिजन
Vo इस पूरे मामले की जानकारी पीजीआई प्रशासन को जब मिली तो इस बारे में जानकारी देते हुए पीजीआई के निदेशक डॉक्टर जगत राम ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए दो कमेटियों का गठन तुरंत कर दिया था जिसमें एक कमेटी द्वारा बच्चे का पोस्टमार्टम करवाया गया ताकि पोस्टमार्टम के जरिए पता चल सके कि आखिरकार बच्चे की मौत किस वजह से हुई है तो वहीं दूसरी कमेटी अभी जांच कर रही है कि क्या इस मामले में किसी तरह की लापरवाही है या फिर नहीं और इस कमेटी की रिपोर्ट 5 दिन के अंदर देने के लिए उन्होंने कमेटी को कहा है।
Byte डॉक्टर जगत राम, निदेशक, पीजीआई
Vo पीजीआई के निर्देशक द्वारा इस मामले की गंभीरता और परिजनों के लगाए आरोपों को देखते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए जिसमें जो भी पोस्टमार्टम में रिपोर्ट सामने आएगी और जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट पीजी प्रशासन को देगी उसके बाद में ही किसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।Conclusion:
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