चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन इस बार लोगों को त्योहारों के समय EV पॉलिसी का तोहफा देने वाला है. त्योहारों के बीच ईंधन से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण बंद हो जायेगा. ऐसे में त्योहारों के समय पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहन को खरीदने के लिए लोगों को दूसरे शहरों पर निर्भर होना पड़ सकता है. क्योंकि इसी हफ्ते से चंडीगढ़ प्रशासन ईवी पॉलिसी के तहत ईंधन से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण बंद करने जा रहा है.
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पेट्रोल-डीजल वाहनों का पंजीकरण बंद: जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ में सितंबर 2022 से लागू हुई EV पॉलिसी को लेकर जहां समय-समय पर नोटिस जारी किए गए हैं. वहां जल्दी ही ईंधन वाले वाहनों का पंजीकरण बंद हो जाएगा. चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी द्वारा हाल ही में जारी किए गए डेटा के मुताबिक, 150 से अधिक दोपहिया ईंधन वाहनों का पंजीकरण कोटा ही बाकी रह गया है. वो भी आने वाले दिनों में पूरा होने वाला है. जबकि 1750 फोर व्हीलर वाहनों का पंजीकरण कोटा शेष रह गया है. ऐसे में जो लोग दिवाली के समय ईंधन वाहन खरीदने की सोच रहे हैं, उन्हें पंजीकरण करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
इलेक्ट्रिक वाहनों से ग्राहक नाखुश: आपको बता दें कि चंडीगढ़ में साल 2022 में EV पॉलिसी को लागू किया गया था. इस साल के भी 9 महीने बीत जाने के बाद इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को लेकर लोग खुश नहीं है. चंडीगढ़ में अभी तक कितने लोगों ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे हैं इस बात की कोई जानकारी सामने नहीं आई है. पिछले साल अक्टूबर में ही ईवी पॉलिसी के तहत 3102 दोपहिया वाहनों का पंजीकरण हुआ था. जबकि इस साल ईंधन से चलने वाले दोपहिया वाहनों का कोटा 12076 तय किया गया था.
FADA ने जाहिर की नाराजगी: फेडरेशन ऑफ ऑटो मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ के फाइनेंस सेक्रेटरी राम कुमार गर्ग ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ईंधन से चलने वाले दोपहिया वाहनों का पंजीकरण बंद करने का नुकसान न केवल ग्राहकों बल्कि दुकानदारों को भी है. उन्होंने कहा कि इस बार की दिवाली काली ही मनाई जाएगी. ईंधन से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण बंद होने के कारण न सिर्फ ऑटो इंडस्ट्री को नुकसान होगा, बल्कि यहां काम करने वाले 6 हजार कर्मचारियों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ेगा. राजकुमार गर्ग ने बताया कि सबसे हैरानी वाली बात यह है कि देश का सबसे सफाई और स्वच्छ शहर में सबसे आगे इंदौर है. लेकिन इंदौर जैसे शहरों में भी ईवी पॉलिसी लागू नहीं हो पाई है.
दोपहिया वाहनों का पंजीकरण रोजाना: आपको बता दें कि चंडीगढ़ रजिस्ट्रेशन एंड लाइसेंस दफ्तर में रोजाना 30 से 35 दोपहरिया ईंधन वाहन पंजीकृत होते हैं. जिसके चलते पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहन पर पाबंदी लगने से लोग पंचकूला और मोहाली में जाकर अपने वाहन का पंजीकरण करवाने के लिए पहुंचेंगे. जिसकी वजह से चंडीगढ़ को रेवेन्यू में काफी नुकसान हो सकता है. इस दौरान RLA ने वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन के पंजीकरण को पूरी तरह से फ्री कर दिया है. जबकि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को प्रशासन की ओर से भारी स्तर पर प्रोत्साहन दिया जाता है.
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ईवी पॉलिसी का प्लान: जानकारी के लिए बता दें कि सितंबर 2022 से शुरू हुई ईवी पॉलिसी के लिए मास्टर प्लान बनाया गया था. चंडीगढ़ प्रशासन ने ईवी पॉलिसी के तहत 2024 में 25 फीसदी, 2025 में 50 फीसदी, 2026 में 70 फीसदी, टू व्हीलर का पंजीकरण कोटा रखा गया है. जबकि इलेक्ट्रिक कारों को लेकर 2024 में 25 फीसदी, 2025 में 35 फीसदी, 2026 में 45 फीसदी, 2027 में 55 फीसदी का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कोटा निर्धारित किया गया है. इस साल 2027 में 45 फीसदी ईंधन से चलने वाली कारों का पंजीकरण ही किया जाएगा.