चंडीगढ़: हरियाणा के कला एवं सांस्कृतिक मामले के मंत्री कंवर पाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सामाजिक विषयों पर आधारित रागिनी, नृत्य, नाटक, गीतों की प्रतियोगिताएं और प्रशिक्षण करवाएं. ताकि आमजन को जागरूक करने में सहायता मिल सके. इससे कलाकारों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा. कंवरपाल गुर्जर ने कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान ये बात कही.
बैठक में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल ने बताया कि राज्य की संस्कृति के संरक्षण, परिरक्षण एवं प्रबंधन के लिए ‘कलश नीति’ बनाई गई है. जिसका मुख्य उद्देश्य हरियाणा की पारंपरिक कलाओं रूपों का ज्ञान वर्तमान और भावी पीढियों के मिल सके. इस नीति के तहत प्राचीन एवं सांस्कृतिक विभिन्न कला विधाओं के क्षेत्र में लगभग 1300 कलाकारों को पंजीकृत किया गया है.
कलाकारों की सभी अदायगियां आनलाइन माध्यम से की जा रही है. सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रतीक चिन्ह का प्रक्षेपण फरवरी 2019 में किया गया था. विभागीय वेबसाइट भी साल 2019 में बनाई गई है. कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं और कलाकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए नियम बनाये गये हैं. मुख्यालय एवं मंडल स्तर पर सांस्कृतिक गतिविधियों को बढावा देने के लिए 153 पदों को सृजन करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है.
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बैठक में बताया गया कि हरियाणा कला परिषद् द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं व सरकार के मध्य प्रभावी मेलजोल स्थापित किया जाता है. इसके अलावा संगीत, नृत्य तथा नाटक आदि के क्षेत्र में शिक्षा तथा अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहित किया जाता है. विभिन्न कला विधाओं पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए संस्थाओं की स्थापना करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.