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अच्छी खबर: ब्रेन सर्जरी के बाद माथे पर नहीं आएगी सूजन, चंडीगढ़ PGI ने खोजी ये नई तकनीक

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Published : Apr 29, 2021, 5:16 PM IST

पीजीआइ के एंडोस्कोपिक न्यूरोसर्जन डॉ. एसएस ढांडापानी ने ब्रेन सर्जरी की एक नई तकनीक इजाद की है. इस नई तकनीक के जरिए ब्रेन सर्जरी करने से माथे पर आने वाली सूजन की समस्या खत्म हो जाएगी.

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अच्छी खबर: ब्रेन सर्जरी के बाद माथे पर नहीं आएगी सूजन

चंडीगढ़: चंडीगढ़ पीजीआई में चिकित्सा के क्षेत्र में नई-नई तकनीकें विकसित की जा रही हैं. कुछ महिनों पहले पीजीआई के न्यूरोसर्जरी विभाग की टीम ने नाक के जरिए एक छोटी बच्ची के दिमाग का ऑप्रेशन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया था. वहीं अब पीजीआई में ब्रेन सर्जरी की एक और नई तकनीक खोजी गई है.

ये तकनीक चंडीगढ़ पीजीआई न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. एसएस डंडपानी ने इजाद की है. इस तकनीक के जरिए दिमाग का ऑप्रेशन करने पर ऑप्रेशन के बाद माथे पर आने वाली सूजन को खत्म किया जा सकता है. तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. डंडपानी ने बताया कि इस तकनीक को ‘ऑर्बिटल रिमस्पैरिंग सिंगल पीस फ्रेंटो ऑर्बिटल की होल अप्रोच’ का नाम दिया गया है. इसका मतलब होता है कम हड्डी तोड़ कर ब्रेन के अंदर ज्यादा जगह बनाना.

पहली ब्रेन सर्जरी आधारित तकनीक-PGI

बता दें कि डॉ. डंडपानी के इस शोध को न्यूरोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया में प्रकाशित किया गया है. इस तकनीक के जरिए ब्रेन सर्जरी के बाद मरीजों के माथे पर सूजन की समस्या नहीं होगी. आमतौर पर ब्रेन सर्जरी के बाद माथे पर सूजन की समस्या दूर करने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लिया जाता है, लेकिन अब इस नई तकनीक से माथे की सूजन की समस्या को दूर किया जा सकेगा. पीजीआई का दावा है कि विश्व में ये अपनी तरह की पहली ब्रेन सर्जरी आधारित तकनीक है.

ये भी पढ़िए: हरियाणाः अस्पताल ने बैनर लगाकर लिखा माफ करें, कोई बेड खाली नहीं है

6 महीने में 40 मरीजों का सफल ऑपरेशन

डॉ. डंडपानी ने बताया कि ब्रेन सर्जरी के मामले में इससे पहले तक आइब्रो के ऊपर होल कर उस एरिया की हड्डी तोड़ कर ऑपरेशन किया जाता था. इसमें बड़ा होल बनाने से चेहरे पर विकृति आने का खतरा रहता था, जबकि छोटे होल से ब्रेन के अंदर बड़ी सर्जरी नहीं की जा सकती थी. अब इस तकनीक की मदद से आइब्रो के ऊपर छोटा छेद बनाकर थोड़ी सी हड्डी तोड़ कर बड़ी सर्जरी आसानी से की जा सकती है. उन्होंने बताया कि 6 महीने पहले शुरू की गई इस तकनीक से पीजीआई में अब तक 40 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है.

चंडीगढ़: चंडीगढ़ पीजीआई में चिकित्सा के क्षेत्र में नई-नई तकनीकें विकसित की जा रही हैं. कुछ महिनों पहले पीजीआई के न्यूरोसर्जरी विभाग की टीम ने नाक के जरिए एक छोटी बच्ची के दिमाग का ऑप्रेशन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया था. वहीं अब पीजीआई में ब्रेन सर्जरी की एक और नई तकनीक खोजी गई है.

ये तकनीक चंडीगढ़ पीजीआई न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. एसएस डंडपानी ने इजाद की है. इस तकनीक के जरिए दिमाग का ऑप्रेशन करने पर ऑप्रेशन के बाद माथे पर आने वाली सूजन को खत्म किया जा सकता है. तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. डंडपानी ने बताया कि इस तकनीक को ‘ऑर्बिटल रिमस्पैरिंग सिंगल पीस फ्रेंटो ऑर्बिटल की होल अप्रोच’ का नाम दिया गया है. इसका मतलब होता है कम हड्डी तोड़ कर ब्रेन के अंदर ज्यादा जगह बनाना.

पहली ब्रेन सर्जरी आधारित तकनीक-PGI

बता दें कि डॉ. डंडपानी के इस शोध को न्यूरोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया में प्रकाशित किया गया है. इस तकनीक के जरिए ब्रेन सर्जरी के बाद मरीजों के माथे पर सूजन की समस्या नहीं होगी. आमतौर पर ब्रेन सर्जरी के बाद माथे पर सूजन की समस्या दूर करने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लिया जाता है, लेकिन अब इस नई तकनीक से माथे की सूजन की समस्या को दूर किया जा सकेगा. पीजीआई का दावा है कि विश्व में ये अपनी तरह की पहली ब्रेन सर्जरी आधारित तकनीक है.

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6 महीने में 40 मरीजों का सफल ऑपरेशन

डॉ. डंडपानी ने बताया कि ब्रेन सर्जरी के मामले में इससे पहले तक आइब्रो के ऊपर होल कर उस एरिया की हड्डी तोड़ कर ऑपरेशन किया जाता था. इसमें बड़ा होल बनाने से चेहरे पर विकृति आने का खतरा रहता था, जबकि छोटे होल से ब्रेन के अंदर बड़ी सर्जरी नहीं की जा सकती थी. अब इस तकनीक की मदद से आइब्रो के ऊपर छोटा छेद बनाकर थोड़ी सी हड्डी तोड़ कर बड़ी सर्जरी आसानी से की जा सकती है. उन्होंने बताया कि 6 महीने पहले शुरू की गई इस तकनीक से पीजीआई में अब तक 40 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है.

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