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जब सुविधाएं नहीं खिलाड़ियों के पास, कैसे करें पदकों की आस?

चंडीगढ़ की राष्ट्रीय स्तर की एथलीट सिमरन कौर प्रशासन की अनदेखी की वजह से खेलों में पिछड़ रही हैं. सिमरन कौर की उम्र महज 15 साल है और इसमें अभी दसवीं की परीक्षा पास की है.

एथलीट सिमरन कौर
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Published : Jun 5, 2019, 7:34 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 3:08 AM IST

चंडीगढ़: सिमरन ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक अपने नाम किए हैं, मगर सिमरन की मेहनत उस समय विफल हो जाती है, जब ज्यादा काबिल होने के बावजूद भी दूसरे खिलाड़ी रेस में उससे आगे निकल जाते हैं. इसकी वजह है चंडीगढ़ में सिंथेटिक ट्रैक का ना होना.

सिमरन का कहना है कि वे साधारण मिट्टी के बने ट्रैक पर प्रैक्टिस करती हैं और अपना बेहतरीन टाइम निकालने की कोशिश करती हैं, लेकिन जब बड़ी प्रतियोगिताओं में जाती हैं तो वहां पर उसे सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़ना पड़ता है.

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सिमरन ने कहा कि सिथेंटिक ट्रैक प्रैक्टिस करने वाले अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन मेरे लिए हमेशा ही सिंथेटिक ट्रैक नया होता है. इस लिए उनके लिए बेहतरीन टाइम निकाल पाना मुश्किल होता है.

वहीं जब इस मुद्दे पर चंडीगढ़ खेल विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ महेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा चंडीगढ़ में जल्द ही सिंथेटिक ट्रैक बनाया जाएगा और इस मुद्दे पर प्रशासन की ओर से गहन विचार विमर्श किया जा रहा है.

चंडीगढ़: सिमरन ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक अपने नाम किए हैं, मगर सिमरन की मेहनत उस समय विफल हो जाती है, जब ज्यादा काबिल होने के बावजूद भी दूसरे खिलाड़ी रेस में उससे आगे निकल जाते हैं. इसकी वजह है चंडीगढ़ में सिंथेटिक ट्रैक का ना होना.

सिमरन का कहना है कि वे साधारण मिट्टी के बने ट्रैक पर प्रैक्टिस करती हैं और अपना बेहतरीन टाइम निकालने की कोशिश करती हैं, लेकिन जब बड़ी प्रतियोगिताओं में जाती हैं तो वहां पर उसे सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़ना पड़ता है.

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सिमरन ने कहा कि सिथेंटिक ट्रैक प्रैक्टिस करने वाले अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन मेरे लिए हमेशा ही सिंथेटिक ट्रैक नया होता है. इस लिए उनके लिए बेहतरीन टाइम निकाल पाना मुश्किल होता है.

वहीं जब इस मुद्दे पर चंडीगढ़ खेल विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ महेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा चंडीगढ़ में जल्द ही सिंथेटिक ट्रैक बनाया जाएगा और इस मुद्दे पर प्रशासन की ओर से गहन विचार विमर्श किया जा रहा है.

Intro:ओलंपिक जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में में पूरा देश यह सपना देखता है कि उन्हें ट्रैक पर दौड़ता हुआ एक और मिल्खा सिंह दिखाई दे ।मगर आज तक यह संभव नहीं हो पाया है ।क्योंकि शायद देश के खिलाड़ियों को इतनी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है जितनी उन्हें चाहिए। देश के अन्य हिस सों की जगह अगर खुद मिल्खा सिंह के अपने शहर चंडीगढ़ के बारे में बात की जाए तो यहां के एथलीट मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं ।और इन सुविधाओं के ना मिलने की वजह से ही पूरी मेहनत करने के बावजूद यह ट्वीट दूसरे खिलाड़ियों से पिछड़ जाते हैं ।


Body:चंडीगढ़ की राष्ट्रीय स्तर की एथलीट सिमरन कौर प्रशासन की अनदेखी की वजह से खेलों में पिछड़ रही है। सिमरन कौर की उम्र महज 15 साल है और इसमें अभी दसवीं की परीक्षा पास की है। मगर इतनी सी उम्र में ही सिमरन एक बेहतरीन एथलीट बन गई है।सिमरन ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक अपने नाम किए हैं ।मगर सिमरन की मेहनत उस समय विफल हो जाती है जब ज्यादा काबिल होने के बावजूद भी दूसरे खिलाड़ी रेस में उससे आगे निकल जाते हैं। इसकी वजह है चंडीगढ़ में सिंथेटिक ट्रैक का ना होना। सिमरन का कहना है कि वे साधारण मिट्टी के बने ट्रैक पर प्रैक्टिस करती हैं और अपना बेहतरीन टाइम निकालने की कोशिश करती हैं। मगर जब बड़ी प्रतियोगिताओं में जाती हैं तो वहां पर उसे सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़ना पड़ता है ।जो खिलाड़ी पहले से ही सिंथेटिक ट्रेक पर प्रैक्टिस करते हैं वे आसानी से उन प्रतियोगिताओं में अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं ।मगर मेरे लिए हमेशा ही सिंथेटिक ट्रेक नया होता है ।इसलिए मैं वहां पर अपना बेहतरीन टाइम नहीं निकाल पाती । अगर चंडीगढ़ में भी सिंथेटिक ट्रेक होता न जाने कितने और एथलीट दुनिया भर में चंडीगढ़ का नाम रोशन करते। लेकिन सिंथेटिक ट्रैक की वजह होने की वजह से बहुत से खिलाड़ी काबिल होते हुए भी पिछड़ गए। बाइट - सिमरन कौर ,एथलीट वहीं जब हमने इस बारे में चंडीगढ़ खेल विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ महेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने कहा चंडीगढ़ में जल्द ही सिंथेटिक ट्रेक बनाया जाएगा और इस मुद्दे पर प्रशासन की ओर से गहन विचार विमर्श किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही चंडीगढ़ में सिंथेटिक ट्रेक बना दिया जाएगा। जिससे खिलाड़ियों को मिट्टी के मैदानों पर प्रेक्टिस नहीं करनी पड़ेगी। बाइट - डॉ महेंद्र सिंह, जॉइंट डायरेक्टर ,खेल विभाग, चंडीगढ़


Conclusion:
Last Updated : Jun 6, 2019, 3:08 AM IST
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