चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के बीच चंडीगढ़ पर हक को लेकर मुद्दा फिर से गरमा गया है. शुक्रवार को पंजाब सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया और इसमें एक प्रस्ताव पास किया जिसके अनुसार कहा गया है कि चंडीगढ़ पर पंजाब का हक होना चाहिए. इसके बाद हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों की राजनीति गरमा गई. हरियाणा के दिग्गज नेता पंजाब सरकार के इस कदम के खिलाफ खड़े हो गए हैं. अब पूर्व सीएम और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) ने इस मामले को लेकर कहा है कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी थी, है और रहेगी.
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ को लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार का प्रस्ताव आपत्तिजनक है. आम आदमी पार्टी बेवजह दोनों राज्यों के भाईचारे में दरार डालना चाहती है. हरियाणा सरकार फौरन सर्वदलीय बैठक बुलाए और प्रदेश के हकों की मजबूती से पैरवी करे. हमने इसके खिलाफ शनिवार को दिल्ली में CLP बैठक बुलाई है. अगर पंजाब सरकार राज्य के मसलों पर बात करना चाहती है तो सबसे पहले SYL पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करे. प्रदेश सरकार SYL समेत सभी मुद्दों पर प्रधानमंत्री से समय मांगे, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग करे.
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गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने शुक्रवार को पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को देने का प्रस्ताव (proposal to give chandigarh to punjab) पास किया. इस प्रस्ताव का कांग्रेस, अकाली दल और बसपा ने समर्थन किया. वहीं बीजेपी ने इसका विरोध किया और मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद CM भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को बचाने के लिए वे संसद के अंदर-बाहर और सड़कों पर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. इस बारे में वे जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.
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