चंडीगढ़/जयपुर: हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निंदा की है. गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि हरियाणा के करनाल में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस का बल प्रयोग निंदनीय है.
गहलोत ने कहा कि यह हरियाणा पुलिस का निंदनीय कृत्य है. पूर्व में दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करने जा रहे राजस्थान के किसान भाइयों पर भी हरियाणा पुलिस ने इसी तरह बल प्रयोग किया था.
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हरियाणा के करनाल में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस का बलप्रयोग निंदनीय है। यह हरियाणा पुलिस का निंदनीय कृत्य है। पूर्व में दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करने जा रहे राजस्थान के किसान भाइयों पर भी हरियाणा पुलिस ने इसी तरह बलप्रयोग किया था।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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">हरियाणा के करनाल में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस का बलप्रयोग निंदनीय है। यह हरियाणा पुलिस का निंदनीय कृत्य है। पूर्व में दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करने जा रहे राजस्थान के किसान भाइयों पर भी हरियाणा पुलिस ने इसी तरह बलप्रयोग किया था।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 10, 2021
1/2हरियाणा के करनाल में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस का बलप्रयोग निंदनीय है। यह हरियाणा पुलिस का निंदनीय कृत्य है। पूर्व में दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करने जा रहे राजस्थान के किसान भाइयों पर भी हरियाणा पुलिस ने इसी तरह बलप्रयोग किया था।
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उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्य में ऐसी दमनकारी कार्रवाई करने की जगह केंद्र सरकार को किसानों की बात सुनकर अविलंब उनकी मांगें मान लेनी चाहिए. आखिर ऐसा किसका दबाव है, जिसके कारण 46 दिन से धरना दे रहे किसानों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं.
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भाजपा शासित राज्य में ऐसी दमनकारी कार्रवाई करने की जगह केंद्र सरकार को किसानों की बात सुनकर अविलंब उनकी मांगें मान लेनी चाहिए। आखिर ऐसा किसका दबाव है जिसके कारण 46 दिन से धरना दे रहे किसानों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं?
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">भाजपा शासित राज्य में ऐसी दमनकारी कार्रवाई करने की जगह केंद्र सरकार को किसानों की बात सुनकर अविलंब उनकी मांगें मान लेनी चाहिए। आखिर ऐसा किसका दबाव है जिसके कारण 46 दिन से धरना दे रहे किसानों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं?
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2/2भाजपा शासित राज्य में ऐसी दमनकारी कार्रवाई करने की जगह केंद्र सरकार को किसानों की बात सुनकर अविलंब उनकी मांगें मान लेनी चाहिए। आखिर ऐसा किसका दबाव है जिसके कारण 46 दिन से धरना दे रहे किसानों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं?
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किसानों का भारी विरोध, कार्यक्रम रद्द
गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को करनाल जिले के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली में आना था. इससे पहले किसान संगठनों की तरफ से विरोध की चेतावनी के चलते प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. यहां गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था. यहां आगे बढ़ रहे किसानों को वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले के साथ रोका गया, लेकिन जब ये नहीं माने तो पुलिस ने लाठियां भी चलाईं. अंत में कार्यक्रम रद्द हुआ.