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सिप्पी सिद्धू हत्याकांड: CBI ने पूर्व जज की बेटी को बनाया मुख्य आरोपी, HC ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल

हाई प्रोफाइल सिप्पी मर्डर केस में अब एक नया मोड़ आ गया है. 5 साल बाद सीबीआई ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट पेश कर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज की बेटी को मुख्य आरोपी बताया है. लेकिन कोर्ट ने सीबीआई की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं.

high profile sippy sidhu murder case
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Published : Dec 14, 2020, 10:45 PM IST

चंडीगढ़: 5 साल पुराने हाई प्रोफाइल नेशनल शूटर और एडवोकेट सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी के मर्डर केस में सीबीआई ने गुपचुप तरीके से मजिस्ट्रेट कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी है. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज की बेटी को प्राइम सस्पेक्ट माना है. लेकिन कोर्ट में आरोपी युवती के खिलाफ सबूत नहीं पेश किया गया है.

हत्याकांड में यूपी पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की लीपापोती कर नाकामी के बाद परिजनों की अपील पर केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था. अब 4 वर्ष 10 महीने की लंबी पड़ताल के बाद सीबीआई ने घुमावदार तरीके से अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी है, क्योंकि सीबीआई ने इसे क्लोजर रिपोर्ट नहीं बल्कि अनट्रेस रिपोर्ट नाम बताया है.

ये भी पढे़ं- मानेसर लैंड स्कैम: गृह सचिव राजीव अरोड़ा को HC से राहत, सीबीआई कोर्ट के समन के आदेश पर रोक

साथ ही मामले में जांच भी जारी होने की बात कही है. कोर्ट ने रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सीबीआई के एसपी क्राइम ब्रांच को कोर्ट में पेश होकर उनसे फाइनल रिपोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट होने के बाबत सवाल पूछा है कि क्या इसे सिर्फ स्टेटस रिपोर्ट माना जाए.

इस मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से सीबीआई एसपी क्राइम ब्रांच एमके पूरी को पेश होने को कहा था. जिसके बाद सोमवार को कोर्ट में पेश होकर एसपीएम के पुराने मामले में कई संबंधित दस्तावेज सौंपा है. कोर्ट इस रिपोर्ट पर अगली तारीख पर सुनवाई करेगी.

सीबीआई ने इसी केस से जुड़े दो लोगों के लाई डिटेक्टर टेस्ट करने के लिए सीबीआई कोर्ट में एक याचिका लगाई थी. जिसे कोर्ट ने पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी है. जिन दो लोगों के टेस्ट करवाने के लिए सीबीआई की याचिका लगाई है उनकी पहचान सिमरनदीप और कर्मपाल के रूप में हुई.

क्या है पूरा मामला

20 सितंबर 2015 की रात को सेक्टर-27 में एडवोकेट और नेशनल शूटर सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी सिद्धू की चार गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. हाई प्रोफाइल केस में चंडीगढ़ पुलिस ने तत्काल एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित कर जांच शुरू करवा दी थी. जबकि मामले में एक तत्कालीन पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज की बेटी का नाम संदिग्ध आरोपी के तौर पर आने के बाद केस में नया मोड़ आ गया था.

जिसके बाद एसआईटी की नाकामी के बाद परिजनों ने कैंडल मार्च निकाला. बाद में केस ट्रांसफर की अपील दायर की. 22 जनवरी 2016 को यूटी पुलिस ने जिला अदालत में बताया कि मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था. सीबीआई ने 13 अप्रैल 2016 को अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी. इसके बाद साथ ही सीबीआई ने मामले में कोई भी सुराग देने वाले के लिए 5 लाख के इनाम की घोषणा भी की थी.

चंडीगढ़: 5 साल पुराने हाई प्रोफाइल नेशनल शूटर और एडवोकेट सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी के मर्डर केस में सीबीआई ने गुपचुप तरीके से मजिस्ट्रेट कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी है. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज की बेटी को प्राइम सस्पेक्ट माना है. लेकिन कोर्ट में आरोपी युवती के खिलाफ सबूत नहीं पेश किया गया है.

हत्याकांड में यूपी पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की लीपापोती कर नाकामी के बाद परिजनों की अपील पर केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था. अब 4 वर्ष 10 महीने की लंबी पड़ताल के बाद सीबीआई ने घुमावदार तरीके से अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी है, क्योंकि सीबीआई ने इसे क्लोजर रिपोर्ट नहीं बल्कि अनट्रेस रिपोर्ट नाम बताया है.

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साथ ही मामले में जांच भी जारी होने की बात कही है. कोर्ट ने रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सीबीआई के एसपी क्राइम ब्रांच को कोर्ट में पेश होकर उनसे फाइनल रिपोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट होने के बाबत सवाल पूछा है कि क्या इसे सिर्फ स्टेटस रिपोर्ट माना जाए.

इस मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से सीबीआई एसपी क्राइम ब्रांच एमके पूरी को पेश होने को कहा था. जिसके बाद सोमवार को कोर्ट में पेश होकर एसपीएम के पुराने मामले में कई संबंधित दस्तावेज सौंपा है. कोर्ट इस रिपोर्ट पर अगली तारीख पर सुनवाई करेगी.

सीबीआई ने इसी केस से जुड़े दो लोगों के लाई डिटेक्टर टेस्ट करने के लिए सीबीआई कोर्ट में एक याचिका लगाई थी. जिसे कोर्ट ने पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी है. जिन दो लोगों के टेस्ट करवाने के लिए सीबीआई की याचिका लगाई है उनकी पहचान सिमरनदीप और कर्मपाल के रूप में हुई.

क्या है पूरा मामला

20 सितंबर 2015 की रात को सेक्टर-27 में एडवोकेट और नेशनल शूटर सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी सिद्धू की चार गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. हाई प्रोफाइल केस में चंडीगढ़ पुलिस ने तत्काल एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित कर जांच शुरू करवा दी थी. जबकि मामले में एक तत्कालीन पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज की बेटी का नाम संदिग्ध आरोपी के तौर पर आने के बाद केस में नया मोड़ आ गया था.

जिसके बाद एसआईटी की नाकामी के बाद परिजनों ने कैंडल मार्च निकाला. बाद में केस ट्रांसफर की अपील दायर की. 22 जनवरी 2016 को यूटी पुलिस ने जिला अदालत में बताया कि मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था. सीबीआई ने 13 अप्रैल 2016 को अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी. इसके बाद साथ ही सीबीआई ने मामले में कोई भी सुराग देने वाले के लिए 5 लाख के इनाम की घोषणा भी की थी.

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