चंडीगढ़: हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कालका से कांग्रेस के विधायक रहे प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल करने की मांग की है.
विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को लिखे पत्र में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की हाई कोर्ट ने 19 अप्रैल को निचली अदालत के उस फैसले पर रोक लगा दी है. जिसके आधार पर विधानसभा की तरफ से कालका से पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता समाप्त की गई थी. ऐसे में जल्द प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल की जानी चाहिए.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्र में लिखा है कि 26 अप्रैल को खुद प्रदीप चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और उन्हें कोर्ट के आदेशों की कॉपी भी सौंपी थी, लेकिन उसके बाद भी इतने दिन बीत जाने पर अभी तक प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल नहीं की गई है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्र में कहा है कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाली में विधानसभा अध्यक्ष को देरी नहीं करनी चाहिए और कोरोना महामारी के समय में सदस्यता बहाली में हो रही देरी कालका की जनता और एक प्रतिनिधि के अधिकारों के प्रति उदासीनता है.
क्यों हुई थी प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द?
हिमाचल प्रदेश में हरियाणा के कालका से विधायक प्रदीप चौधरी को 3 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. विधायक समेत 15 लोगों को नालागढ़ कोर्ट ने तीन-तीन साल की जेल की सजा और 85-85 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. नालागढ़ की निचली अदालत ने साल 2011 के मामले में इन्हें दोषी करार दिया था. पूरा मामला एक युवक की मौत के बाद बद्दी चौक पर जाम लगाने और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने से जुड़ा है.
गौरतलब है कि कालका से पूर्व कांग्रेस के विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता को नालागढ़ कोर्ट की तरफ से आए फैसले के बाद रद्द कर दिया गया था. हालांकि इसके बाद शिमला हाई कोर्ट की तरफ से सजा पर रोक लगा दी गई थी. जिसके बाद प्रदीप चौधरी खुद विधानसभा स्पीकर को मिलकर आदेशों की कॉपी भी सौंप चुके हैं. ऐसे में अब नेता प्रतिपक्ष ने प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल करने की मांग की है.