दिल्ली/चंडीगढ़: बीते रोज हुई हरियाणा कैबिनेट बैठक में लिए फैसलों को पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद सिंह हुड्डा ने विरोध किया है. हुड्डा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में प्रदेश की जनता को कई तरह की राहत देने की अपील की थी, लेकिन सरकार ने उसके विपरीत फैसले लिए हैं.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमने सरकार से अपील की थी कि किसान की खखरीद और पेमेंट जल्दी हो, उसे कोई परेशानी ना होने दी जाए. गरीब और जरूरतमंद लोगों को बिना कार्ड का रंग देखे राशन मुहैया करवाया जाए. लॉकडाउन में जिनके काम धंधे बंद हैं, ऐसे कामगारों, छोटे दुकानदारों और दिहाड़दारों के बिजली बिलों में राहत दी जाए. MSME सेक्टर के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया जाए, लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से मांग की गई थी कि मेडिकल स्टाफ की तरह हमारे सफाई कर्मियों और पुलिसवालों के लिए भी डबल सैलेरी का ऐलान किया जाए, लेकिन सरकार ने हमारे आग्रह के बिल्कुल विपरीत फैसले लेते हुए जनता पर महंगाई की मार मारी है.
हुड्डा ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बहुत ही कम हैं, फिर भी सरकार तेल के दाम बढ़ा रही है, जबकि आज तेल के दाम पहले के मुकाबले सस्ते होने चाहिए थे. जिस वक्त लोगों की आमदनी जीरो है, उस वक्त उनपर टैक्स बढ़ाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सीधे-सीधे गरीब, किसान और आम आदमी के रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों जैसे कि पेट्रोल-डीजल, सब्जी और बस किराए को बढ़ाया गया है. लगता है कि सरकार ने सारा बोझ निचले तबके पर डाल दिया है, जो कि बिल्कुल गलत है.
हुड्डा ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि वो अपनी तरफ से लोगों को जितना पैसा देगी, वो सरकार को वापस मिलेगा, बल्कि उससे ज्यादा मात्रा में मिलेगा. अर्थशास्त्र भी यही कहता है. तमाम विकसित अर्थव्यवस्थाएं आज यही कर रही हैं.
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बता दें कि कोरोना से उत्पन्न आर्थिक संकट से पार होने के लिए गुरुवार को सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अनेक कड़े निर्णय लिए गए हैं. हरियाणा में बस किराया, पेट्रोल-डीजल और फल-सब्जियां महंगे हो गए हैं. इनसे जनता की जेब पर बोझ पड़ेगा. वहीं अब विपक्षी दल के नेता सरकार के इन फैसलों का विरोध कर रहे हैं.