चंडीगढ़ः चंडीगढ़ में प्रशासन की ओर से मलोया इलाके में प्रवासी लोगों के लिए शेल्टर होम बनाया गया है. जहां पर इस समय 60 के आसपास लोग रह रहे हैं. ये लोग देश के अलग-अलग राज्यों से आए हुए थे. जो चंडीगढ़ में काम कर रहे थे या किसी और वजह से आए थे. लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद यह लोग अपने घर नहीं जा पा रहे हैं और इस शेल्टर होम में ही रह रहे हैं.
शेल्टर होम में रह रहे लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही लॉकडाउन खुल जाएगा और वो अपने अपने घरों को जा पाएंगे. इनमें से बहुत से ऐसे लोग हैं, जो किराए के घरों में रह रहे थे. लेकिन लॉकडाउन की तारीख आगे बढ़ने के बाद अब वे लोग भी शेल्टर होम में रह रहे हैं. क्योंकि उनके पास किराया भरने के पैसे नहीं है और खाने-पीने की भी समस्या सामने आ रही थी.
शेल्टर होम में रह रहे लोगों को कई सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं. लेकिन ये सभी लोग घर पहुंचना चाह रहे हैं. क्योंकि इन सभी की अलग-अलग समस्याएं हैं. इनका कहना है कि सरकार लॉकडाउन जारी रख सकती है, लेकिन कम से कम हमें हमारे घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था करवा दी जाए.
वहीं शेल्टर होम के नोडल अधिकारी राजीव तिवारी का कहना है कि हमारी कोशिश है कि कोई भी प्रवासी चंडीगढ़ छोड़कर ना जा पाए. इसलिए हम हर तरफ नजर रखते हैं और जैसे भी हमें कोई प्रवासी मिलता है, उसे यहां पर ले आते हैं. यहां पर उन्हें हर तरह की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है. उनके खाने-पीने का पूरा प्रबंध किया गया है. लोगों के स्वास्थ्य की भी लगातार जांच होती है. इसके अलावा इन लोगों की मनोदशा को देखते हुए एक मनोचिकित्सक को भी यहां नियुक्त किया गया है.
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शेल्टर होम में रह रहे लोगों को हर रोज सुबह योगा करवाया जाता है और पौष्टिक भोजन दिया जाता है. जब तक लॉकडाउन खुल नहीं जाता है, तब तक इन लोगों को यहीं पर रखा जाएगा और उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी.