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बड़ी खबर: सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से भरे जाएंगे पिछड़ा वर्ग ब्लॉक 'C' के पद - posts to be under the General

विशेष पिछड़ा वर्ग कोटे को सरकार ने रोक लगाकर अब सभी रिक्त पदों पर सामान्य वर्ग कोटे के आधार पर भर्ती करने का फैसला लिया है. इसी तरह ईबीपीजी कैटेगरी में शामिल ब्राह्मण, बनिया, राजपूत और पंजाबी के लिए आरक्षित पदों को दूसरी जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों से भरा जाएगा.

बड़ा फैसला: हरियाणा में सामान्य कैटेगरी के तहत भरे जाएंगे पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित पद
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Published : Jun 5, 2019, 10:40 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 9:04 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले बंपर भर्तियां करने का मन बना चुकी है. मनोहर लाल सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए विशेष पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित पदों को सामान्‍य वर्ग से भरने का फैसला किया है.

सरकार ने 6 जातियों- जाट, जट्ट सिख, मुल्ला जाट, रोड़, बिश्नोई और त्यागी को विशेष पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्रदान कर ग्रुप-ए, बी में 6% और ग्रुप-सी व डी की नौकरियों में 10% आरक्षण दिया था. हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया. इससे विभिन्न भर्तियों में इन कैटेगरी के रिजल्ट पर रोक लग गई. अब सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत आवेदन करने वालों को सामान्य, अनारक्षित श्रेणी के अधीन मानकर परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने का फैसला किया है.

big decision of haryana government for reserved posts
हरियाणा सरकार की तरफ से जारी पत्र.

केंद्र के आधार पर मिलेगा आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण
प्रदेश में अब आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण के लिए केंद्र सरकार के मानदंड ही लागू होंगे. इसलिए सरकार ने बुधवार को राज्य स्तर पर जारी अधिसूचना वापस ले ली है. 2014 में प्रदेश में ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी, राजपूत सहित कई स्वर्ण जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को ग्रुप-सी व डी में 10% व ग्रुप-ए व बी में 5% आरक्षण दिया था. अब केंद्र ने आर्थिक रूप से पिछड़ाें को 10% आरक्षण दे दिया है. इसलिए राज्य सरकार ने अपनी अधिसूचना वापस ले ली है.

SBC कोटे पर रोक लगाकर सामान्य कोटे के पदों पर होगी भर्ती
सरकार के निर्देश पर अब मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष, हाई कोर्ट व यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, उपायुक्त, एसडीएम, बोर्ड-निगमों व सरकारी कंपनियों के प्रबंध निदेशक और मुख्य प्रशासकों को कोटे के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए मांगपत्र हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) और हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) को भेजने का लिखित आदेश जारी किया है.

बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिकाओं के चलते आरक्षित पदों पर भर्तियां रुकी हुईं थी. लंबे समय से रिक्त कोटे के पदों को भरने के लिए अब मुख्य सचिव ने आदेश दिए हैं. भर्तियों के लिए सभी विभागों को तुरंत प्रभाव से रिक्त पदों की जानकारी एचपीएससी और एचएसएससी को देने का निर्देश हैं ताकि भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सके.

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने जाट समेत छह जातियों को लिए ग्रुप ए और बी में छह फीसद और ग्रुप सी के साथ डी की नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की थी. जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसी दौरान विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण पर भी हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया था.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले बंपर भर्तियां करने का मन बना चुकी है. मनोहर लाल सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए विशेष पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित पदों को सामान्‍य वर्ग से भरने का फैसला किया है.

सरकार ने 6 जातियों- जाट, जट्ट सिख, मुल्ला जाट, रोड़, बिश्नोई और त्यागी को विशेष पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्रदान कर ग्रुप-ए, बी में 6% और ग्रुप-सी व डी की नौकरियों में 10% आरक्षण दिया था. हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया. इससे विभिन्न भर्तियों में इन कैटेगरी के रिजल्ट पर रोक लग गई. अब सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत आवेदन करने वालों को सामान्य, अनारक्षित श्रेणी के अधीन मानकर परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने का फैसला किया है.

big decision of haryana government for reserved posts
हरियाणा सरकार की तरफ से जारी पत्र.

केंद्र के आधार पर मिलेगा आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण
प्रदेश में अब आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण के लिए केंद्र सरकार के मानदंड ही लागू होंगे. इसलिए सरकार ने बुधवार को राज्य स्तर पर जारी अधिसूचना वापस ले ली है. 2014 में प्रदेश में ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी, राजपूत सहित कई स्वर्ण जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को ग्रुप-सी व डी में 10% व ग्रुप-ए व बी में 5% आरक्षण दिया था. अब केंद्र ने आर्थिक रूप से पिछड़ाें को 10% आरक्षण दे दिया है. इसलिए राज्य सरकार ने अपनी अधिसूचना वापस ले ली है.

SBC कोटे पर रोक लगाकर सामान्य कोटे के पदों पर होगी भर्ती
सरकार के निर्देश पर अब मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष, हाई कोर्ट व यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, उपायुक्त, एसडीएम, बोर्ड-निगमों व सरकारी कंपनियों के प्रबंध निदेशक और मुख्य प्रशासकों को कोटे के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए मांगपत्र हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) और हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) को भेजने का लिखित आदेश जारी किया है.

बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिकाओं के चलते आरक्षित पदों पर भर्तियां रुकी हुईं थी. लंबे समय से रिक्त कोटे के पदों को भरने के लिए अब मुख्य सचिव ने आदेश दिए हैं. भर्तियों के लिए सभी विभागों को तुरंत प्रभाव से रिक्त पदों की जानकारी एचपीएससी और एचएसएससी को देने का निर्देश हैं ताकि भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सके.

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने जाट समेत छह जातियों को लिए ग्रुप ए और बी में छह फीसद और ग्रुप सी के साथ डी की नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की थी. जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसी दौरान विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण पर भी हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया था.

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विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर भी सामान्य वर्ग के युवाओं की भर्ती की जाएगी. इसी तरह ईबीपीजी कैटेगरी में शामिल ब्राह्मण, बनिया, राजपूत और पंजाबी के लिए आरक्षित पदों को दूसरी जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों से भरा जाएगा.


Conclusion:
Last Updated : Jun 6, 2019, 9:04 AM IST
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