चंडीगढ़: तीन राज्यों में बीजेपी की जीत पर बीजेपी के दिग्गज नेता बीरेंद्र सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि ये जो पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आए हैं. इन्हें मैं उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम से जोड़कर देखता हूं. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में विपक्ष जो जोड़-तोड़ करता था. वो जातियों के आधार पर करता था. वो यादव मुस्लिम और जाट वोट के आधार पर अपनी हार जीत का आकलन करता था.
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अब देश में एक अलग ही जाति खड़ी हो गई है. वो है लाभार्थियों की. जिस तरीके से केंद्र सरकार लोगों को फ्री में राशन देने की बात करती है और कोरोना काल में तो ये लगातार जारी रहा. इसी का ही रिफ्लेक्शन मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव में देखने को मिला. एक और नई बात मध्य प्रदेश में हुई. वो है महिलाओं की. आज की तारीख में मुफ्त में राशन पाने वालों और महिलाओं की अलग-अलग दो श्रेणियां दिखाई देती हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को इन राज्यों में इसी का फायदा मिला है. इसका अगर स्पष्ट रूप देखना है, तो वे मध्य प्रदेश है. उन्होंने कहा कि जहां तक हरियाणा के समीकरण की बात है. उसका भी आधार लगभग यही है, लेकिन हरियाणा में गरीबी की परिभाषा हो सकती है दूसरे राज्यों से अलग हो. जब मैं केंद्र में मंत्री था, तो अधिकारी बताते थे कि हरियाणा और पंजाब में मनरेगा का पूरा पैसा खर्च नहीं होता.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मनरेगा में जो दिहाड़ी तय होती है. उसपर काम करने के लिए इन राज्यों में कोई तैयार नहीं होता. क्योंकि उन्हें बाहर ज्यादा दिहाड़ी मिलती है. ये ऐसा मापदंड है जो इन दो राज्यों को देश के अन्य राज्यों से अलग करता है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना ये है कि मुफ्त राशन एक ऐसा फैक्टर है, जो कास्ट पॉलिटिक्स की राजनीति को प्रभावित कर रहा है. ये स्थिति बीजेपी के लिए उपयुक्त है. जींद स्कूल में छात्राओं से यौन शोषण के मामले पर उन्होंने कहा कि अगर मामले की जांच सिटिंग जज से हुई, तो नई प्रथा की शुरुआत होगी. नहीं तो कई प्रश्नचिन्ह लगेंगे.
हरियाणा में बीजेपी जेजेपी गठबंधन गठबंधन जितना लंबा चलाएंगे. उतना नुकसान होगा. जितना जल्दी छुट्टी होगी. उतना अच्छा होगा. ये गठबंधन चुनावी गठबंधन नहीं है. हमारे पास पूर्ण बहुमत नहीं था. इसलिए सरकार चलाने के लिए एक दल की मदद ली गई, ताकि हम एक स्टेबल सरकार हरियाणा को दे सके. मेरे आकलन ये कहता है कि हो सकता है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव इकट्ठा हो जाए. आप ही देख लो इस गठबंधन की उम्र कितनी बची. मैं ये नहीं कहता कि गठबंधन को आज ही खत्म करो. लोकसभा के चुनाव से पहले मुझे नहीं लगता कि ये गठबंधन रहेगा. इस गठबंधन से पार्टी को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है- बीरेंद्र सिंह, बीजेपी नेता
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कहा कि मुझे नहीं लगता दुष्यंत चौटाला उचाना से चुनाव लड़ेंगे. वहीं खुद के चुनाव लड़ने पर भी चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा. बीरेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि अगर पार्टी चाहेगी तो मैं लड़ूंगा. उचाना से चुनाव किसे लड़ाना है. ये पार्टी हाईकमान फैसला करेगा. मुझे लगता है कि मेरे परिवार के हक में पार्टी फैसला करेगी.
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