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चंडीगढ़ में होता है देश का सबसे सख्त ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट, 60 प्रतिशत हो जाते हैं फेल, जानिए क्या है सिस्टम

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 11, 2023, 8:55 PM IST

Updated : Dec 12, 2023, 7:49 AM IST

Chandigarh Driving License Test: चंडीगढ़ में ड्राइविंग लाइसेंस बनाना अब और भी मुश्किल हो गया है. शहर में हो रहे ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट पुणे से मॉनिटर हो रहे हैं. ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आधे से ज्यादा लोग फिजिकल ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो जाते हैं. आइये आपको बताते हैं कैसे होता है टेस्ट.

Chandigarh Driving License Test
चंडीगढ़ में ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट की

चंडीगढ़ शहर ट्रैफिक नियमों के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि शहर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आधे से ज्यादा लोग फिजिकल ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो रहे हैं. जबकि रोजाना 150 से ज्यादा लोग ड्राइविंग टेस्ट में अपना रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का लाइसेंस अथॉरिटी ड्राइविंग टेस्ट देश के बेहतरीन ड्राइविंग टेस्ट में से एक माना जाता है. जिसके लिए लोगों का ड्राइविंग अनुभव जांचा जाता है.

1800 लोगों ने पास किया ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट: चंडीगढ़ के पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर और नवंबर महीने में करीब 1800 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट पास किया था. वहीं, रोजाना 150 के करीब लोगों द्वारा टेस्ट बुकिंग की जाती है, जिसमें से सिर्फ 90 से 110 के आसपास ही लोग टेस्ट देने के लिए पहुंच पाए.

5110 लोगों ने दिया था टेस्ट: आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर और नवंबर महीने में 5110 लोगों ने ही टेस्ट दिया था. टेस्ट में केवल 1850 लोग ही पास हो पाए थे. इनमें से 40 फीसदी दोपहिया वाहन चालक ऐसे थे जिनको चौराहे पर नेविगेट करना नहीं आता था. वहीं 25 फीसदी वो लोग असफल रहे जिन्हें यू-टर्न करना नहीं आया. 20 फीसदी हेयर पिन मोड को समझ पाने में भी असफल रहे.

सेक्टर-23 चिल्ड्रन पार्क का सिस्टम: यहां पर ड्राइविंग टेस्ट के लिए स्मार्ट ट्रैक बनाया गया है. यह स्मार्ट ट्रैक केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान पुणे द्वारा बनाया गया है. यहां ड्राइविंग टेस्ट के लिए बना ट्रैक पूरी तरह सेंसर और कैमरा से लेस है. ऐसे में ड्राइविंग टेस्ट देते समय अगर चालक छोटी सी भी अनदेखी करता है, तो वो उसके पॉइंट कट कर देता है. जिसके चलते अधिकतर चालक ड्राइविंग टेस्ट पास करने में असफल रह जाते हैं.

हर मूवमेंट पर है CCTV की नजर: इस समय चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क में ड्राइविंग स्किल्स पर नजर रखने के लिए 20 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं. जो लगातार ड्राइवर पर नजर बनाए रखता है. ऐसे में जब भी कोई चालक गलती करता है, तो कंप्यूटर उसे रिकॉर्ड कर लेता है. यह सिस्टम इसलिए इंस्टॉल किया गया है, क्योंकि अक्सर ड्राइविंग टेस्ट के दौरान व्हीकल इंस्पेक्टर चालक को सिर्फ दूर से ही देख सकता था. ऐसे में यू टर्न करते समय और ब्रिज के ऊपर चढ़ने के दौरान स्पीड को मापना मुश्किल हो जाता था.

चंडीगढ़ में आसान नहीं लाइसेंस बनाना: चंडीगढ़ परिवहन निदेशक प्रद्युमन सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ एकमात्र ऐसा शहर है, जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है. ताकि शहर में ड्राइविंग के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले वाहन चालकों को तैयार किया जा सके. उन्होंने बताया कि ड्राइविंग ट्रैक सेक्टर 23 में बनाया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान पुणे द्वारा वैज्ञानिक रूप से बनाया और डिजाइन किया गया है.

ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने की वजह: ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए अधिकांश तौर पर फोर व्हीलर चालक ही पहुंचते हैं. जिन्हें रिवर्स करने, सही गियर डालने और ब्रिज के ऊपर से ले जाने में दिक्कत आती है. वहीं, दोपहिया वाहन चालक अपने प्रशिक्षण के दौरान चौराहे पर यू टर्न और हेयर पिन मोड को ठीक से नेविगेट नहीं कर पाते. जिसके चलते वे टेस्ट में फेल हो जाते हैं.

ऑटोमेटिक सिस्टम से होता है टेस्ट: प्रद्युमन सिंह ने बताया यह टेस्ट हमारे हाथ में नहीं होता क्योंकि यह पूरा टेस्ट ऑनलाइन ऑटोमेटिक सिस्टम से होता है. जहां पॉइंट्स के आधार पर टेस्ट लिया जाता. उन्होंने कहा कि जो आंकड़ा पास होने वाले लोगों का है वह काफी अच्छा है. क्योंकि जो व्यक्ति टेस्ट में फेल हुआ है, वह उसे दोबारा देकर अपनी गलतियों को सुधार सकता है और एक अच्छा ड्राइवर बन सकता है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की ये 22 सेवाएं हुई ऑनलाइन, अब घर बैठे कराइये काम

ये भी पढ़ें: निजी सुरक्षा एजेंसी लाइसेंसिंग प्रक्रिया के लिए 1 नवंबर से होंगे ऑनलाइन आवेदन

चंडीगढ़ शहर ट्रैफिक नियमों के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि शहर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आधे से ज्यादा लोग फिजिकल ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो रहे हैं. जबकि रोजाना 150 से ज्यादा लोग ड्राइविंग टेस्ट में अपना रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का लाइसेंस अथॉरिटी ड्राइविंग टेस्ट देश के बेहतरीन ड्राइविंग टेस्ट में से एक माना जाता है. जिसके लिए लोगों का ड्राइविंग अनुभव जांचा जाता है.

1800 लोगों ने पास किया ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट: चंडीगढ़ के पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर और नवंबर महीने में करीब 1800 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट पास किया था. वहीं, रोजाना 150 के करीब लोगों द्वारा टेस्ट बुकिंग की जाती है, जिसमें से सिर्फ 90 से 110 के आसपास ही लोग टेस्ट देने के लिए पहुंच पाए.

5110 लोगों ने दिया था टेस्ट: आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर और नवंबर महीने में 5110 लोगों ने ही टेस्ट दिया था. टेस्ट में केवल 1850 लोग ही पास हो पाए थे. इनमें से 40 फीसदी दोपहिया वाहन चालक ऐसे थे जिनको चौराहे पर नेविगेट करना नहीं आता था. वहीं 25 फीसदी वो लोग असफल रहे जिन्हें यू-टर्न करना नहीं आया. 20 फीसदी हेयर पिन मोड को समझ पाने में भी असफल रहे.

सेक्टर-23 चिल्ड्रन पार्क का सिस्टम: यहां पर ड्राइविंग टेस्ट के लिए स्मार्ट ट्रैक बनाया गया है. यह स्मार्ट ट्रैक केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान पुणे द्वारा बनाया गया है. यहां ड्राइविंग टेस्ट के लिए बना ट्रैक पूरी तरह सेंसर और कैमरा से लेस है. ऐसे में ड्राइविंग टेस्ट देते समय अगर चालक छोटी सी भी अनदेखी करता है, तो वो उसके पॉइंट कट कर देता है. जिसके चलते अधिकतर चालक ड्राइविंग टेस्ट पास करने में असफल रह जाते हैं.

हर मूवमेंट पर है CCTV की नजर: इस समय चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क में ड्राइविंग स्किल्स पर नजर रखने के लिए 20 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं. जो लगातार ड्राइवर पर नजर बनाए रखता है. ऐसे में जब भी कोई चालक गलती करता है, तो कंप्यूटर उसे रिकॉर्ड कर लेता है. यह सिस्टम इसलिए इंस्टॉल किया गया है, क्योंकि अक्सर ड्राइविंग टेस्ट के दौरान व्हीकल इंस्पेक्टर चालक को सिर्फ दूर से ही देख सकता था. ऐसे में यू टर्न करते समय और ब्रिज के ऊपर चढ़ने के दौरान स्पीड को मापना मुश्किल हो जाता था.

चंडीगढ़ में आसान नहीं लाइसेंस बनाना: चंडीगढ़ परिवहन निदेशक प्रद्युमन सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ एकमात्र ऐसा शहर है, जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है. ताकि शहर में ड्राइविंग के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले वाहन चालकों को तैयार किया जा सके. उन्होंने बताया कि ड्राइविंग ट्रैक सेक्टर 23 में बनाया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान पुणे द्वारा वैज्ञानिक रूप से बनाया और डिजाइन किया गया है.

ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने की वजह: ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए अधिकांश तौर पर फोर व्हीलर चालक ही पहुंचते हैं. जिन्हें रिवर्स करने, सही गियर डालने और ब्रिज के ऊपर से ले जाने में दिक्कत आती है. वहीं, दोपहिया वाहन चालक अपने प्रशिक्षण के दौरान चौराहे पर यू टर्न और हेयर पिन मोड को ठीक से नेविगेट नहीं कर पाते. जिसके चलते वे टेस्ट में फेल हो जाते हैं.

ऑटोमेटिक सिस्टम से होता है टेस्ट: प्रद्युमन सिंह ने बताया यह टेस्ट हमारे हाथ में नहीं होता क्योंकि यह पूरा टेस्ट ऑनलाइन ऑटोमेटिक सिस्टम से होता है. जहां पॉइंट्स के आधार पर टेस्ट लिया जाता. उन्होंने कहा कि जो आंकड़ा पास होने वाले लोगों का है वह काफी अच्छा है. क्योंकि जो व्यक्ति टेस्ट में फेल हुआ है, वह उसे दोबारा देकर अपनी गलतियों को सुधार सकता है और एक अच्छा ड्राइवर बन सकता है.

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Last Updated : Dec 12, 2023, 7:49 AM IST
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