चंडीगढ़: हरियाणा सरकार बाजरे की खपत बढ़ाने को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है. 28 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली हरियाणा भवन में पारले-जी बिस्कुट के रीजनल हेड जितेंद्र बक्शी से मुलाकात की और हरियाणा से बाजरा खरीदकर उसके बिस्कुट और अन्य प्रोडक्ट बनाने को लेकर चर्चा की. इसके अलावा सीएम ने ओम स्वीट्स, हरीश बेकरी, काकाजी बेकरी और बीकानेर जैसी मशहूर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाजरे की खपत बढ़ाने को लेकर चर्चा की.
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मुख्यमंत्री ने सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा कि वो आगामी 2 से 3 महीने में इस तरह की कोई योजना बनाएं कि फूड प्रोडक्ट में बाजरे की खपत को बढ़ाया जा सके. इस दौरान मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि बाजरे से बने बिस्कुट लोगों में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इसका उत्पादन बढ़ाया जाए. जिसके लिए स्वयं सहायता समूहों की भी मदद ली जा सकती है.
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से साल 2023 को 'मिलेट इयर' घोषित किया है. मतलब ये कि लोग मोटा अनाज खाए ताकि लोग स्वस्थ रहें और वो बीमारियों से बचे रहें. कंपनी प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिलाया कि वे इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए ट्रायल किए जा रहे हैं और जल्द ही अच्छे परिणाम मिलेंगे.
बाजरा खाने के फायदे:
1. एनर्जी के लिए:
बाजरा खाने से एनर्जी मिलती है. ये ऊर्जा एक बहुत अच्छा स्त्रोत है. इसके अलावा अगर आप वजन घटाना चाह रहे हैं तो भी बाजरा खाना आपके लिए फायदेमंद होगा. दरअसल, बाजरा खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती है. जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
2. स्वस्थ दिल के लिए
बाजरा कोलस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा ये मैग्नीशियम और पोटैशियम का भी अच्छा स्त्रोत है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मददगार है.
3. पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में सहायक
बाजरे में भरपूर मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में सहायक हैं. बाजरा खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती है.
4. डायबिटीज से बचाव
कई अध्ययनों में कहा गया है कि बाजरा कैंसर से बचाव में सहायक है. पर ये न केवल कैंसर से बचाव में सहायक है बल्कि इसके नियमित सेवन से डायबिटीज का खतरा भी कम हो जाता है. डायबिटीज के मरीजों को इसके नियमित सेवन की सलाह दी जाती है.
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बाजरा खरीफ के वक्त उगाई जाने वाली फसल है. ये मोटी दानों की फसल में गिना जाता है. इसकी ज्यादा खेती हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में की जाती है. इस फसल की खपत बढ़ाने का मकसद पानी की बचत करना है. धान और गेहूं की फसल से तुलना करें तो बाजरे की खेती में मेहनत कम लगती है, पानी भी कम लगता है और लागत ना के बराबर आती है. इससे किसानों को अच्छी बचत मिल जाती है. इसलिए सरकार इसकी खपत बढ़ाना चाहती है. हरियाणा के किसानों ने सीएम की पहल की सराहना की है.
क्या कहा कृषि मंत्री ने?
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने इसपर कहा कि पिछले सीजन में हरियाणा में 7 लाख 70 हजार मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की थी. सरकार ने 2150 की एमएसपी पर खरीद की थी, इसमे खरीद भाड़े समेत 2400 रुपये प्रति क्विंटल सरकार को पड़ा. उन्होंने कहा कि 1100 के करीब अभी बाजरे का दाम मार्केट में है, जबकि सरकार ने 2150 में खरीद की. ऐसे में बाजरे के लिए एक हजार करोड़ का नुकसान सरकार को घाटा झेलना पड़ा. कृषि मंत्री ने कहा कि 60 से 70 हजार क्विंटल बाजरा सरकार का बिका है. जबकी 7 लाख मीट्रिक टन अभी बाकी है.
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बाजरा स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है. ये ऊर्जा एक बहुत अच्छा स्त्रोत है. इसके अलावा अगर आप वजन घटाना चाह रहे हैं तो भी बाजरा खाना आपके लिए फायदेमंद होगा. बाजरे में भरपूर मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में सहायक हैं. इससे डायबटिज का खतरा भी कम होता है. किसानों का मानना है कि अगर प्राइवेट सेक्टर आगे आएंगे तो इससे उनको काफी फायदा होगा.