चंडीगढ़: रेसिडेंट एसोसिएशन एंड वेलफेयर फेडरेशन चंडीगढ़ की सबसे बड़ी रेजिडेंट एसोसिएशन है, जो लोगों और सरकार के बीच सेतु का काम करती है. एसोसिएशन की ओर से बजट को लेकर कई तरह की उम्मीद जताई गई है. एसोसिएशन के चेयरमैन और महासचिव की ओर से कहा गया है कि कोविड के बाद ये बजट लोगों के लिए बहुत मायने रखता है. सरकार को इस बजट में महंगाई, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और टैक्स स्लैब पर ध्यान देना चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके,
एसोसिएशन के महासचिव रजत मल्होत्रा का कहना है की लोग इस समय भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. कोविड के बाद बहुत से लोगों की नौकरी चली गई और बहुत से उद्योग धंधे बंद हो गए. सरकार लोगों को राहत प्रदान करने के लिए जरूरी कदम उठाए.
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जैसे पेट्रोल-डीजल के दाम जिस तरह से बढ़ रहे हैं उन्हें वापस लिया जाए और दामों में कमी लाई जाए. इसके अलावा सरकार कई तरह की योजनाओं पर काफी पैसा खर्च करती है. इनमें से जो योजनाएं कुछ समय के लिए रोकी जा सकती हैं. उन्हें रोककर उस पैसे का लोगों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए प्रयोग करें.
'स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा पर ध्यान दे सरकार'
उन्होंने कहा कि इस समय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की ज्यादा जरूरत है, इसलिए सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर बजट पड़ा है. ताकि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सके. साथ ही सरकार को शिक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए. खासकर आजकल स्कूल की फीस काफी ज्यादा हो गई है. इस समय लोगों की आर्थिक दशा ऐसी नहीं है कि वो महंगी शिक्षा का खर्च वहन कर सकें. सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए.
टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव की जरूरत?
क्रॉफेड के चेयरमैन और इनकम टैक्स अधिवक्ता हितेश पुरी ने कहा कि सरकार को टैक्स की सलाह में बदलाव करना चाहिए जिससे लोगों को काफी राहत मिलेगी. वैसे तो इस समय 5 लाख तक की इनकम तक कोई टैक्स नहीं लिया जाता, लेकिन अगर 5 लाख से 1 रुपये भी ज्यादा हो तब लोगों से ढाई लाख के बाद टैक्स वसूला जाता है. जबकि सीनियर सिटीजन के लिए ये स्लैब 3 लाख है. सरकार 5 लाख की स्लैब को ऐसे ही रखे, लेकिन 5 लाख से ऊपर की इनकम के लिए टैक्स की स्लैब बढ़ाकर ढाई लाख की जगह चार लाख तक कर देनी चाहिए. जिससे लोगों को काफी राहत मिलेगी.
'महंगाई पर नियंत्रण जरूरी'
इसके अलावा सरकार को महंगाई पर भी नियंत्रण करना चाहिए. पिछले कुछ समय में महंगाई में 25 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ लोगों की आमदनी खत्म हो गई है. जिससे लोगों के घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ चुका है. सरकार को इस पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए, ताकि लोगों की स्थिति को सुधारा जा सके.
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