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प्रवासी मजदूरों को लेकर मुख्य सचिव ने दिए राहत शिविर बनाने के निर्देश

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Published : Mar 30, 2020, 11:13 PM IST

प्रदेश की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने प्रवासी मजदूरों के मद्देनजर सभी जिलों को कई तरह के दिशा-निर्देश दिए हैं. सचिव ने इन प्रवासी मजदूरों के लिए राहत शिविर बनाने के लिए भी आदेश जारी किए है.

Chief Secretary Keshani Anand Arora instructions regarding migrant labourers
Chief Secretary Keshani Anand Arora instructions regarding migrant labourers

चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा के प्रवासी मजदूरों की सूची तैयार कर संबंधित उपायुक्तों को सौंपी गई है. इन मजदूरों को राहत संबंधी सुविधा के तौर पर ये सूची तैयार की गई है.

उन्होंने बताया कि सभी जिलों को ये दिशा-निर्देश दिए गए है कि इन प्रवासी मजदूरों के लिए राहत शिविरों बनाई जाए और सभी मजदूरों से संपर्क साधकर उन्हें भोजन और दवाओं सहित अन्य आवश्यक सामान मुहैया करवाई जाएं. उन्होंने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को ये भी निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी प्रवासी मजदूर इन राहत शिविरों से बाहर न जाएं.

बता दें कि उन्होंने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि विदेशों से लौटने वाले उन लोगों का भी पता लगाने में तेजी लाएं, जो अभी तक ट्रेस नहीं किए जा सके है. स्वास्थ्य विभाग की सहायता से ऐसे लोगों का पता लगाने का काम पुलिस को सौंपा गया है.

हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रवासी मजदूरों के पलायन की जांच करने और उन्हें आश्रय और भोजन की सुविधा प्रदान करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं.

आपको बता दें कि दिशा-निर्देश मिलने के बाद राज्य की सभी सीमाओं को पुलिस द्वारा सील कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त ये भी सुनिश्चित करेंगे कि अन्य राज्यों से वापिस लौट रहे हरियाणा के मजदूरों को भी 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा जाए.

मुख्य सचिव ने ये भी बताया कि वे लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जागरूकता पैदा कर रही है. इस कार्य में गैर-सरकारी संस्थाओं, स्वयंसेवकों सहित गांवों के सरपंच, नंबरदार और चौकीदारों को भी जोड़ने लिए कहा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ईंट के भट्टों को भी बंद कर दिया गया है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ईंट भट्टों पर काम करने वालों को आश्रय प्रदान किया जाए.

ये भी जानें- रादौर में प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए शेल्टर होम

असहाय और मजबूर मजदूरों को पर्याप्त भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जाएं. उन्होंने कहा कि उपायुक्त अपने-अपने जिलों में शुरू किए गए हेल्पलाइन नंबर का व्यापक रूप से प्रचार करवाएं, ताकि जिन लोगों को राहत शिविरों में आश्रय की जरूरत है, वे बिना किसी असुविधा के पहुंच सकें.

उन्होंने कहा कि राज्य में मास्क और पीपीई किट की कमी न रहें, इसके लिए सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल कॉलेजों को आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए ओर अधिक अधिकार दिए गए हैं. बैठक में यह भी बताया गया कि पंचकूला, पानीपत और जींद में पोल्ट्री फार्मों के लिए पर्याप्त मात्रा में बाजरा आहार उपलब्ध कराया गया है और यदि आवश्यक हुआ तो उन्हें बाजरा आहार का अतिरिक्त स्टॉक भी उपलब्ध कराया जा सकता है.

गौरतलब है कि पूरे भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. इस लॉकडाउन के जारी करने के बाद गांव से शहर में आए मजदूरों की मुश्किलें बढ़ गई थी. परिवहन व्यवस्था बंद होने के कारण उन्होंने कई मील पैदल चलने का फैसला किया था, जिसके बाद हरियाणा सरकार को ये कदम उठाने पढ़े है.

चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा के प्रवासी मजदूरों की सूची तैयार कर संबंधित उपायुक्तों को सौंपी गई है. इन मजदूरों को राहत संबंधी सुविधा के तौर पर ये सूची तैयार की गई है.

उन्होंने बताया कि सभी जिलों को ये दिशा-निर्देश दिए गए है कि इन प्रवासी मजदूरों के लिए राहत शिविरों बनाई जाए और सभी मजदूरों से संपर्क साधकर उन्हें भोजन और दवाओं सहित अन्य आवश्यक सामान मुहैया करवाई जाएं. उन्होंने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को ये भी निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी प्रवासी मजदूर इन राहत शिविरों से बाहर न जाएं.

बता दें कि उन्होंने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि विदेशों से लौटने वाले उन लोगों का भी पता लगाने में तेजी लाएं, जो अभी तक ट्रेस नहीं किए जा सके है. स्वास्थ्य विभाग की सहायता से ऐसे लोगों का पता लगाने का काम पुलिस को सौंपा गया है.

हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रवासी मजदूरों के पलायन की जांच करने और उन्हें आश्रय और भोजन की सुविधा प्रदान करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं.

आपको बता दें कि दिशा-निर्देश मिलने के बाद राज्य की सभी सीमाओं को पुलिस द्वारा सील कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त ये भी सुनिश्चित करेंगे कि अन्य राज्यों से वापिस लौट रहे हरियाणा के मजदूरों को भी 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा जाए.

मुख्य सचिव ने ये भी बताया कि वे लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जागरूकता पैदा कर रही है. इस कार्य में गैर-सरकारी संस्थाओं, स्वयंसेवकों सहित गांवों के सरपंच, नंबरदार और चौकीदारों को भी जोड़ने लिए कहा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ईंट के भट्टों को भी बंद कर दिया गया है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ईंट भट्टों पर काम करने वालों को आश्रय प्रदान किया जाए.

ये भी जानें- रादौर में प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए शेल्टर होम

असहाय और मजबूर मजदूरों को पर्याप्त भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जाएं. उन्होंने कहा कि उपायुक्त अपने-अपने जिलों में शुरू किए गए हेल्पलाइन नंबर का व्यापक रूप से प्रचार करवाएं, ताकि जिन लोगों को राहत शिविरों में आश्रय की जरूरत है, वे बिना किसी असुविधा के पहुंच सकें.

उन्होंने कहा कि राज्य में मास्क और पीपीई किट की कमी न रहें, इसके लिए सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल कॉलेजों को आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए ओर अधिक अधिकार दिए गए हैं. बैठक में यह भी बताया गया कि पंचकूला, पानीपत और जींद में पोल्ट्री फार्मों के लिए पर्याप्त मात्रा में बाजरा आहार उपलब्ध कराया गया है और यदि आवश्यक हुआ तो उन्हें बाजरा आहार का अतिरिक्त स्टॉक भी उपलब्ध कराया जा सकता है.

गौरतलब है कि पूरे भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. इस लॉकडाउन के जारी करने के बाद गांव से शहर में आए मजदूरों की मुश्किलें बढ़ गई थी. परिवहन व्यवस्था बंद होने के कारण उन्होंने कई मील पैदल चलने का फैसला किया था, जिसके बाद हरियाणा सरकार को ये कदम उठाने पढ़े है.

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