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पूर्व सीएम हुड्डा ने हरियाणा के किसानों से की 'डंगवारा' निकालने की अपील

हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा ने किसानों से 'डंगवारा' निकालने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि किसानों को फसल कटाई व ढुलाई के लिए एक दूसरे की मदद करनी होगी.

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Published : Apr 11, 2020, 4:26 PM IST

bhupinder singh hooda appealed to haryana farmers on cutting crops
bhupinder singh hooda appealed to haryana farmers on cutting crops

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश वासियों खासकर किसानों से अपील करते हुए कहा कि महामारी के इस दौर में आप फसल कटाई और ढुलाई में एक-दूसरे की मदद करें, क्योंकि आज लेबर और मशीनों की कमी है.

उन्होंने कहा कि 'डंगवारा' हरियाणा में किसानों की परंपरा रही है, तो एक-दूसरे की मदद के लिए डंगवारा निकालो. उन्होंने कहा कि फसल कटाई और ढुलाई का काम करते हुए बार-बार हाथ धोना या मास्क लगाना ना भूलें. आप मास्क की जगह ‘डाठा’ भी मार सकते हैं. इससे आप कोरोना की बीमारी से तो बचेंगे ही, साथ ही धूल या तूड़ी के छोटे-छोटे कण भी आपके शरीर में नहीं जाएंगे.

पूर्व सीएम हुड्डा ने हरियाणा के किसानों से की 'डंगवारा' निकालने की अपील

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस महामारी से लड़ना सिर्फ सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है, इसलिए विपक्षी दल होने के बावजूद हमने फैसला लिया है कि हम सरकार का हर ज़रूरी सहयोग करेंगे. प्रदेशहित में लगातार ज़रूरी सलाह हम सरकार को भेज रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों ने अपनी कुछ समस्याएं मेरे सामने रखी हैं.

हुड्डा ने कहा, 'मेरी ज़िम्मेदारी बनती है कि मैं ना सिर्फ उन्हें सरकार के सामने रखूं बल्कि समाधान के लिए ज़रूरी सलाह भी दूं'. उन्होंने कहा कि सरसों की कटाई हो चुकी है, लेकिन उसकी सरकारी ख़रीद 15 अप्रैल से शुरू होगी तब तक उसके भंडारण की व्यवस्था ज़्यादातर किसानों के पास नहीं है और इसका फायदा प्राइवेट एजेंसियां उठा रही हैं.

हुड्डा ने कहा कि जो सरसों 4425 रुपये एमएसपी के सरकारी रेट पर बिकनी चाहिए थी, किसान उसे 3500 से 3800 रुपये में बेचने को मजबूर है. इसकी एक वजह लिमिट खरीद वाली कंडीशन है. अब किसान के सामने सवाल है कि वो बाकी फसल कहां लेकर जाएगा. इसलिए वो प्राइवेट एजेंसियों को औने-पौने दामों में अपनी फसल बेचने को मजबूर है.

हुड्डा ने कहा कि सरकार ने सर्वदलीय बैठक में भी वादा किया था कि किसान का दाना-दाना ख़रीदा जाएगा, ऐसे में उसे अपना वादा निभाते हुए लिमिट खरीद वाली कंडीशन को हटा देना चाहिए. गेहूं के किसानों के लिए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरसों की तरह गेहूं का किसान भी प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लुट सकता है, क्योंकि गेहूं का एमएसपी सरकार ने 1925 रुपये निर्धारित किया है. इसपर बोनस का ऐलान करके वापिस ले लिया और दोबारा अब तक ऐलान नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक बहुत अच्छा फैसला लिया है कि वो हर 3 गांवों में एक ख़रीद केंद्र बनाएगी. इससे किसानों को दूर मंडी में नहीं जाना पड़ेगा. उसकी मेहनत, वक्त और ट्रांसपोर्ट का ख़र्च कम होगा, लेकिन प्राइवेट लूट से किसानों को बचाने के लिए मेरी सलाह है कि सरकार इन ख़रीद केंद्रों का चयन जल्दी से जल्दी करे.

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश वासियों खासकर किसानों से अपील करते हुए कहा कि महामारी के इस दौर में आप फसल कटाई और ढुलाई में एक-दूसरे की मदद करें, क्योंकि आज लेबर और मशीनों की कमी है.

उन्होंने कहा कि 'डंगवारा' हरियाणा में किसानों की परंपरा रही है, तो एक-दूसरे की मदद के लिए डंगवारा निकालो. उन्होंने कहा कि फसल कटाई और ढुलाई का काम करते हुए बार-बार हाथ धोना या मास्क लगाना ना भूलें. आप मास्क की जगह ‘डाठा’ भी मार सकते हैं. इससे आप कोरोना की बीमारी से तो बचेंगे ही, साथ ही धूल या तूड़ी के छोटे-छोटे कण भी आपके शरीर में नहीं जाएंगे.

पूर्व सीएम हुड्डा ने हरियाणा के किसानों से की 'डंगवारा' निकालने की अपील

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस महामारी से लड़ना सिर्फ सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है, इसलिए विपक्षी दल होने के बावजूद हमने फैसला लिया है कि हम सरकार का हर ज़रूरी सहयोग करेंगे. प्रदेशहित में लगातार ज़रूरी सलाह हम सरकार को भेज रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों ने अपनी कुछ समस्याएं मेरे सामने रखी हैं.

हुड्डा ने कहा, 'मेरी ज़िम्मेदारी बनती है कि मैं ना सिर्फ उन्हें सरकार के सामने रखूं बल्कि समाधान के लिए ज़रूरी सलाह भी दूं'. उन्होंने कहा कि सरसों की कटाई हो चुकी है, लेकिन उसकी सरकारी ख़रीद 15 अप्रैल से शुरू होगी तब तक उसके भंडारण की व्यवस्था ज़्यादातर किसानों के पास नहीं है और इसका फायदा प्राइवेट एजेंसियां उठा रही हैं.

हुड्डा ने कहा कि जो सरसों 4425 रुपये एमएसपी के सरकारी रेट पर बिकनी चाहिए थी, किसान उसे 3500 से 3800 रुपये में बेचने को मजबूर है. इसकी एक वजह लिमिट खरीद वाली कंडीशन है. अब किसान के सामने सवाल है कि वो बाकी फसल कहां लेकर जाएगा. इसलिए वो प्राइवेट एजेंसियों को औने-पौने दामों में अपनी फसल बेचने को मजबूर है.

हुड्डा ने कहा कि सरकार ने सर्वदलीय बैठक में भी वादा किया था कि किसान का दाना-दाना ख़रीदा जाएगा, ऐसे में उसे अपना वादा निभाते हुए लिमिट खरीद वाली कंडीशन को हटा देना चाहिए. गेहूं के किसानों के लिए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरसों की तरह गेहूं का किसान भी प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लुट सकता है, क्योंकि गेहूं का एमएसपी सरकार ने 1925 रुपये निर्धारित किया है. इसपर बोनस का ऐलान करके वापिस ले लिया और दोबारा अब तक ऐलान नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक बहुत अच्छा फैसला लिया है कि वो हर 3 गांवों में एक ख़रीद केंद्र बनाएगी. इससे किसानों को दूर मंडी में नहीं जाना पड़ेगा. उसकी मेहनत, वक्त और ट्रांसपोर्ट का ख़र्च कम होगा, लेकिन प्राइवेट लूट से किसानों को बचाने के लिए मेरी सलाह है कि सरकार इन ख़रीद केंद्रों का चयन जल्दी से जल्दी करे.

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