चंडीगढ़: पीजीआई में कोरोना मरीजों को लेकर एक स्टडी की गई है. इस स्टडी में ये सामने आया है कि जो लोग शराब पीते हैं या अन्य नशा करते हैं और वो कोरोना की चपेट में आ जाते हैं तो उन्हें ठीक होने में सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा समय लगता है. ये स्टडी चंडीगढ़ पीजीआई के मनोचिकित्सा विभाग के डॉक्टर संदीप ग्रोवर द्वारा की गई है.
'स्टडी में शामिल किए गए 95 कोरोना मरीज'
ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर संदीप ग्रोवर ने बताया कि पीजीआई में भर्ती हुए कोरोना मरीजों पर ये स्टडी की गई है. जिसमें 95 लोग शामिल किए गए थे. इन लोगों में शराब पीने वाले, तंबाकू का सेवन करने वाले और नशा ना करने वाले लोगों को शामिल किया गया था.
ये भी पढ़ें- शिक्षा,स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्र को हरियाणा के बजट से क्या है उम्मीद, देखिए रिपोर्ट
डॉ. ग्रोवर ने बताया कि इस स्टडी में ये पाया गया कि जो लोग नशा करते थे उनका टेस्ट नेगेटिव आने में ज्यादा समय लगा, जबकि सामान्य लोगों का टेस्ट कम दिनों में नेगेटिव आया. फिलहाल ये साफ नहीं हो पाया है कि ऐसा क्यों होता है. इसके पीछे शरीर में आने वाले कौन से बदलाव शामिल हैं. आगे आने वाली स्टडी में इस बात पर रिसर्च की जाएगी कि ऐसा क्यों हो रहा है.
ये भी पढे़ं- आखिर क्यों अचानक बढ़ने लगे कोरोना के मामले? चंडीगढ़ PGI के निदेशक से जानिए
डॉक्टर संदीप ने बताया कि मरीजों को ज्यादा दिनों बाद ठीक हो ना उनके लिए घातक है. इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर तो पड़ता ही है और उनकी मनोदशा पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, क्योंकि कोरोना के मरीज को पॉजिटिव आने के बाद कई दिनों तक आइसोलेशन रहना पड़ता है. इस दौरान वो किसी से भी नहीं मिल सकता. अगर उसे ज्यादा दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा तो ये उसके लिए सही नहीं होगा.