चंडीगढ़: बीजेपी नेता रामपाल माजरा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. रामपाल माजरा ने गुरुवार को ये घोषणा चंडीगढ़ एमएलए हॉस्टल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की है. रामपाल माजरा ने कहा कि लाल किले पर जो हुआ उससे देशवासियों की भावनाएं आहत हुई है. उन्होंने कहा कि जो किसानों की समस्या का हल नहीं कर पाई ऐसी पार्टी से आज से मेरा कोई वास्ता नहीं है.
रामपाल माजरा ने कहा कि सरकार देश की मर्यादा को कायम नहीं रख पाई है. उन्होंने कहा कि में 26 जनवरी को हुई हिंसा की निंदा करता हूं. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए कि खुद को राष्टवादी कहने वाली सरकार, इस देश की आन बान शान की मर्यादा को कायम नहीं रख पाई.
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'ये एक सुनियोजित चाल थी'
रामपाल माजरा ने कहा कि ये एक सुनियोजित चाल थी. जिसके चलते लाल किले परव एक पंथ का झंडा लहराया गया. उन्होंने कहा कि मै समझता हूं ये चाल सरकार की तरफ से चली गई है. उन्होंने किसी फोटो का हवाला देते हुए कहा कि एक फोटा जारी हुई है जिसमें सरकार के लोग सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दे रहे थे.
'ऐसा आंदोलन पहले कभी नहीं देखा'
रामपाल माजरा ने पहले भी हमने आंदोलन देखे मगर इस तरह का आंदोलन पहले कभी नहीं हुआ. करीब 150 किसानों की जान जा चुकी है. किसी ने भी कानून बनाने की मांग नहीं की थी. किसानों को लगा एमएसपी खत्म होगी, मंडी समाप्त होगी. उन्होंने कहा कि किसान जहां स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की मांग कर रहा था. वहां उसे ये काले कानून मिले.
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'इनेलो छोड़ कर मैंने गलती की'
प्रेस वार्ता के दौरान रामपाल माजरा ने माना कि बीजेपी में शामिल होना उनकी बड़ी गलती थी. उन्होंने कहा कि अभय सिंह चौटाला ने साहसिक कदम उठाया है इसके लिए वो बधाई के पात्र हैं. माजरा ने कहा कि कोई भी आज सरपंची तक छोड़ने को तैयार नहीं है, लेकिन अपना नैतिक दायित्व समझते हुए अभय चौटाला ने अपना पद छोड़ दिया.