दिल्ली/चंडीगढ़: हरियाणा में बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. आए दिन बर्खास्त पीटीआई शिक्षक विभिन्न कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं विपक्ष भी हरियाणा की खट्टर सरकार पर निशाना साध रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि पीटीआई मामले में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अच्छी तरह से पैरवी नहीं की.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा सरकार को इस मामले में संवैधानिक रास्ता निकालकर इनको न्याय देना होगा. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर सरकार बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों के लिए कोई बिल लाएगी तो विपक्ष उनका साथ देगा. हुड्डा बोले कि मेरी सरकार से अपील है कि कोरोना काल में रोजगार खत्म नहीं करना चाहिए बल्कि रोजगार देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार इनके लिए एक्ट बनाए और इन्हें रोजगार दिया जाए.
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार इन लोगों के लिए काम नहीं करेगी तो आने वाले टाइम में हम करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर अगली बार हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनी तो इन पीटीआई शिक्षकों को पहले की तरह ही बहाल किया जाएगा. बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी ये बात कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो पहली कलम से पीटीआई शिक्षकों को बहाल किया जाएगा.
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जो प्रस्ताव बीजेपी ने अभी पास किया है, वो प्रावधान पहले भी था. उन्होंने कहा कि नए उद्योग हरियाणा में अभी आएंगे नहीं. इसलिए मैने सवाल किया था कि अगर ये कानून बनता है कि पुराने उद्योगों में लागू होगा, तो सरकार ने स्पष्ट कहा कि पुराने उद्योगों में ये लागू नहीं होगा. हुड्डा ने कहा कि ये सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए किया गया है.
'सरकार ने सतर्कता नहीं बरती'
बीते दिनों हरियाणा में टिड्डी दल ने हमला किया था. इस पर हुड्डा ने कहा कि टिड्डी दल के हमले से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि सरकार को जितनी सतर्कता बरतनी चाहिए थी उतनी नहीं बरती गई. उन्होंने कहा कि टिड्डी दल से जो नुकसान हुआ है उसके लिए कोई बीमा भी नहीं है और न ही सरकार ने फसल की स्पेशल गिरदावरी करवाई. हुड्डा ने कहा कि सरकार को स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए.