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क्या भूपेंद्र सिंह मान किसानों के लिए खड़ी करेंगे मुश्किल, चढ़ूनी आखिर चुप क्यों हैं?

सरकार को भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) का समर्थन (mann group support farm laws) मिल गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में मान गुट आंदोलन को रहे किसानों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. कैसे इस रिपोर्ट में पढ़िए-

mann group support farm laws
किसान आंदोलन में किसान v/s किसान!
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Published : Jun 23, 2021, 10:19 PM IST

चंडीगढ़: तीन कृषि कानूनों (three farm laws) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (farmers agitation) को 7 महीने का लंबा वक्त पूरा होने वाला है. इन 7 महीनों में कई बार किसान आंदोलन मजबूती के साथ आगे बढ़ता तो कई बार कमजोर होता दिखाई दिया है. भले ही किसान नेता ये कहें कि देश का हर किसान कृषि कानूनों के खिलाफ है, लेकिन सरकार कहती है कि कई किसान कृषि कानूनों के समर्थन में खड़े हैं.

ऐसा ही किसानों का एक गुट है भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) (mann group support farm laws), जो आने वाले दिनों में आंदोलन कर रहे किसानों की मुश्किलों को बढ़ा सकता है. दरअसल, इस गुट ने ना सिर्फ कृषि कानूनों का खुला समर्थन कर दिया है बल्कि गुट के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर उन्हें कुरुक्षेत्र के शाहबाद में होने वाली महापंचायत के लिए न्यौता भी दिया है.

bku mann group meet manohar lal
सीएम से मिलने के बाद भाकियू (मान गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुनी प्रकाश

ये भी पढ़िए: कृषि कानूनों के समर्थन में किसानों का ये गुट, कहा- कुरुक्षेत्र में CM को बुलाएंगे, रोक कर दिखाए चढूनी

दरअसल, मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुनी प्रकाश की अगुवाई में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी. इस दौरान मुख्यमंत्री का कुरुक्षेत्र में होने वाली महापंचायत का न्यौता भी दिया था.

इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ( challenge gurnam singh chaduni) को खुला चैलेंज देते हुए गुनी प्रकाश ने कहा कि ये लोग कहते हैं कि बीजेपी के नेताओं को हरियाणा में कार्यक्रम नहीं करने दिया जाएगा, लेकिन हम सीएम मनोहर लाल को महापंचायत में बुला रहे हैं. अगर किसी में हिम्मत है तो कार्यक्रम का विरोध करके दिखाएं. हम शांतिपूर्ण तरीके से महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं. अगर फिर भी किसी ने लाठी-डंडे चलाए तो हम भी कड़ा जवाब देंगे.

ये भी पढ़िए: सरकार कार्यक्रम करके देख ले, अगर किसान घेरने नहीं आए तो हम समझ लेंगे कि आंदोलन हमारे हाथ से निकल गया-चढूनी

किसानों के जिस गुट ने कृषि कानूनों का खुला समर्थन किया है वो भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) है. बता दें कि ये वही भूपेंद्र सिंह मान का गुट है, जिन्होंने कभी कृषि कानूनों का विरोध और किसान आंदोलन का समर्थन किया था.

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भारतीय किसान यूनियन (मान गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान

कौन हैं भूपेंद्र सिंह मान?

भूपेंद्र सिंह मान भारतीय किसान यूनियन (मान गुट) के अध्यक्ष हैं. 81 साल के मान पंजाब के बटाला जिले के रहने वाले हैं. वो 1990 से 1996 तक राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य रह चुके हैं. वो कांग्रेस का साल 2012, 2017 विधान सभा और 2019 में लोकसभा चुनावों में समर्थन कर चुके हैं. इसके अलावा उन्हें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर बनाई गई कमेटी का सदस्य भी चुना गया था. जिसके बाद किसान नेताओं ने इसका विरोध किया था. किसान नेताओं का कहना था कि मान कृषि कानूनों के समर्थक हैं. हालांकि बाद में भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को इस कमेटी से अलग कर लिया था.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा भारतीय किसान यूनियन मान गुट के प्रदेश अध्यक्ष गुनी प्रकाश के शिष्टमंडल ने उनसे मुलाकात की है. बीकेयू के कुरुक्षेत्र में कार्यक्रम के निमंत्रण को हमने स्वीकार किया है, लेकिन अभी इसपर विचार करेंगे. सीएम ने ये भी कहा कि असली किसान कृषि कानून के समर्थन में है, कुछ मुट्ठी भर लोग ही आंदोलन कर रहे हैं.

ये भी पढ़िए: विधायक दल की बैठक के बाद बोले सीएम- कृषि कानून के समर्थन में असली किसान, कुछ मुट्ठी भर लोग कर रहे आंदोलन

वहीं जब इस बारे में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया. शायद चढूनी इस मसले पर कुछ ना बोलने से इसलिए बच रहे हैं क्योंकि वो मान गुट को वो तवज्जो नहीं देना चाहते हैं, जिसे पाने की कोशिश मान गुट कर रहा है और यही वजह है कि खुला चैलेंज मिलने के बाद भी चढूनी फिलहाल चुप हैं.

mann group challenge gurnam singh chaduni
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी

ये भी पढ़िए: राकेश टिकैत की सरकार को चेतावनी, 'सरकार मानने वाली नहीं है, इलाज तो करना पड़ेगा'

वहीं दूसरी तरफ हरियाणा सरकार पहले से ही ये कहती आ रही है कि किसान आंदोलन किसानों का नहीं बल्कि अपना राजनीतिक स्वार्थ निकालने वाले लोगों का बनकर रह गया है. ऐसे में सरकार को भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) का समर्थन मिलना आने वाले दिनों में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. क्योंकि अगर ये महापंचायत हुई और मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी उसमें गए तो सरकार के कार्यक्रमों का विरोध कर रहे किसानों के दोराहे जैसी स्थिति होगी. क्योंकि अगर उन्होंने विरोध किया तो किसान आमने-सामने दिखेंगे और नहीं किया तो भूपेंद्र मान गुट इसे अपनी जीत के तौर पर दिखाएगा.

farmers agitation latest news
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन

चंडीगढ़: तीन कृषि कानूनों (three farm laws) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (farmers agitation) को 7 महीने का लंबा वक्त पूरा होने वाला है. इन 7 महीनों में कई बार किसान आंदोलन मजबूती के साथ आगे बढ़ता तो कई बार कमजोर होता दिखाई दिया है. भले ही किसान नेता ये कहें कि देश का हर किसान कृषि कानूनों के खिलाफ है, लेकिन सरकार कहती है कि कई किसान कृषि कानूनों के समर्थन में खड़े हैं.

ऐसा ही किसानों का एक गुट है भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) (mann group support farm laws), जो आने वाले दिनों में आंदोलन कर रहे किसानों की मुश्किलों को बढ़ा सकता है. दरअसल, इस गुट ने ना सिर्फ कृषि कानूनों का खुला समर्थन कर दिया है बल्कि गुट के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर उन्हें कुरुक्षेत्र के शाहबाद में होने वाली महापंचायत के लिए न्यौता भी दिया है.

bku mann group meet manohar lal
सीएम से मिलने के बाद भाकियू (मान गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुनी प्रकाश

ये भी पढ़िए: कृषि कानूनों के समर्थन में किसानों का ये गुट, कहा- कुरुक्षेत्र में CM को बुलाएंगे, रोक कर दिखाए चढूनी

दरअसल, मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुनी प्रकाश की अगुवाई में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी. इस दौरान मुख्यमंत्री का कुरुक्षेत्र में होने वाली महापंचायत का न्यौता भी दिया था.

इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ( challenge gurnam singh chaduni) को खुला चैलेंज देते हुए गुनी प्रकाश ने कहा कि ये लोग कहते हैं कि बीजेपी के नेताओं को हरियाणा में कार्यक्रम नहीं करने दिया जाएगा, लेकिन हम सीएम मनोहर लाल को महापंचायत में बुला रहे हैं. अगर किसी में हिम्मत है तो कार्यक्रम का विरोध करके दिखाएं. हम शांतिपूर्ण तरीके से महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं. अगर फिर भी किसी ने लाठी-डंडे चलाए तो हम भी कड़ा जवाब देंगे.

ये भी पढ़िए: सरकार कार्यक्रम करके देख ले, अगर किसान घेरने नहीं आए तो हम समझ लेंगे कि आंदोलन हमारे हाथ से निकल गया-चढूनी

किसानों के जिस गुट ने कृषि कानूनों का खुला समर्थन किया है वो भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) है. बता दें कि ये वही भूपेंद्र सिंह मान का गुट है, जिन्होंने कभी कृषि कानूनों का विरोध और किसान आंदोलन का समर्थन किया था.

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भारतीय किसान यूनियन (मान गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान

कौन हैं भूपेंद्र सिंह मान?

भूपेंद्र सिंह मान भारतीय किसान यूनियन (मान गुट) के अध्यक्ष हैं. 81 साल के मान पंजाब के बटाला जिले के रहने वाले हैं. वो 1990 से 1996 तक राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य रह चुके हैं. वो कांग्रेस का साल 2012, 2017 विधान सभा और 2019 में लोकसभा चुनावों में समर्थन कर चुके हैं. इसके अलावा उन्हें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर बनाई गई कमेटी का सदस्य भी चुना गया था. जिसके बाद किसान नेताओं ने इसका विरोध किया था. किसान नेताओं का कहना था कि मान कृषि कानूनों के समर्थक हैं. हालांकि बाद में भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को इस कमेटी से अलग कर लिया था.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा भारतीय किसान यूनियन मान गुट के प्रदेश अध्यक्ष गुनी प्रकाश के शिष्टमंडल ने उनसे मुलाकात की है. बीकेयू के कुरुक्षेत्र में कार्यक्रम के निमंत्रण को हमने स्वीकार किया है, लेकिन अभी इसपर विचार करेंगे. सीएम ने ये भी कहा कि असली किसान कृषि कानून के समर्थन में है, कुछ मुट्ठी भर लोग ही आंदोलन कर रहे हैं.

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वहीं जब इस बारे में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया. शायद चढूनी इस मसले पर कुछ ना बोलने से इसलिए बच रहे हैं क्योंकि वो मान गुट को वो तवज्जो नहीं देना चाहते हैं, जिसे पाने की कोशिश मान गुट कर रहा है और यही वजह है कि खुला चैलेंज मिलने के बाद भी चढूनी फिलहाल चुप हैं.

mann group challenge gurnam singh chaduni
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी

ये भी पढ़िए: राकेश टिकैत की सरकार को चेतावनी, 'सरकार मानने वाली नहीं है, इलाज तो करना पड़ेगा'

वहीं दूसरी तरफ हरियाणा सरकार पहले से ही ये कहती आ रही है कि किसान आंदोलन किसानों का नहीं बल्कि अपना राजनीतिक स्वार्थ निकालने वाले लोगों का बनकर रह गया है. ऐसे में सरकार को भारतीय किसान यूनियन (भूपेंद्र सिंह मान गुट) का समर्थन मिलना आने वाले दिनों में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. क्योंकि अगर ये महापंचायत हुई और मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी उसमें गए तो सरकार के कार्यक्रमों का विरोध कर रहे किसानों के दोराहे जैसी स्थिति होगी. क्योंकि अगर उन्होंने विरोध किया तो किसान आमने-सामने दिखेंगे और नहीं किया तो भूपेंद्र मान गुट इसे अपनी जीत के तौर पर दिखाएगा.

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कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन
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