चंडीगढ़: हरियाणा सरकार भारतमाला राजमार्ग परियोजना के राष्ट्रीय गलियारा दक्षता सुधार प्रोजेक्ट (National Corridor Efficiency Improvement) के तहत पीपीपी (सार्वजनिक और निजी भागीदारी) मॉडल से 3 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित किए जाएंगे. ये राज्य में लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा. राज्य में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करने के लिए आयोजित बैठक के दौरान हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार पलवल जिले में दो और अंबाला में एक पार्क के लिए जमीन की तलाश कर रही है.
ये भी पढ़ें- बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर बोले गडकरी, 'जब भी इस पर जाओगे, मुझे बहुत याद करोगे'
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य की ये पहल आर्थिक विकास और निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को बढ़ावा देगी. लॉजिस्टिक्स उद्योग को बढ़ाने के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा नेटवर्क स्थापित करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. कौशल ने अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया.
ये भी पढ़ें- करनाल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी 1700 करोड़ की सौगात, जानें रिंग रोड की क्या है खासियत
मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारतमाला राजमार्ग परियोजनाओं के नेशनल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास के लिए देश भर में 35 स्थानों की पहचान की है. इस पहल के तहत, एनएचएआई के शत प्रतिशत स्वामित्व वाले स्पेशल पर्पज व्हीकल नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड को हरियाणा में तीन स्थानों पर मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करने का काम सौंपा गया है.
इनका प्राथमिक उद्देश्य परिवहन के विभिन्न तरीकों को एकीकृत करके निर्बाध रूप से इंटरमॉडल माल ढुलाई की सुविधा प्रदान करना है. यह सभी पार्क माल ढुलाई एकत्र और वितरण केंद्र के रूप में काम करेंगे, जिससे देश भर में माल की कुशल आवाजाही संभव हो सकेगी. मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क लॉजिस्टिक्स हितधारकों की कई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कस्टम क्लीयरेंस और आईटी जैसी मूल्यवान सेवाओं के साथ-साथ अत्याधुनिक भंडारण और वेयरहाउसिंग समस्याओं का समाधान करेगा.
ये भी पढ़ें- भारतमाला परियोजना : 2,921 किमी. सड़कों का हुआ निर्माण