चंडीगढ़ : पीजीआईएमआर ( Chandigarh PGIMR Department) के पर्यावरण विभाग में प्रोफेसर डॉ. रवींद्र खैवाल ने न सिर्फ चंडीगढ़ का नाम ऊंचा किया है बल्कि भारत का भी नाम चमकाया है. उनके द्वारा लगातार मौसम विज्ञान और वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्र में किए जाने वाले कामों को लेकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से उन्हें पहली रैंकिंग दी गई है. इस मौके पीजीआईएमआर के पर्यावरण स्वास्थ्य के प्रोफेसर डॉ. रवींद्र खैवाल के साथ इस उपलबधी पर बातचीत की गई.
डॉ. खौवाल ने अपने शोध के दौरान क्षेत्र के कई उल्लेखनीय विद्वानों के साथ महत्वपूर्ण शोध संबंध बनाए हैं. वे पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में भारत में 11वें और वैश्विक स्तर पर 207 वें और भारत में 12वें और पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर 743वें स्थान पर हैं. प्रो. खौवाल ने 150 से अधिक लेख लिखे हैं, जिनमें मूल शोध पत्र, समीक्षाएं और पुस्तक अध्याय शामिल हैं.
उनके कुछ लेख 'आईएसआई वेब ऑफ साइंस' (ISI web of science) द्वारा अत्यधिक उद्धृत के रूप में सूचीबद्ध हैं. उनके लेखों को 12,000 से अधिक बार उद्धृत किया गया है. उन्होंने पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में छह पुस्तकों का लेखन/संपादन किया. डॉ. रवींद्र को 'पर्यावरणीय स्वास्थ्य' के क्षेत्र में कई पुरस्कार और छात्रवृत्तियां मिली हैं.
उन्होंने राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी (National Academy of Environmental Sciences) भारत द्वारा 'एनवायरनमेंटलिस्ट ऑफ द ईयर 2007: अराउंड द ग्लोब' पुरस्कार जीता है और 'एल्सवियर नासी-स्कोपस 2014' (Elsevier NASI Scopus 2014) युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के फाइनलिस्ट थे. 2018 में उन्हें यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट, यूएसए द्वारा आईवीएलपी फैलोशिप से सम्मानित किया गया. उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research), नई दिल्ली, भारत द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य (पर्यावरण) में पीएन राजू ओरेशन अवार्ड 2019 (PN Raju Oration Award 2019) से सम्मानित किया गया.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में उन्हें वायु प्रदूषण के लिए डब्ल्यूएचओ देश सलाहकार के रूप में नामित किया है. हाल ही में, कोविड महामारी के दौरान, डॉ. खौवाल ने कोविड-19, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय स्वास्थ्य पर जन जागरूकता कार्य के विकास का नेतृत्व किया. आम जनता और बच्चों को जागरूक करने के लिए मार्च 2020 की शुरुआत में उनकी कॉमिक सीरीज 'किड्स, वायु और कोरोना' को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अपनाया और जारी किया गया.
जलवायु परिवर्तन और लू पर उनकी हालिया वायु कॉमिक श्रृंखला 20 से अधिक स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है. स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय 2019 से रैंकिंग और 22 मुख्य वैज्ञानिक विषयों और 176 उप-विषयों पर अनुभाग मानदंड आयोजित कर रहा है जिसमें वैज्ञानिक काम कर सकते हैं. दुनिया भर के 200,409 वैज्ञानिक शीर्ष 2% में शामिल थे. इन व्यक्तियों में सभी डोमेन में 3,796 भारतीय वैज्ञानिक हैं.
अध्ययन ने उद्धरणों पर मानकीकृत डेटा के साथ सबसे उद्धृत वैज्ञानिकों का एक सार्वजनिक डेटाबेस विकसित किया, विभिन्न लेखकों के पदों में लेखों के उद्धरण, एच-इंडेक्स, सह-लेखक समायोजित एचएम-इंडेक्स, और एक समग्र संकेतक (सी-स्कोर) रैंकिंग 2021 के अंत तक पूरे करियर के डेटा पर आधारित है, जबकि हाल के एक साल के डेटा 2021 में अर्जित उद्धरणों के लिए हैं.