ETV Bharat / state

कोरोना संक्रमण के अचानक बढ़े मामलों पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जताई चिंता - bhupinder hooda on farmers

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि एक दम से कोरोना के मामले बढ़ना सामान्य बात नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आखिर इतने मामले एक साथ कैसे आए.

hr_chd_04_hooda_7208107
hr_chd_04_hooda_7208107
author img

By

Published : May 4, 2020, 10:15 PM IST

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कोरोना संक्रमण के मामलों में आई अचानक आए उछाल पर गहरी चिंता जताई है. साथ ही उन्होंने किसान द्वारा धान ना उगाने के सरकारी आदेश पर आपत्ति जताई.

उन्होंने कहा कि हरियाणा में कोरोना संक्रमण अब तक कंट्रोल में नज़र आ रहा था, लेकिन रविवार को एक ही दिन में 50 से ज़्यादा केस सामने आना सामान्य नहीं कहा जा सकता है. सरकार को विस्तृत जानकारी जुटानी चाहिए कि अचानक एक ही दिन में इतने ज्यादा मामले कैसे बढ़े, आख़िर कहां चूक हुई है.

'लॉकडाउन में दी गई ढील से गृह मंत्री भी डरे हुए हैं'

कोरोना के ख़तरे को देखते हुए मुख्यमंत्री को ताज़ा हालात की समीक्षा करने के बाद ही ढील देने के बारे में फैसला लेना चाहिए. लॉकडाउन में ढील को लेकर खुद प्रदेश के गृह और स्वास्थ्य मंत्री डरे हुए हैं.

हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री को गृह मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री की चिंताओं और जमीनी परिस्थितियों पर गौर करना चाहिए. हुड्डा ने कहा कि देश में फिलहाल कोरोना का खतरा ना ख़त्म हुआ है और ना ही कम हुआ है, इसलिए सरकार को ज़्यादा से ज़्यादा टेस्टिंग और जागरुकता फैलाने पर ज़ोर देना चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि टेस्टिंग के साथ सरकार सुनिश्चित करे कि हर स्वास्थ्य कर्मी और कोरोना योद्धा के पास बचाव सामग्री, पीपीई किट मौजूद हो, क्योंकि कुछ ज़िलों में कोरोना पॉजिटिव केसों में स्वास्थ्य कर्मी भी हैं, जो संक्रमित जगहों पर काम करने की वजह से बीमार हुए हैं.

'धान ना उगाने के फैसले पर सरकार दोबारा सोच'

नेता प्रतिपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी सरकार का ध्यान खींचा. सरकार ने हाल में करनाल, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, अम्बाला, यमुनानगर और सोनीपत में पंचायती जमीन को पट्टे पर लेने वाले किसानों के लिए जो आदेश जारी किया है. उस पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है.

उन्होंने कहा इसकी सीधी मार गरीब और छोटे किसान पर पड़ेगी, क्योंकि पंचायती जमीन अक्सर छोटी जोत वाला गरीब, लघु एवं सीमान्त किसान ही लीज पर लेता है. बुआई से ऐन पहले किसान को धान बोने से रोकना कतई गलत है.

हुड्डा ने कहा कि सरकार को अगर गिरते भूजल स्तर की चिंता है तो उसे कांग्रेस सरकार के वक्त शुरू की गई दादूपूर नलवी नहर परियोजना को बंद नहीं करना चाहिए. इस कठिन दौर में भूजल स्तर की चिंता के नाम पर किसान को चोट सही नहीं है. किसानों को धान के विकल्पों पर विचार करने के लिए समय देना चाहिए.

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कोरोना संक्रमण के मामलों में आई अचानक आए उछाल पर गहरी चिंता जताई है. साथ ही उन्होंने किसान द्वारा धान ना उगाने के सरकारी आदेश पर आपत्ति जताई.

उन्होंने कहा कि हरियाणा में कोरोना संक्रमण अब तक कंट्रोल में नज़र आ रहा था, लेकिन रविवार को एक ही दिन में 50 से ज़्यादा केस सामने आना सामान्य नहीं कहा जा सकता है. सरकार को विस्तृत जानकारी जुटानी चाहिए कि अचानक एक ही दिन में इतने ज्यादा मामले कैसे बढ़े, आख़िर कहां चूक हुई है.

'लॉकडाउन में दी गई ढील से गृह मंत्री भी डरे हुए हैं'

कोरोना के ख़तरे को देखते हुए मुख्यमंत्री को ताज़ा हालात की समीक्षा करने के बाद ही ढील देने के बारे में फैसला लेना चाहिए. लॉकडाउन में ढील को लेकर खुद प्रदेश के गृह और स्वास्थ्य मंत्री डरे हुए हैं.

हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री को गृह मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री की चिंताओं और जमीनी परिस्थितियों पर गौर करना चाहिए. हुड्डा ने कहा कि देश में फिलहाल कोरोना का खतरा ना ख़त्म हुआ है और ना ही कम हुआ है, इसलिए सरकार को ज़्यादा से ज़्यादा टेस्टिंग और जागरुकता फैलाने पर ज़ोर देना चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि टेस्टिंग के साथ सरकार सुनिश्चित करे कि हर स्वास्थ्य कर्मी और कोरोना योद्धा के पास बचाव सामग्री, पीपीई किट मौजूद हो, क्योंकि कुछ ज़िलों में कोरोना पॉजिटिव केसों में स्वास्थ्य कर्मी भी हैं, जो संक्रमित जगहों पर काम करने की वजह से बीमार हुए हैं.

'धान ना उगाने के फैसले पर सरकार दोबारा सोच'

नेता प्रतिपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी सरकार का ध्यान खींचा. सरकार ने हाल में करनाल, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, अम्बाला, यमुनानगर और सोनीपत में पंचायती जमीन को पट्टे पर लेने वाले किसानों के लिए जो आदेश जारी किया है. उस पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है.

उन्होंने कहा इसकी सीधी मार गरीब और छोटे किसान पर पड़ेगी, क्योंकि पंचायती जमीन अक्सर छोटी जोत वाला गरीब, लघु एवं सीमान्त किसान ही लीज पर लेता है. बुआई से ऐन पहले किसान को धान बोने से रोकना कतई गलत है.

हुड्डा ने कहा कि सरकार को अगर गिरते भूजल स्तर की चिंता है तो उसे कांग्रेस सरकार के वक्त शुरू की गई दादूपूर नलवी नहर परियोजना को बंद नहीं करना चाहिए. इस कठिन दौर में भूजल स्तर की चिंता के नाम पर किसान को चोट सही नहीं है. किसानों को धान के विकल्पों पर विचार करने के लिए समय देना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.