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चंडीगढ़ PGI ने की दुनिया की पहली जटिल सर्जरी, 16 महीने की बच्ची के नाक के रास्ते निकाला ब्रेन ट्यूमर - 16 महीने की बच्ची ब्रेन ट्यूमर सफल ऑपरेशन

चंडीगढ़ पीजीआई से पहले इस तरह की सर्जरी अमेरिका में की गई थी, लेकिन उस समय बच्चे की उम्र 2 साल थी. जिस बच्ची की सर्जरी चंडीगढ़ पीजीआई में की गई है उसकी उम्र महज 16 महीने है.

Chandigarh PGI Doctors brain tumor operation
चंडीगढ़ PGI ने की दुनिया की पहली जटिल सर्जरी
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Published : Jan 21, 2021, 10:58 PM IST

Updated : Jan 23, 2021, 12:30 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ पीजीआई ने चिकित्सा के जगत में एक नया आयाम स्थापित किया है. चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर्स ने एक बेहद जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा कर नया इतिहास रच दिया है. पीजीआई के न्यूरोसर्जरी और ईएनटी विभाग के डॉक्टर्स ने मिलकर महज 16 महीने की बच्ची का ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया है. बता दें कि इस सर्जरी से गुजरने वाली ये दुनिया की सबसे छोटी उम्र की बच्ची है, जिसकी सर्जरी सफलतापूर्वक चंडीगढ़ पीजीआई में की गई है.

इससे पहले अमेरिका में 2 साल के बच्चे की हुई थी सर्जरी

चंडीगढ़ पीजीआई से पहले इस तरह की सर्जरी अमेरिका में की गई थी, लेकिन उस समय बच्चे की उम्र 2 साल थी. जिस बच्ची की सर्जरी चंडीगढ़ पीजीआई में की गई है उसकी उम्र महज 16 महीने है. अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और उसकी आंखों को रोशनी भी बेहतर हो गई है.

चंडीगढ़ PGI ने की दुनिया की पहली जटिल सर्जरी

चंडीगढ़ PGI में हुई दुनिया की सबसे छोटी बच्ची की सफल सर्जरी

ये ब्रेन ट्यूमर बच्ची के नाक के रास्ते से निकाला गया. इस सर्जरी को न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर धांडापानी एसएस, डॉक्टर सुशांत और ईएनटी विभाग से डॉक्टर रेजुनेटा ने अंजाम दिया. बच्ची के माता-पिता को उस समय ब्रेन ट्यूमर के बारे में पता चला, जब बच्ची की आंखों की रोशनी कम होने लगी.

कैसे पता चला बच्ची के ब्रेन ट्यूमर का?

बच्ची ठीक तरह से देख नहीं पा रही थी. माता-पिता द्वारा किए गए इशारों पर बच्ची रिएक्ट नहीं कर रही थी. इसके बाद माता-पिता ने बच्ची को डॉक्टर को दिखाया. एमआरआई स्कैन करने पर पता चला कि बच्ची के सिर में 3 सेंटीमीटर आकार का एक ब्रेन ट्यूमर है. जो इतनी उम्र के बच्चे के लिए काफी बड़ा है. इस तरह के ट्यूमर को आमतौर पर ब्रेन की ओपन सर्जरी करके निकाला जाता है और बाकी इलाज थेरेपी के जरिए किया जाता है.

क्यों नहीं की गई बच्ची की ब्रेन ओपन सर्जरी?

ब्रेन ओपन सर्जरी के लिए कम से कम उम्र 6 साल होनी चाहिए, लेकिन इस बच्चे की उम्र महज 16 महीने थी. अगर बच्ची की ब्रेन ओपन सर्जरी की जाती तो इससे उसके दिमाग के अन्य हिस्सों पर नुकसान पहुंचने का खतरा था, इसलिए पीजीआई के डॉ. स्नेह ने इस सर्जरी को नाक के जरिए करने का फैसला किया. हालांकि ये सर्जरी भी काफी चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन इसके अलावा डॉक्टर्स के पास कोई रास्ता नहीं था.

ये भी पढ़िए: अंधविश्वास और मान्यता! फरीदाबाद के इस जंगल से अगर कोई लकड़ी ले गया तो जिंदा नहीं बचा

कैसे निकाला गया नाक के रास्ते ट्यूमर ?

  • ओपन सर्जरी के लिए बच्ची की उम्र छोटी थी
  • ओपन सर्जरी से बच्ची के दिमाग पर असर हो सकता था
  • चंडीगढ़ PGI के डॉक्टर्स ने नाक के रास्ते सर्जरी का फैसला लिया
  • डॉ. स्नेह ने कंप्यूटर नेविगेशन के जरिए ट्यूमर रिमूवल कॉरिडोर बनाया
  • बाद में डायमंड ड्रील के जरिए प्रीमेच्योर हड्डियों की ड्रीलिंग की गई
  • एंडोस्कोपी के जरिए बेहद कम जगह होने पर बेहद कुशलता से इस ट्यूमर को निकाला गया

चंडीगढ़: चंडीगढ़ पीजीआई ने चिकित्सा के जगत में एक नया आयाम स्थापित किया है. चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर्स ने एक बेहद जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा कर नया इतिहास रच दिया है. पीजीआई के न्यूरोसर्जरी और ईएनटी विभाग के डॉक्टर्स ने मिलकर महज 16 महीने की बच्ची का ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया है. बता दें कि इस सर्जरी से गुजरने वाली ये दुनिया की सबसे छोटी उम्र की बच्ची है, जिसकी सर्जरी सफलतापूर्वक चंडीगढ़ पीजीआई में की गई है.

इससे पहले अमेरिका में 2 साल के बच्चे की हुई थी सर्जरी

चंडीगढ़ पीजीआई से पहले इस तरह की सर्जरी अमेरिका में की गई थी, लेकिन उस समय बच्चे की उम्र 2 साल थी. जिस बच्ची की सर्जरी चंडीगढ़ पीजीआई में की गई है उसकी उम्र महज 16 महीने है. अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और उसकी आंखों को रोशनी भी बेहतर हो गई है.

चंडीगढ़ PGI ने की दुनिया की पहली जटिल सर्जरी

चंडीगढ़ PGI में हुई दुनिया की सबसे छोटी बच्ची की सफल सर्जरी

ये ब्रेन ट्यूमर बच्ची के नाक के रास्ते से निकाला गया. इस सर्जरी को न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर धांडापानी एसएस, डॉक्टर सुशांत और ईएनटी विभाग से डॉक्टर रेजुनेटा ने अंजाम दिया. बच्ची के माता-पिता को उस समय ब्रेन ट्यूमर के बारे में पता चला, जब बच्ची की आंखों की रोशनी कम होने लगी.

कैसे पता चला बच्ची के ब्रेन ट्यूमर का?

बच्ची ठीक तरह से देख नहीं पा रही थी. माता-पिता द्वारा किए गए इशारों पर बच्ची रिएक्ट नहीं कर रही थी. इसके बाद माता-पिता ने बच्ची को डॉक्टर को दिखाया. एमआरआई स्कैन करने पर पता चला कि बच्ची के सिर में 3 सेंटीमीटर आकार का एक ब्रेन ट्यूमर है. जो इतनी उम्र के बच्चे के लिए काफी बड़ा है. इस तरह के ट्यूमर को आमतौर पर ब्रेन की ओपन सर्जरी करके निकाला जाता है और बाकी इलाज थेरेपी के जरिए किया जाता है.

क्यों नहीं की गई बच्ची की ब्रेन ओपन सर्जरी?

ब्रेन ओपन सर्जरी के लिए कम से कम उम्र 6 साल होनी चाहिए, लेकिन इस बच्चे की उम्र महज 16 महीने थी. अगर बच्ची की ब्रेन ओपन सर्जरी की जाती तो इससे उसके दिमाग के अन्य हिस्सों पर नुकसान पहुंचने का खतरा था, इसलिए पीजीआई के डॉ. स्नेह ने इस सर्जरी को नाक के जरिए करने का फैसला किया. हालांकि ये सर्जरी भी काफी चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन इसके अलावा डॉक्टर्स के पास कोई रास्ता नहीं था.

ये भी पढ़िए: अंधविश्वास और मान्यता! फरीदाबाद के इस जंगल से अगर कोई लकड़ी ले गया तो जिंदा नहीं बचा

कैसे निकाला गया नाक के रास्ते ट्यूमर ?

  • ओपन सर्जरी के लिए बच्ची की उम्र छोटी थी
  • ओपन सर्जरी से बच्ची के दिमाग पर असर हो सकता था
  • चंडीगढ़ PGI के डॉक्टर्स ने नाक के रास्ते सर्जरी का फैसला लिया
  • डॉ. स्नेह ने कंप्यूटर नेविगेशन के जरिए ट्यूमर रिमूवल कॉरिडोर बनाया
  • बाद में डायमंड ड्रील के जरिए प्रीमेच्योर हड्डियों की ड्रीलिंग की गई
  • एंडोस्कोपी के जरिए बेहद कम जगह होने पर बेहद कुशलता से इस ट्यूमर को निकाला गया
Last Updated : Jan 23, 2021, 12:30 PM IST

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