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प्री बजट मीटिंग को भूपेंद्र हुड्डा ने बताया औपचारिकता, कहा- पहले ही तैयार हो चुका है बजट

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Published : Feb 11, 2020, 8:49 PM IST

हुड्डा ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले होने वाली प्री बजट मीटिंग को चर्चा मात्र बताया है. उनकी मानें तो सरकार पहले ही अपना बजट तय कर चुकी है. विधायकों की बैठक लेकर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है.

भूपेंद्र हुड्डा
भूपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़: नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है. हुड्डा ने कहा कि साल 2020-21 के लिए हरियाणा बजट तो तैयार किया जा चुका है. अब विधायकों के साथ बजट पर चर्चा मात्र की जाएगी.

बता दें कि हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस साल के सालाना बजट को तैयार करने से पहले सभी 90 विधायकों से तीन दिन चर्चा कर सुझाव लेने और उन्हें प्रस्तावित बजट में शामिल करने की बात कही थी. विधायकों के साथ चर्चा के लिए मुख्यमंत्री ने तीन दिन का कार्यक्रम तय किया है. ये चर्चा चंडीगढ़ के होटल माउंट व्यू में 17 फरवरी से 19 फरवरी तक की जाएगी. रोजाना चर्चा का समय चार घंटे रहेगा.

प्री बजट मीटिंग को भूपेंद्र हुड्डा ने बताया औपचारिकता

विधानसभा का बजट सत्र आगामी 20 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा. हालांकि सत्र की अवधि विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति द्वारा तय की जाएगी, लेकिन स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने जानकारी दी है कि बजट सत्र 15 दिन का हो सकता है.

प्री बजट मीटिंग मात्र औपचारिकता- हुड्डा
उधर हुड्डा ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले होने वाली प्री बजट मीटिंग को चर्चा मात्र बताया है. उनकी माने तो सरकार पहले ही अपना बजट तय कर चुकी है. विधायकों की बैठक लेकर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है. इसके साथ ही हुड्डा ने ये भी साफ किया कि सदन में उठाने के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास कई अहम मुद्दे हैं. इनमें सबसे खास तो धान घोटाला है. ये घोटाला अधिकारियों के बताए अनुसार मात्र नब्बे करोड़ का नहीं बल्कि हजारों करोड़ का है. स्थिति को सामने लाने के लिए इसकी सीबीआई जांच जरूरी है.

सदन में गूंजेगा कथित धान घोटाला
इसके साथ उन्होंने कहा कि धान धोटाले का साफ संकेत तो ये है कि जहां प्रदेश में प्रति एकड़ धान की पैदावार 25 से 30 क्विंटल होती है और धान की खरीद जितनी मात्रा में दिखाई गई है उसके अनुसार तो प्रति एकड़ 75 क्विंटल धान पैदा हुई. क्या इतनी पैदावार को कोई कृषि वैज्ञानिक मानने को तैयार है? इस घोटाले के चलते किसान का ही नुकसान हुआ है. उसे अपनी धान समर्थन मूल्य से 300 रूपये प्रति क्विंटल कम तक बेचनी पड़ी

ये भी पढ़िए: दिल्ली विधानसभा चुनावः हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज बोले, ये मुफ्तखोरी की जीत है

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि विधानसभा में उठाने के लिए कांग्रेस के पास कई मुद्दे हैं. इनमें किसान की घटती आय,बढ़ती बेरोजगारी, प्रति व्यक्ति आय में कमी आदि मुद्दे शामिल हैं.

चंडीगढ़: नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है. हुड्डा ने कहा कि साल 2020-21 के लिए हरियाणा बजट तो तैयार किया जा चुका है. अब विधायकों के साथ बजट पर चर्चा मात्र की जाएगी.

बता दें कि हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस साल के सालाना बजट को तैयार करने से पहले सभी 90 विधायकों से तीन दिन चर्चा कर सुझाव लेने और उन्हें प्रस्तावित बजट में शामिल करने की बात कही थी. विधायकों के साथ चर्चा के लिए मुख्यमंत्री ने तीन दिन का कार्यक्रम तय किया है. ये चर्चा चंडीगढ़ के होटल माउंट व्यू में 17 फरवरी से 19 फरवरी तक की जाएगी. रोजाना चर्चा का समय चार घंटे रहेगा.

प्री बजट मीटिंग को भूपेंद्र हुड्डा ने बताया औपचारिकता

विधानसभा का बजट सत्र आगामी 20 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा. हालांकि सत्र की अवधि विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति द्वारा तय की जाएगी, लेकिन स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने जानकारी दी है कि बजट सत्र 15 दिन का हो सकता है.

प्री बजट मीटिंग मात्र औपचारिकता- हुड्डा
उधर हुड्डा ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले होने वाली प्री बजट मीटिंग को चर्चा मात्र बताया है. उनकी माने तो सरकार पहले ही अपना बजट तय कर चुकी है. विधायकों की बैठक लेकर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है. इसके साथ ही हुड्डा ने ये भी साफ किया कि सदन में उठाने के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास कई अहम मुद्दे हैं. इनमें सबसे खास तो धान घोटाला है. ये घोटाला अधिकारियों के बताए अनुसार मात्र नब्बे करोड़ का नहीं बल्कि हजारों करोड़ का है. स्थिति को सामने लाने के लिए इसकी सीबीआई जांच जरूरी है.

सदन में गूंजेगा कथित धान घोटाला
इसके साथ उन्होंने कहा कि धान धोटाले का साफ संकेत तो ये है कि जहां प्रदेश में प्रति एकड़ धान की पैदावार 25 से 30 क्विंटल होती है और धान की खरीद जितनी मात्रा में दिखाई गई है उसके अनुसार तो प्रति एकड़ 75 क्विंटल धान पैदा हुई. क्या इतनी पैदावार को कोई कृषि वैज्ञानिक मानने को तैयार है? इस घोटाले के चलते किसान का ही नुकसान हुआ है. उसे अपनी धान समर्थन मूल्य से 300 रूपये प्रति क्विंटल कम तक बेचनी पड़ी

ये भी पढ़िए: दिल्ली विधानसभा चुनावः हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज बोले, ये मुफ्तखोरी की जीत है

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि विधानसभा में उठाने के लिए कांग्रेस के पास कई मुद्दे हैं. इनमें किसान की घटती आय,बढ़ती बेरोजगारी, प्रति व्यक्ति आय में कमी आदि मुद्दे शामिल हैं.

Intro:अब तो विधायकों के साथ सिर्फ चर्चा की जायेगी,हरियाणा का बजट तो तैयार कर लिया गया

चंडीगढ,11फरवरी। हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड््डा ने मंगलवार को यहां अपने खास बयान में कहा कि वर्ष 2020-21 के लिए हरियाणा बजट तो तैयार किया जा चुका है। अब विधायकों के साथ बजट पर चर्चा मात्र की जायेगी।
Body:उल्लेखनीय है कि हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबन्धन सरकार का नेतृृत्व कर रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस साल के सालाना बजट को तैयार करने से पूर्व सभी नब्बे विधायकों से तीन दिन चर्चा कर सुझाव लेने और उन्हें प्रस्तावित बजट में शामिल करने की बात कही थी। विधायकों के साथ चर्चा के लिए मुख्यमंत्री ने तीन दिन का कार्यक्रम तय किया है। यह चर्चा चंडीगढ के होटल माउंट व्यू में 17 फरवरी से 19 फरवरी तक की जाएगी। रोजाना चर्चा का समय चार घंटे रहेगा।
विधानसभा का बजट सत्र आगामी 20 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। हालांकि सत्र की अवधि विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति द्वारा तय की जायेगी लेकिन स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने राय जाहिर की है कि बजट सत्र पन्द्रह दिन का होना चाहिए।
उधर हुड््डा ने बजट सत्र की शुरूआत से पहले अपनें बयानों में साफ किया है कि सदन में उठाने के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास कई मुद््दे हैं। इनमें सबसे खास तो धान घोटाला है। यह घोटाला अधिकारियों के बताए अनुसार मात्र नब्बे करोड का नहीं बल्कि हजारों करोड का है। स्थिति को सामने लाने के लिए इसकी सीबीआई जांच जरूरी है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की सीबीआई जांच की मांग मान लेने के लिए हुड््डा सरकार के दस साल के कार्यकाल में की गई धान की खरीद की भी जांच कराने की शर्त पर हुड््डा ने कहा कि जांव करवाई जाए। उन्होंने कहा कि धान धोटाले का साफ संकेत तो यह है कि जहां प्रदेश में प्रति एकड धान की पैदावार 25 से 30 क्विंटल होती है और धान की खरीद जितनी मात्रा में दिखाई गई है उसके अनुसार तो प्रति एकड 75 क्विंटल धान पैदा हुई। क्या इतनी पैदावार को कोई कृृषि वैज्ञानिक मानने को तैयार है। इस घोटाले के चलते किसान का ही नुकसान हुआ है। उसे अपनी धान समर्थन मूल्य से 300 रूपए प्रति क्विंटल कम तक बेचनी पडी।
Conclusion:हुड््डा ने कहा कि विधानसभा में उठाने के लिए कांग्रेस के पास कई मुद््दे है। इनमें किसान की घटती आय,बढती बेरोजगारी,प्रति व्यक्ति आय में कमी आदि मुद््दे शामिल है। इस सरकार ने पिछले पांच साल के दौरान प्रदेश का कर्ज वर्ष 2014 के 61 हजार करोड से बढाकर 1 लाख 81 हजार करोड कर दिया है।
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