चंडीगढ़: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चंडीगढ़ बुरी तरह पिछड़ गया है. जो सपने इस प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग पर दिखाए गए थे, उन्हें पूरा करने में प्रशासन नाकाम रहा हैं. करोड़ों की ग्रांट मिलने के बाद भी प्रशासन कोई काम नहीं करवा सका.
चंडीगढ़ शहर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 67वां रैंक मिला है. वो भी महज 28.26 का स्कोर के साथ.वहीं हरियाणा सीएम सिटी करनाल 0.48 स्कोर के साथ 94वें अंक पर रहा है.
जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ को प्रोजक्ट के लिए पिछले साल 296 करोड़ रुपये मिले थे. इस बार के बजट में 100 करोड़ मिले हैं. बताया जा रहा है कि जिस में से 19 करोड़ रुपये खर्च कर साईकल ट्रैक बनाए गए हैं.वहीं समार्ट सिटी कार्यालय बनाने पर भी 5 करोड़ खर्च आया है. बता दें कि चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 3 सीईओ चेंज हो चुके है.
चंडीगढ़ के पुर्व सांसद और काग्रेंस के वरिष्ठ नेता पवन बंसल ने कहा कि ग्राउंड स्तर पर काम करने में चंडीगढ़, लुधियाना से भी पिछड़ गया है. लुधियाना को 78.42 स्कोर के साथ 37वां रैंक मिला है. पवन बंसल ने कहा कि चंडीगढ़ की सांसद और मौजुदा सरकार यानि कि भाजपा इसके लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि न तो भाजपा ने कोई स्मार्ट काम करवाया न ही सिटी को स्वच्छ बनाने की कोशिश की. उन्होंने कहा लोग सब देख रहे हैं और इसका खामियाजा भाजपा को लोकसभा चुनाव में चुकाना होगा. उन्होंने ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी एक तरह से टूल्स है. मौजुदा सरकार को उसका इस्तेमाल करने का तरीका पता होना चाहिए.
वहीं चंडीगढ़ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि भाजपा हर काम पर पैनी नजर रखे हुए है, लेकिन रैकिंग इतनी पीछे आना गंभीरता की बात है और प्रशासक से मुलाकात कर जो काम अधूरे हैं, उन्हे पुरा करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सर्वे के 4 दिन बार प्रशासन ने 4 टेंडर निकाले थे, जिनकी गिनती नहीं हुई इसलिए भी हम पिछड़ गए. उन्होंने कहा इस साल समार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर पुरा ध्यान दिया जाएगा. वहीं चंडीगढ़ के मेयर राजेश कालिया ने कहा कि शहर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर अब पूरा ध्यान दिया जाएगा.