चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन सीएम मनोहर लाल ने शेरो शायरी के जरिए विपक्ष पर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोगों ने आलोचना की है, स्वच्छ आलोचना का मैं पक्षधर रहा हूं. इस दौरान सीएम ने एक शेर पढ़ा- वो बोले इतना कि अखबार में छप गये, समय बीता तो रद्दी में बिक गए. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की शायरी का जवाब नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने भी शायरी में ही दिया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा- रद्दी तोली जाती है तराजू में, बिकने से पहले तुम्हे कोई परख रहा है तो हर्ज क्या है.
तीसरे दिन की कार्यवाही के दौरान सदन में इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में अच्छे सुझावों को रखा जाएगा. डिमांड भी आई है. अधिकारियों ने नोट किया है. सीएम ने कहा कि पंचायतों में ई टेंडरिंग का भी मुद्दा आया है. व्यवस्थाएं पहले से चल रही है लेकिन समय-समय पर व्यवस्था परिवर्तन अच्छी चीजों के लिए होता है. इस पर हुड्डा ने कहा कि आपकी 8 साल की घोषणाएं जो बाकी हैं उसे ही पूरी करवा लीजिए.
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पंचायतों की ई टेंडरिंग पर चर्चा के दौरान भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इलेक्टेड पंचायत पर विश्वास रखो. उन्हें काम करने दो. चुने हुए प्रतिनिधि हैं. हुड्डा ने कहा कभी कोई पोर्टल बन्द हो जाता है, कभी चल नहीं रहा होता है. इसके जवाब में सीएम ने कहा कि पंचायत जिस काम को कहेगी वही काम होगा. सीएम ने कहा 2 लाख से नीचे के काम में पूरा अधिकार दिया गया है. किसी का हस्तक्षेप नहीं है. लेकिन 2 लाख से 25 लाख तक ई टेंडरिंग के माध्यम से होगा. सीएम ने कहा कि अगर इसमे कुछ गलत है तो हमें बताएं कहां गलत है.
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तीसरे दिन की कार्यवाही के दौरान स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला इमारतों को लेकर सदन में दिए गए धयनकर्षण पस्ताव पर भी चर्चा हुई. विधायक वरुण चौधरी ने कहा कि इसकी इजाजत देना गलत है. ये भू निर्माण को बर्बाद कर देगा. इस पर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जवाब देते हुए कहा कि जन साधारण की मांग को रखते हुए निर्णय लिया गया. ब तक साढ़े 6 हजार के करीब पंजीकरण को मंजूरी दी गई है. पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए स्टिल्ट जरूरी हैं, इसके लिए मानक भी तय किए हैं. निर्माण के लिए पहले समिति इसका जायजा लेगी. उसके बाद निर्माण को मंजूरी देगी. हालांकि बाद में इस मामले को कमेटी को रेफर कर दिया गया. इस पर अब कमेटी की रिपोर्ट के बाद फैसला लिया जाएगा.
इधर सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार अपने फेलियर को अचीवमेंट बता रही है. प्रदेश कर्ज में डूब रहा है. उसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है. यह पोर्टल सरकार है. जहां जरूरत हो वहां पोर्टल का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन हर चीज में पोर्टल लाना गलत है.
स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला इमारतों को लेकर सदन में दिए गए धयनकर्षण पस्ताव पर चर्चा के बाद इस मामले को कमेटी के पास रेफर करने पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इसकी वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. उसको देखते हुए अब कमेटी की रिपोर्ट आएगी, उसके हिसाब से आगे इस पर बात की जाएगी. प्रदेश सरकार पर बढ़ते कर्ज को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तो कर्ज और ज्यादा बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले बजट से भी उन्हें कोई उम्मीद नहीं है. सरकार ओपीएस के मुद्दे पर भी आज कोई जवाब नहीं दे सकी.
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तीसरे दिन सदन में ओपीएस का मामला भी गूंजा. इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमसे भी इसको लेकर गलती हुई है. जब भूपिंदर सिंह हुड्डा से सवाल किया गया कि आपने ऐसा कहा तो उन्होंने कहा कि सदन में बीजेपी जेजेपी सरकार को बताया कि 2004 में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा नई पेंशन स्कीम लागू की गई थी. उस वक्त नई स्कीम को कर्मचारियों के हित में बताया गया था. इसलिए राज्य सरकारों ने भी इसको अपनाया. लेकिन 2017 के बाद जब नई पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी रिटायर होने लगे तो एनपीएस के दुष्परिणाम सामने आने लगे. इसलिए कर्मचारियों ने नई नीति को खत्म करके फिर से OPS बहाल करने की मांग उठाई.
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कर्मचारियों की मांग मानते हुए कांग्रेस की राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल की सरकार ने उनको पुरानी पेंशन का लाभ दिया. कांग्रेस हरियाणा की गठबंधन सरकार से यही मांग कर रही है. अगर कांग्रेस की सरकार ओपीएस लागू कर सकती है तो कर्मचारियों के हित में हरियाणा सरकार ऐसा फैसला क्यों नहीं ले रही.
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