चंडीगढ़: शनिवार को हरियाणा किसान मोर्चा ने नेता फसलों पर एमएसपी (Minimum Support Price) बढ़ाए जाने पर सीएम का धन्यवाद करने के लिए चंडीगढ़ सचिवालय पहुंचे. किसानों का कहना है कि हरियाणा सरकार फसलों का जो भाव दे रही है वो कहीं नहीं मिल रहा, जिससे पता चलता है कि सरकार किसानों के लिए कितने अच्छे काम कर रही है. वहीं इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने भी बीजेपी किसान मोर्चा के किसानों से बातचीत की.
ईटीवी भारत से बात करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा में अभी जो खास तौर पर गन्ने और बाजरे के रेट में बढ़ोतरी की गई है. पड़ोसी राज्य पंजाब और राजस्थान के किसानों को भी इतना भाव नहीं मिल रहा. उन राज्यों के किसानों को भाव कम होने की वजह से नुकसान उठाना पड़ रहा है, जबकि हरियाणा में किसानों को फसलों का अच्छा दाम दिया जा रहा है. वहीं किसान आंदोलन को लेकर कहा कि यह किसान आंदोलन राजनीतिक आंदोलन (farmers movement politically motivated) बन चुका है.
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बीजेपी किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि राजनीतिक पार्टियां नैतिकता को भूल चुकी हैं, जो अपने स्वार्थों को सिद्ध करने के लिए किसानों का फायदा उठा रही हैं. इन्हीं राजनीतिक पार्टियों की वजह से सरकार और किसानों के बीच बातचीत के रास्ते बंद हो गए हैं. सरकार ने किसानों से बातचीत करने के लिए कई बार आह्वाहन किया है, लेकिन कुछ लोगों की वजह से किसानों और सरकार के बीच बातचीत नहीं हो पाई. क्योंकि वह लोग सीधे तौर पर कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं.
किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार कानूनों में किसानों के कहे अनुसार संशोधन करने के लिए तैयार है तो कानूनों को रद्द करने की मांग लाकर सरकार से बातचीत बंद कर देना समझदारी नहीं है. नेताओं ने कहा कि बहुत से भोले-भाले किसानों को कानून के बारे में पूरी जानकारी भी नहीं है. उन्हें पता भी नहीं कि आखिर उनकी जमीन क्यों जाएगी. कुछ राजनीतिक लोग इन भोले वाले किसानों को फायदा उठाकर उन्हें सरकार के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं.
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