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चंडीगढ़ कांग्रेस ने देवेंद्र बबला को पार्टी से निकाला, पार्टी अध्यक्ष के साथ हुआ था विवाद

चंडीगढ़ कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बबला (Devendra singh babla) को पार्टी से बाहर कर दिया गया है. पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने इस संबंध में पत्र जारी किया है. शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला और देवेंद्र सिंह बबला के बीच विवाद हो गया था.

Devendra singh babla
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Published : Jan 2, 2022, 3:15 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में मिली करारी हार के बाद चंडीगढ़ कांग्रेस (chandigarh congress) में आपसी बवाल देखने को मिल रहा है. इसी के चलते कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र बबला (Devendra singh babla) को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. उनको पार्टी से बाहर निकालने का पत्र पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने जारी किया है. दरअसल शनिवार को बबला और पार्टी अध्यक्ष सुभाष चावला के बीच विवाद हुआ था. बता दें कि बबला की पत्नी हरप्रीत कौर इस बार नगर निगम चुनाव में जीतकर पार्षद बनी हैं. बबला और सुभाष चावला के बीच विवाद उस वक्त हुआ जब शनिवार को पार्षदों का शपथ ग्रहण हो रहा था.

देवेंद्र बबला ने पार्टी के अध्यक्ष सुभाष चावला पर चंडीगढ़ उपचुनाव में पार्टी को हराने के आरोप लगाए थे और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था. नगर निगम कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला और देवेंद्र सिंह बबला आपस में उलझ गए थे. नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी. अन्य नेता बीच बचाव में आए. हंगामा इतना हो गया है कि बबला और चावला ने एक-दूसरे को नगर निगम से बाहर आकर देखने की धमकी दी.

Devendra singh babla
चंडीगढ़ कांग्रेस ने देवेंद्र बबला को पार्टी से निकाला

ये भी पढ़ें- Chandigarh Mayor Election: AAP का भाजपा पर गंभीर आरोप, बोली- बीजेपी कर रही हमारे पार्षदों को खरीदने की कोशिश

इन दोनों के बीच हुए विवाद के बाद ये चर्चा तेज हो गई थी कि पार्टी बबला के खिलाफ कोई ना कोई कार्रवाई जरूर करेगी और जिसके बाद आज चंडीगढ़ कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. चंडीगढ़ की राजनीति और नगर निगम का सियासी समीकरण भी बबला को कांग्रेस पार्टी से निकालने के बाद बदल सकता है. सूत्रों के मुताबिक बबला की पत्नी हरप्रीत कौर जो कांग्रेस के टिकट पर पार्षद बनी हैं वह बीजेपी में शामिल हो सकती हैं.

बता दें कि इस बार चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें आम आदमी पार्टी के जीते हैं, जिनकी संख्या 14 है, और वहीं बीजेपी के 12 पार्षद जीते हैं. जबकि उनके पास सांसद किरण खेर का भी एक वोट है. यानी बीजेपी के पास इस समय कुल 13 वोट हैं. वहीं कांग्रेस के 8 पार्षद जीते थे, लेकिन अगर बबला की पत्नी बीजेपी में शामिल हो जाती है तो बीजेपी का आंकड़ा 14 हो जाएगा. ऐसे में नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर, सीनियर मेयर का मुकाबला दिलचस्प मोड़ लेता हुआ दिखाई दे रहा है.

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चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में मिली करारी हार के बाद चंडीगढ़ कांग्रेस (chandigarh congress) में आपसी बवाल देखने को मिल रहा है. इसी के चलते कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र बबला (Devendra singh babla) को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. उनको पार्टी से बाहर निकालने का पत्र पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने जारी किया है. दरअसल शनिवार को बबला और पार्टी अध्यक्ष सुभाष चावला के बीच विवाद हुआ था. बता दें कि बबला की पत्नी हरप्रीत कौर इस बार नगर निगम चुनाव में जीतकर पार्षद बनी हैं. बबला और सुभाष चावला के बीच विवाद उस वक्त हुआ जब शनिवार को पार्षदों का शपथ ग्रहण हो रहा था.

देवेंद्र बबला ने पार्टी के अध्यक्ष सुभाष चावला पर चंडीगढ़ उपचुनाव में पार्टी को हराने के आरोप लगाए थे और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था. नगर निगम कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला और देवेंद्र सिंह बबला आपस में उलझ गए थे. नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी. अन्य नेता बीच बचाव में आए. हंगामा इतना हो गया है कि बबला और चावला ने एक-दूसरे को नगर निगम से बाहर आकर देखने की धमकी दी.

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चंडीगढ़ कांग्रेस ने देवेंद्र बबला को पार्टी से निकाला

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इन दोनों के बीच हुए विवाद के बाद ये चर्चा तेज हो गई थी कि पार्टी बबला के खिलाफ कोई ना कोई कार्रवाई जरूर करेगी और जिसके बाद आज चंडीगढ़ कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. चंडीगढ़ की राजनीति और नगर निगम का सियासी समीकरण भी बबला को कांग्रेस पार्टी से निकालने के बाद बदल सकता है. सूत्रों के मुताबिक बबला की पत्नी हरप्रीत कौर जो कांग्रेस के टिकट पर पार्षद बनी हैं वह बीजेपी में शामिल हो सकती हैं.

बता दें कि इस बार चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें आम आदमी पार्टी के जीते हैं, जिनकी संख्या 14 है, और वहीं बीजेपी के 12 पार्षद जीते हैं. जबकि उनके पास सांसद किरण खेर का भी एक वोट है. यानी बीजेपी के पास इस समय कुल 13 वोट हैं. वहीं कांग्रेस के 8 पार्षद जीते थे, लेकिन अगर बबला की पत्नी बीजेपी में शामिल हो जाती है तो बीजेपी का आंकड़ा 14 हो जाएगा. ऐसे में नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर, सीनियर मेयर का मुकाबला दिलचस्प मोड़ लेता हुआ दिखाई दे रहा है.

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