चंडीगढ़: प्रदेश सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक तरफ किसान संगठनों ने 25 और 26 नवंबर को दिल्ली कूच करने की तैयारी कर ली है तो दूसरी तरफ मनोहर सरकार ने हरियाणा-पंजाब बॉर्डर और हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर सख्ती करने के आदेश दे दिए है.
मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसान संगठनों द्वारा दिल्ली चलो के फैसले को हम उचित नहीं मानते हैं. सीएम ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वो ऐसा बिल्कुल ना करें ताकि इससे आम जनता को परेशानी ना हो.
वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया के माध्यम से जनता से भी अपील करते हुए कहा है कि वो 25 और 26 नवंबर को पंजाब बॉर्डर की तरफ ना ही जाए तो बहतर रहेगा. उन्होंने कहा कि जीटी रोड समेत पंजाब से हरियाणा की तरफ आने वाले रास्तों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करने की योजना बनाई गई है, इसलिए जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
मुख्यमंत्री ने हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर से आने जाने वाले लोगों से भी अपील की है कि वो 26 और 27 नवंबर को दिल्ली की तरफ ना जाए क्योंकि इन दो दिनों में थोड़ी सख्ती बरती जाएगी और इससे लोगों को परेशानी हो सकती है.
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मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान संगठनों द्वारा आंदोलन का जो ये फैसला लिया गया उससे हम खुश नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बहुत सोच समझकर ही ये तीन कृषि कानून बनाए गए है और इससे किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन फिर भी अगर किसान मानने को तैयार नहीं है तो हमने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि किसान अगर हमारी अपील स्वीकार करते हैं तो उन्हें इसका फायदा होगा और प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्तिथि भी बनी रहेगी.