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अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर सीएम की अपील, सामाजिक बुराई के लिए सामाजिक आंदोलन जरूरी

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Published : Jun 26, 2020, 8:22 AM IST

अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ये एक सामाजिक सामाजिक बुराई है. इसलिए सामाजिक आंदोलन के माध्यम से इसे और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है.

Chief minister manohar lal message
Chief minister manohar lal message

चंडीगढ़: अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समाज के हर वर्ग के लोगों से अपील की है कि वो नशे की बीमारी से दूर रहें. सीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो नशे को जड़ से खत्म करने के लिए आगे आए और सशक्त समाज के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें.

  • On the eve of the ‘International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking’, I urge everyone to pledge to provide valuable contributions to our society to completely eradicate the menace of drugs.

    — Manohar Lal (@mlkhattar) June 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नशे पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. प्रदेश से इस बीमारी को खत्म करने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है.

  • We have adopted a zero-tolerance policy towards drug abuse and have taken several steps to eliminate the problem from the State. Drug abuse is a social issue and it can be effectively tackled with the involvement of society and increased social awareness.

    — Manohar Lal (@mlkhattar) June 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ये एक सामाजिक सामाजिक बुराई है. इसलिए सामाजिक आंदोलन के माध्यम से इसे और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने बताया कि नशे के खिलाफ लड़ने के लिए पंचकूला में इंटर स्टेट सचिवालय खोला गया है और एडीजीपी रैंक के अधिकारी को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है.

सीएम ने कहा कि सभी उत्तरी राज्यों के नोडल अधिकारियों के दूरभाष नम्बर, टोल फ्री नम्बर और कंट्रोल रूम के नम्बरों की जानकारी इंटर स्टेट सचिवालय में उपलब्ध है. इसके अलावा, पकड़े गए ड्रग्स और तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है.

  • As per discussions during the 2nd Regional Conference on Drug Menace Challenges and Strategies, we have adopted a three-pronged strategy-- Treatment, Enforcement & Awareness (TEA) for the effective control of drug menace and illegal trafficking in the northern states of India.

    — Manohar Lal (@mlkhattar) June 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर उत्तरी राज्यों में मादक पदार्थों के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी रणनीति तैयार करने के लिए उपचार, परिवर्तन और चेतना तीन सूत्रीय फॉर्मूला अपनाने पर सहमति हुई है. इसी प्रकार, सिरसा में ‘रन अगेंस्ट ड्रग्स’ मैराथान का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने भाग लेकर एक रिकॉर्ड बनाया और समाज में नशे के खिलाफ लडऩे का एक सार्थक संदेश दिया.

क्यों मनाया जाता है नशा मुक्ति दिवस?

बता दें कि 26 जून को हर साल दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (इंटरनेशनल डे अगेन्स्ट ड्र्ग अब्यूस एंड इलिसिट ट्रैफिकिंग) के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से इस इस दिवस की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी. लोगों को नशे से मुक्त कराने और उन्हें जागरुक करने के उद्देश्य से ये दिवस मनाया जाता है.

नशीली दवाओं या पदार्थों का सेवन करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते देख संयुक्त राष्ट्र ने 7 दिसंबर 1987 को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस दिवस के माध्यम से लोगों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के प्रति जागरुक किया जाता है.

पूरे विश्व में इस दिन विभिन्न समुदायों और संगठन लोगों को नशीली दवाओं के प्रति क्षेत्रीय स्तर लोगों को जागरुक करने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम चलाते हैं. इस दौरान उन्हें नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान और खतरों के बारे में बताया जाता है.

चंडीगढ़: अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समाज के हर वर्ग के लोगों से अपील की है कि वो नशे की बीमारी से दूर रहें. सीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो नशे को जड़ से खत्म करने के लिए आगे आए और सशक्त समाज के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें.

  • On the eve of the ‘International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking’, I urge everyone to pledge to provide valuable contributions to our society to completely eradicate the menace of drugs.

    — Manohar Lal (@mlkhattar) June 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नशे पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. प्रदेश से इस बीमारी को खत्म करने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है.

  • We have adopted a zero-tolerance policy towards drug abuse and have taken several steps to eliminate the problem from the State. Drug abuse is a social issue and it can be effectively tackled with the involvement of society and increased social awareness.

    — Manohar Lal (@mlkhattar) June 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ये एक सामाजिक सामाजिक बुराई है. इसलिए सामाजिक आंदोलन के माध्यम से इसे और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने बताया कि नशे के खिलाफ लड़ने के लिए पंचकूला में इंटर स्टेट सचिवालय खोला गया है और एडीजीपी रैंक के अधिकारी को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है.

सीएम ने कहा कि सभी उत्तरी राज्यों के नोडल अधिकारियों के दूरभाष नम्बर, टोल फ्री नम्बर और कंट्रोल रूम के नम्बरों की जानकारी इंटर स्टेट सचिवालय में उपलब्ध है. इसके अलावा, पकड़े गए ड्रग्स और तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है.

  • As per discussions during the 2nd Regional Conference on Drug Menace Challenges and Strategies, we have adopted a three-pronged strategy-- Treatment, Enforcement & Awareness (TEA) for the effective control of drug menace and illegal trafficking in the northern states of India.

    — Manohar Lal (@mlkhattar) June 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर उत्तरी राज्यों में मादक पदार्थों के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी रणनीति तैयार करने के लिए उपचार, परिवर्तन और चेतना तीन सूत्रीय फॉर्मूला अपनाने पर सहमति हुई है. इसी प्रकार, सिरसा में ‘रन अगेंस्ट ड्रग्स’ मैराथान का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने भाग लेकर एक रिकॉर्ड बनाया और समाज में नशे के खिलाफ लडऩे का एक सार्थक संदेश दिया.

क्यों मनाया जाता है नशा मुक्ति दिवस?

बता दें कि 26 जून को हर साल दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (इंटरनेशनल डे अगेन्स्ट ड्र्ग अब्यूस एंड इलिसिट ट्रैफिकिंग) के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से इस इस दिवस की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी. लोगों को नशे से मुक्त कराने और उन्हें जागरुक करने के उद्देश्य से ये दिवस मनाया जाता है.

नशीली दवाओं या पदार्थों का सेवन करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते देख संयुक्त राष्ट्र ने 7 दिसंबर 1987 को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस दिवस के माध्यम से लोगों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के प्रति जागरुक किया जाता है.

पूरे विश्व में इस दिन विभिन्न समुदायों और संगठन लोगों को नशीली दवाओं के प्रति क्षेत्रीय स्तर लोगों को जागरुक करने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम चलाते हैं. इस दौरान उन्हें नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान और खतरों के बारे में बताया जाता है.

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