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हरियाणा में JJP और BSP का गठबंधन, 50 पर JJP तो 40 सीट पर लड़ेगी BSP - जेजेपी और बीएसपी का गठबंधन

इस बार विधासभा चुनाव में जेजेपी और बीएसपी में गठबंधन हो गया है. इसकी सूचना दोनों पार्टियों ने दिल्ली में साझा प्रेसवार्ता कर दी.

जेजेपी-बीएसपी की साझा प्रेसवार्ता
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Published : Aug 11, 2019, 1:35 PM IST

Updated : Aug 11, 2019, 1:52 PM IST

चंडीगढ़: इसी साल के अंत तक हरियाणा में विधासभा चुनाव होने हैं. सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. हरियाणा में विधासभा चुनाव के लिए जननायक जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर लिया है.

जेजेपी-बीएसपी की साझा प्रेसवार्ता

50-40 के फॉर्मूले पर जेजेपी और बीएसपी में गठबंधन
दिल्ली में जेजेपी और बीएसपी ने साझा प्रेसवार्ता की. प्रेसवार्ता के दौरान जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला और बीएसपी से सतीश मिश्रा ने इस गठबंठन का ऐलान किया. इस बैठक में सीटों के 50-40 के बंटवारे पर सहमति बनी है. हरियाणा में 50 सीटों पर जेजेपी चुनाव लड़ेगी और 40 सीटों पर बीएसपी चुनाव लड़ेगी.

जींद उपचुनाव में जेजेपी की हार
बता दें कि हरियाणा में जेजेपी पार्टी बनने के बाद 2 बार चुनाव लड़ी है और दोनों ही बार पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. जींद उपचुनाव में पार्टी की ओर से मैदान में दिग्विजय चौटाला थे. इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी कृष्णा मिड्ढा ने जीत हासिल की थी.

लोकसभा चुनाव में 'आप' के साथ गठबंधन
इसके बाद लोकसभा चुनावों में दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, इस चुनाव का नतीजा यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में दोनों ही पार्टी एक भी सीट पर जीत नहीं पाई. और अंत में दोनों पार्टियों ने गठबंधन तोड़ कर लिया.

चंडीगढ़: इसी साल के अंत तक हरियाणा में विधासभा चुनाव होने हैं. सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. हरियाणा में विधासभा चुनाव के लिए जननायक जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर लिया है.

जेजेपी-बीएसपी की साझा प्रेसवार्ता

50-40 के फॉर्मूले पर जेजेपी और बीएसपी में गठबंधन
दिल्ली में जेजेपी और बीएसपी ने साझा प्रेसवार्ता की. प्रेसवार्ता के दौरान जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला और बीएसपी से सतीश मिश्रा ने इस गठबंठन का ऐलान किया. इस बैठक में सीटों के 50-40 के बंटवारे पर सहमति बनी है. हरियाणा में 50 सीटों पर जेजेपी चुनाव लड़ेगी और 40 सीटों पर बीएसपी चुनाव लड़ेगी.

जींद उपचुनाव में जेजेपी की हार
बता दें कि हरियाणा में जेजेपी पार्टी बनने के बाद 2 बार चुनाव लड़ी है और दोनों ही बार पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. जींद उपचुनाव में पार्टी की ओर से मैदान में दिग्विजय चौटाला थे. इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी कृष्णा मिड्ढा ने जीत हासिल की थी.

लोकसभा चुनाव में 'आप' के साथ गठबंधन
इसके बाद लोकसभा चुनावों में दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, इस चुनाव का नतीजा यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में दोनों ही पार्टी एक भी सीट पर जीत नहीं पाई. और अंत में दोनों पार्टियों ने गठबंधन तोड़ कर लिया.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- प्रसाशन की नाक के नीचे पानी का टोटा , जनता को प्यास बुझाने के लिए उन्हें इधर -उधर भटकना पड़ रहा

करोड़ों रुपये की लागत से बने तीन मंजिला लघु सचिवालय भवन में कर्मचारी से लेकर आम आदमी आग उगलती गर्मी में पानी की बूंद -बूंद को तरस रहे हैं। जब आला अधिकारियों की नाक के नीचे पीने के पानी हाल है तो जिले भर की करीब 11 लाख आबादी को पर्याप्त पानी मुहैया कराने के दावे की में कितनी सच्चाई है ,इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। लोगों के मुताबिक तीन -चार दिन से गर्मी का प्रकोप ज्यादा बढ़ा तो जन स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम जवाब दे गए। गर्मीं से व्याकुल लोग वाटर कूलर के पास तेज कदम बढ़ाते हुए जाते और पानी नही मिलने पर निराश होकर वापस लौटते। लघु सचिवालय नूंह में करीब दो दर्जन से अधिक सरकारी कार्यालय हैं। इन कार्यालयों में सैकड़ों कर्मचारी तो 20 रुपये का वाटर कूलर का पानी खरीद कर प्यास बुझा लेते हैं, लेकिन इन दफ्तरों में आने वाली जनता को पानी की तलाश में इधर उधर भटकना पड़ रहा है । अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

इतना ही नहीं शौचालयों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। पानी के लिए जो वाटर कूलर लगे हुए हैं ,उनमें टूटी से लेकर पानी तक गायब है। पुलिस लाइन में भी पानी का अभाव है। कई मंजिला इस भवन में सैकड़ों कर्मचारी हैं। अपने कार्यों को कराने के लिए रोजाना सैकड़ों लोग दूरदराज से लघु सचिवालय आते हैं ,लेकिन गले की प्यास बुझाने के लिए उन्हें इधर -उधर भटकना पड़ता है। कई सरकारी दफ्तरों में हर दिन हजारों रुपये का पानी मयूर जग खरीद कर प्यास बुझाई जा रही है ,लेकिन बेचारी जनता कहां जाये ,इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। लघु सचिवालय भवन में पानी नहीं होने के साथ -साथ बद इंतजामी से लोग खफा हैं। इलाके के लोगों के मुताबिक जब आला अधिकारियों की नाक के नीचे पानी की किल्लत गर्मी के मई माह में रंग दिखाने लगी तो ,आग बरसाने वाले गर्मी के मौसम में आलम क्या होगा ,इसकी चिंता लोगों को अभी से सता रही है। ये आलम तब है जब लाखों की लागत से लगे वाटर कूलर ओर एसडीएम नूंह के दफ्तर से चंद फ़ुट का फांसला है।

बाइट ;- रामजीलाल ग्रामीण।
बाइट ;- सत्तार सरपंच।
बाइट ;- रकमुद्दीन ग्रामीण।
बाइट ;- महावीर ग्रामीण।
बाइट ;- जाहुल ग्रामीण।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Body:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- प्रसाशन की नाक के नीचे पानी का टोटा , जनता को प्यास बुझाने के लिए उन्हें इधर -उधर भटकना पड़ रहा

करोड़ों रुपये की लागत से बने तीन मंजिला लघु सचिवालय भवन में कर्मचारी से लेकर आम आदमी आग उगलती गर्मी में पानी की बूंद -बूंद को तरस रहे हैं। जब आला अधिकारियों की नाक के नीचे पीने के पानी हाल है तो जिले भर की करीब 11 लाख आबादी को पर्याप्त पानी मुहैया कराने के दावे की में कितनी सच्चाई है ,इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। लोगों के मुताबिक तीन -चार दिन से गर्मी का प्रकोप ज्यादा बढ़ा तो जन स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम जवाब दे गए। गर्मीं से व्याकुल लोग वाटर कूलर के पास तेज कदम बढ़ाते हुए जाते और पानी नही मिलने पर निराश होकर वापस लौटते। लघु सचिवालय नूंह में करीब दो दर्जन से अधिक सरकारी कार्यालय हैं। इन कार्यालयों में सैकड़ों कर्मचारी तो 20 रुपये का वाटर कूलर का पानी खरीद कर प्यास बुझा लेते हैं, लेकिन इन दफ्तरों में आने वाली जनता को पानी की तलाश में इधर उधर भटकना पड़ रहा है । अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

इतना ही नहीं शौचालयों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। पानी के लिए जो वाटर कूलर लगे हुए हैं ,उनमें टूटी से लेकर पानी तक गायब है। पुलिस लाइन में भी पानी का अभाव है। कई मंजिला इस भवन में सैकड़ों कर्मचारी हैं। अपने कार्यों को कराने के लिए रोजाना सैकड़ों लोग दूरदराज से लघु सचिवालय आते हैं ,लेकिन गले की प्यास बुझाने के लिए उन्हें इधर -उधर भटकना पड़ता है। कई सरकारी दफ्तरों में हर दिन हजारों रुपये का पानी मयूर जग खरीद कर प्यास बुझाई जा रही है ,लेकिन बेचारी जनता कहां जाये ,इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। लघु सचिवालय भवन में पानी नहीं होने के साथ -साथ बद इंतजामी से लोग खफा हैं। इलाके के लोगों के मुताबिक जब आला अधिकारियों की नाक के नीचे पानी की किल्लत गर्मी के मई माह में रंग दिखाने लगी तो ,आग बरसाने वाले गर्मी के मौसम में आलम क्या होगा ,इसकी चिंता लोगों को अभी से सता रही है। ये आलम तब है जब लाखों की लागत से लगे वाटर कूलर ओर एसडीएम नूंह के दफ्तर से चंद फ़ुट का फांसला है।

बाइट ;- रामजीलाल ग्रामीण।
बाइट ;- सत्तार सरपंच।
बाइट ;- रकमुद्दीन ग्रामीण।
बाइट ;- महावीर ग्रामीण।
बाइट ;- जाहुल ग्रामीण।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- प्रसाशन की नाक के नीचे पानी का टोटा , जनता को प्यास बुझाने के लिए उन्हें इधर -उधर भटकना पड़ रहा

करोड़ों रुपये की लागत से बने तीन मंजिला लघु सचिवालय भवन में कर्मचारी से लेकर आम आदमी आग उगलती गर्मी में पानी की बूंद -बूंद को तरस रहे हैं। जब आला अधिकारियों की नाक के नीचे पीने के पानी हाल है तो जिले भर की करीब 11 लाख आबादी को पर्याप्त पानी मुहैया कराने के दावे की में कितनी सच्चाई है ,इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। लोगों के मुताबिक तीन -चार दिन से गर्मी का प्रकोप ज्यादा बढ़ा तो जन स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम जवाब दे गए। गर्मीं से व्याकुल लोग वाटर कूलर के पास तेज कदम बढ़ाते हुए जाते और पानी नही मिलने पर निराश होकर वापस लौटते। लघु सचिवालय नूंह में करीब दो दर्जन से अधिक सरकारी कार्यालय हैं। इन कार्यालयों में सैकड़ों कर्मचारी तो 20 रुपये का वाटर कूलर का पानी खरीद कर प्यास बुझा लेते हैं, लेकिन इन दफ्तरों में आने वाली जनता को पानी की तलाश में इधर उधर भटकना पड़ रहा है । अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

इतना ही नहीं शौचालयों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। पानी के लिए जो वाटर कूलर लगे हुए हैं ,उनमें टूटी से लेकर पानी तक गायब है। पुलिस लाइन में भी पानी का अभाव है। कई मंजिला इस भवन में सैकड़ों कर्मचारी हैं। अपने कार्यों को कराने के लिए रोजाना सैकड़ों लोग दूरदराज से लघु सचिवालय आते हैं ,लेकिन गले की प्यास बुझाने के लिए उन्हें इधर -उधर भटकना पड़ता है। कई सरकारी दफ्तरों में हर दिन हजारों रुपये का पानी मयूर जग खरीद कर प्यास बुझाई जा रही है ,लेकिन बेचारी जनता कहां जाये ,इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। लघु सचिवालय भवन में पानी नहीं होने के साथ -साथ बद इंतजामी से लोग खफा हैं। इलाके के लोगों के मुताबिक जब आला अधिकारियों की नाक के नीचे पानी की किल्लत गर्मी के मई माह में रंग दिखाने लगी तो ,आग बरसाने वाले गर्मी के मौसम में आलम क्या होगा ,इसकी चिंता लोगों को अभी से सता रही है। ये आलम तब है जब लाखों की लागत से लगे वाटर कूलर ओर एसडीएम नूंह के दफ्तर से चंद फ़ुट का फांसला है।

बाइट ;- रामजीलाल ग्रामीण।
बाइट ;- सत्तार सरपंच।
बाइट ;- रकमुद्दीन ग्रामीण।
बाइट ;- महावीर ग्रामीण।
बाइट ;- जाहुल ग्रामीण।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Last Updated : Aug 11, 2019, 1:52 PM IST
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