चंडीगढ़: केंद्रीय बजट से चंडीगढ़ को भी काफी उम्मीदें थी, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन को केंद्र सरकार से इस बार भी उम्मीद के मुताबिक बजट नहीं मिला. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए चंडीगढ़ की तरफ से केंद्र से 5670.31 करोड़ रुपये बजट में मांगे गए थे, लेकिन केंद्र सरकार ने 5186.12 करोड़ ही चंडीगढ़ की झोली में डाले हैं. करीब 484.19 करोड़ के बजट पर कैंची चल गई है.
बता दें कि केंद्र सरकार से चंडीगढ़ प्रशासन को रेवेन्यू हेड यानी वेतन, भत्ते और अन्य खर्चों के लिए 4567.67 करोड़, जबकि कैपिटल हेड यानी विकास कार्यों के लिए 618.45 करोड़ रुपये मिले हैं. चंडीगढ़ को पिछली बार के बजट के मुकाबले 48.02 करोड़ ज्यादा मिले हैं, जो महज 0.93 प्रतिशत की वृद्धि है.
केंद्र ने वर्ष 2021-22 के लिए कैपिटल हेड पिछली बार के मुकाबले करीब 124.31 करोड़ ज्यादा दिए हैं. प्रशासन के अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे कोरोना की वजह से प्रभावित हुए विकास कार्यों में तेजी आएगी, लेकिन केंद्र ने यूटी के रेवेन्यू हेड में पिछले वर्ष के मुकाबले 76.29 करोड़ रुपये कम कर दिए हैं.
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पिछली बार आम बजट में चंडीगढ़ को 384 करोड़ की बढ़ोतरी के साथ 5138.10 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था. हालांकि प्रशासन इस बजट को पूरा खर्च नहीं कर पाया, इसलिए रिवाइज्ड इस्टीमेट में केंद्र सरकार ने दिसंबर के महीने में 493.19 करोड़ का कट लगा दिया. इसके बाद प्रशासन के पास कैपिटल और रेवेन्यू हेड के तहत वर्ष 2020-21 के लिए 4644.91 करोड़ रुपये बचे, जिसमें से प्रशासन ने 31 दिसंबर 2020 तक 3285.66 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थेय इसमें रेवेन्यू हेड के तहत मिले 4209.36 करोड़ में से 3073.51 करोड़, जबकि कैपिटल हेड के तहत मिले 435.55 करोड़ में से 212.15 करोड़ खर्च किए गए. ये कुल बजट का 70.74 फीसदी है.